ताज़ा खबरें
खराब हवा वाले दस शहरों में दसों यूपी के, अब दिल्ली का 11वां नंबर
दिल्‍ली के शाहदरा में दीपावली के दिन दो लोगों की गोलीमार कर हत्‍या
दीपावाली की सुबह 'गैस चेंबर' बनी दिल्ली, एक्यूआई खतरनाक स्तर पर
दिवाली पर जहरीली हुई दिल्ली, एयर क्वलिटी 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज

नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और इसकी पंजाब इकाई के पूर्व प्रमुख सुनील जाखड़ पुरानी पार्टी छोड़ने के कुछ दिनों बाद आज भाजपा में शामिल हो गए हैं। पार्टी में शामिल होने के बाद सुनील जाखड़ ने पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत भाजपा के कई बड़े नेताओं को धन्यवाद दिया।

उन्होंने कांग्रेस से संबंध टूटने को लेकर कहा कि हमारा संबंध 50 साल का था। हमारी तीन पीढ़ियां वहां काम कर चुकी हैं। पार्टी को परिवार समझकर अच्छे बुरे समय में साथ रहे। अगर रिश्ता तोड़ने की नौबत आई तो कोई निजी झगड़े के लिए पार्टी नहीं छोड़ी। मुझे इस बात को लेकर कटघरे में खड़ा किया कि मैंने आवाज उठाई कि पंजाब को जाति और धर्म के नाम पर नहीं तोड़ सकते। मैं समझता हूं पंजाब में सबको बराबरी का हक है। मैंने हमेशा राष्ट्रीयता की भावना रखी। निजी स्वार्थ के लिए राजनीति का इस्तेमाल नहीं करता। मैंने हमेशा जोड़ने का काम किया, तोड़ने का नहीं। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति की बात नहीं है कि जिसके चलते रिश्ता टूटा। शीशा नहीं था, 50 साल का संबंध था। रिश्तों को उसूल की तरह निभाया है। लेकिन पार्टी सिद्धांतों से हटी तो ये फैसला लेना पड़ा।

चंडीगढ़: पंजाब सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा की मांगों को स्वीकार कर लिया है। मंगलवार को किसानों का आंदोलन तेज हो गया था और 23 संगठनों से जुड़े किसान चंडीगढ़ के लिए कूच कर गए थे, जिन्हें मोहाली में रोक लिया गया था। अब आम आदमी पार्टी की सरकार ने धान रोपाई की मांग स्वीकार कर लिया है, जिसके तहत 7 जून से इसके पहले चरण की शुरुआत होगी। पंजाब सरकार ने तीन चरणों में धान रोपाई की मांग को स्वीकार कर लिया है। भगवंत मान ने बुधवार को दोपहर को किसानों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। वहीं बड़ी संख्या में किसान चंडीगढ़ की सीमा पर ही डटे हुए हैं और सरकार की ओर से औपचारिक आदेश जारी किए जाने के बाद ही पीछे हटने की बात कही है।

दरअसल पंजाब सरकार ने ऐलान किया था कि धान की रोपाई का सत्र 18 जून से शुरू किया जाए और पूरी प्रक्रिया 4 चरणों में पूरी होनी चाहिए। इस पर किसानों ने आपत्ति जताई थी। अब यह तीन चरणों में होगी और 7 जून से इसकी शुरुआत की जाएगी। पहले राउंड में उन क्षेत्रों में धान की रोपाई होगी, जहां पानी की कमी है।

चंडीगढ़: पंजाब के किसानों का गेहूं पर बोनस और 10 जून से धान की बुवाई शुरू करने जैसी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन अब तेज होता दिखाई दे रहा है। आप की सरकार पर दबाव बनाने के लिए राजधानी जाने से रोके जाने के बाद किसान मंगलवार को चंडीगढ़-मोहाली सीमा के पास धरने पर बैठ गए। इन मांगों को लेकर एक किसान नेता ने कहा, "यह पंजाब में हमारे संघर्ष की शुरुआत है और यह तब तक जारी रहेगा जब तक कि हमारी मांगें पूरी नहीं की जातीं। अभी तक केवल 25 प्रतिशत किसान ही यहां आए हैं, कल और आएंगे। यह करो या मरो की लड़ाई है।"

किसान अपनी मांगों में स्मार्ट बिजली मीटर लगाने का भी विरोध कर रहे हैं। राशन, बिस्तर, पंखे, कूलर, बर्तन, रसोई गैस सिलेंडर और अन्य सामान लेकर पंजाब भर के किसान मोहाली के गुरुद्वारा अंब साहिब में एकत्रित हुए। किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली, बसों और अन्य वाहनों में राशन और अन्य आवश्यक सामान लेकर आए हैं।

प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि सरकार उन्हें 10 जून से धान की बुवाई की अनुमति दे। वे मक्का और मूंग के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए अधिसूचना भी जारी करवाना चाहते हैं।

चंडीगढ़: पंजाब में अपनी मांगों को लेकर किसान संगठनों ने भगवंत मान सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मंगलवार को अलग-अलग किसान यूनियन के नेता चंडीगढ़ की तरफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए बढ़ रहे थे। किसानों को पुलिस ने रास्ते में ही रोक लिया। उनका आरोप है कि आम आदमी पार्टी ने चुनाव से पहले जो किसानों से वादे किए थे, उन्हें पूरा नहीं कर रही है।

किसानों के मुताबिक उन्होंने गेहूं की फसल पर प्रतिक्विंटल 500 रुपये का बोनस मांगा था। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सहमति भी जताई थी लेकिन इसको लेकर अब तक कोई नोटिफिकेशन नहीं जारी किया गया है। एक किसान ने कहा, हमारी मांग हैकि बासमती, मूंग की एमएसपी का नोटिफिकेशन जारी किया जाए। इसके अलावा बिजली के प्रीपेड मीटर नहीं लगने चाहिए। जब तक हमारी मांगें नहीं पूरी हो जातीं, हम चंडीगढ़ जाकर दिल्ली की तरह आंदोलन करेंगे।

किसानों का कहना है कि पंजाब सरकार के साथ उनकी बातचीत का कोई नतीजा न निकलने के बाद उन्होंने विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख