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चंडीगढ़: पंजाब में खेती विकास बैंकों का कर्ज न चुका पाने वाले 2000 से ज्यादा डिफाल्टर किसानों ने गिरफ्तारी के वारंट जारी कर दिए हैं, जिससे पूरे पंजाब में बवाल मच गया है। विपक्ष ने इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी की सरकार को घेरा है। वहीं, भारतीय किसान यूनियन डकौंदा ने संघर्ष करने की चेतावनी दी है।

माहौल बिगड़ता देखकर वित्तमंत्री हरपाल चीमा जिनके पास सहकारिता विभाग भी है, ने मोर्चा संभाला और इन आदेशों को वापस लेने की बात कही। उन्होंने कहा कि ये आदेश कांग्रेस के कार्यकाल में जारी किए गए थे उन्हें लागू अब किया जा रहा है। मैंने विभाग से इन आदेशों पर रोक लगाने को कहा है। उन्होंने कहा कि कर्ज के कारण न तो किसानों की गिरफ्तारी होगी और न ही उनकी जमीन को नीलाम किया जाएगा।

पंजाब में लगभग दो हजार डिफाल्टर किसानों के गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं और कई केसों में तो जमीन की नीलामी की प्रक्रिया भी चल रही है। हालांकि पिछले सरकारों के दौरान यह तय किया गया था कि कर्ज के कारण किसानों की जमीन की नीलामी नहीं की जाएगी।

चंडीगढ़: पंजाब में आम आदमी पार्टी की भगवंत मान सरकार ने सत्ता में आने के एक माह पूरे होने पर अपने बिजली के वादे को लेकर बड़ी घोषणा की है। पंजाब सरकार की ओर से शनिवार को घोषणा आई है कि पंजाब में हर घर को 300 यूनिट बिजली फ्री दी जाएगी। ये नया नियम यहां 1 जुलाई, 2022 से लागू होगा।

बता दें कि अभी कुछ दिनों पहले ही आप प्रवक्ता मालविंदर सिंह कांग ने मीडिया के सामने कहा था कि पंजाब में लोगों को 300 यूनिट बिजली फ्री देने की योजना का ब्लूप्रिंट लगभग तैयार हो गया है। वहीं, पिछले मंगलवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा था कि उनकी सरकार राज्य के लोगों को जल्द ही एक 'खुशखबरी' देने वाली है। उन्होंने एक ट्वीट कर बताया था कि इस विषय में उनकी पार्टी के नेता और दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल से चर्चा हुई थी।

हालांकि, ये चर्चा का विषय है कि फ्री बिजली की सप्लाई जुलाई से शुरू होगी, जबकि मई-जून में मुख्यतया धान रोपने का वक्त होता है। इस वक्त में किसानों को बिजली की नियमित सप्लाई की जरूरत होती है।

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल द्वारा पंजाब के अधिकारियों की बैठक लेने के बाद विपक्ष लगातार सीएम भगवंत मान पर 'रिमोट कंट्रोल' का आरोप लगा रहा है। इन आरोपों पर भगवंत मान ने घोषणा की कि अधिकारियों को प्रशिक्षण लेने के लिए भेजने का निर्णय उनका था। भगवंत मान ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो प्रशिक्षण के लिए मैं अपने अधिकारियों को गुजरात, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और यहां तक कि इस्राइल भी भेजूंगा। इसमें किसी को आपत्ति क्यों होनी चाहिए?

गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा दिल्ली में पंजाब के मुख्य सचिव और पंजाब बिजली विभाग के बड़े अधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर आ गई है। जब केजरीवाल अधिकारियों संग बैठक कर रहे थे, तब पंजाब के सीएम भगवंत मान वहां मौजूद नहीं थे। पंजाब सीएम की दोपहर 3:00 बजे केजरीवाल से मुलाक़ात तय थी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कथित तौर पर पंजाब राज्य बिजली निगम के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की।

नई दिल्ली/ चंडीगढ़: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा दिल्ली में पंजाब के मुख्य सचिव और पंजाब बिजली विभाग के बड़े अधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर आ गई है। जब केजरीवाल अधिकारियों संग बैठक कर रहे थे, तब पंजाब के सीएम भगवंत मान वहां मौजूद नहीं थे। पंजाब सीएम आज दोपहर 3:00 बजे केजरीवाल से मुलाक़ात करेंगे। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कथित तौर पर पंजाब राज्य बिजली निगम के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में पंजाब के मुख्य सचिव और सचिव (ऊर्जा) भी उपस्थित थे। लेकिन इस बैठक में भगवंत मान के उपस्थित न होने की खबरों को लेकर विपक्ष ने आम आदमी पार्टी को निशाने पर लिया।

विपक्षी दलों ने केजरीवाल पर दिल्ली से रिमोट कंट्रोल के जरिए पंजाब चलाने का आरोप लगाया है। पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा, पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू, भाजपा के मनजिंदर सिरसा और अकाली दल के दलजीत चीमा ने ट्वीट कर आप सरकार पर निशाना साधा है।

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