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कोलकाता: राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के पश्चिम बंगाल में लागू होने की संभावना को लेकर शुक्रवार को कोलकाता नगर निगम के मासिक सत्र के दौरान हंगामा हुआ। महापौर फिरहद हकीम ने पार्षदों को आश्वासन दिया कि जब तक पश्चिम बंगाल में तृणमूल की सरकार है तब तक एनआरसी को लागू नहीं होने दिया जाएगा। तृणमूल सरकार के आश्वासन के बावजूद एनआरसी लागू होने के डर से यहाँ और पूरे पश्चिम बंगाल में सैकड़ों की संख्या में लोग सरकारी कार्यालयों के बाहर अपने जन्म प्रमाण पत्र और अन्य कागजात लेकर इकठ्ठा हुए थे।

महापौर से लोगों की परेशानी का जवाब मांगने के लिए कांग्रेस और वामदल समेत विपक्ष सदन के सभापति के सामने एकजुट हो गया। वरिष्ठ कांग्रेसी पार्षद प्रकाश उपाध्याय ने एनआरसी के प्रति लोगों के डर को लेकर हाकिम से जवाब माँगा। उन्होंने कहा कि केवल भाषण देने से काम नहीं चलेगा, लोगों की चिंता दूर करने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए। भाजपा पार्षद विजय ओझा ने उपाध्याय का विरोध करते हुए कहा कि केंद्र सरकार जल्दी ही संसद में नागरिकता संशोधन विधेयक लाकर शरणार्थियों को नागरिकता देगी।

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को यह साफ कर दिया कि विदेशियों की पहचान के लिए स्क्रीनिंग के बाद जिन लोगों को सिटिजन चार्टर रजिस्टर से बाहर रखा जाएगा, उन विदेशियों के लिए उनकी सरकार राज्य में डिटेंशन सेंटर नहीं बनने देगी। उत्तरी बंगाल के सिलीगुड़ी में प्रशासनिक समीक्षा बैठक के बाद ममता बनर्जी ने कहा- “डिटेंशन कैम्प का कोई सवाल ही नहीं है। उन्हें यह काम राज्य सरकार के जरिए करना है, लेकिन हम ऐसा नहीं करने जा रहे हैं। इस बार से आप निश्चिंत रहें। बंगाल में कोई डिटेंशन कैंप नहीं होगा।”

उनका यह बयान ऐसे वक्त पर आया है जब इससे पहले सीपीआई (एम) के राज्य ईकाई के सचिव सूर्यकांत मिश्रा ने रविवार को पार्टी समर्थकों के बीच यह धमकी देते हुए कहा था कि केन्द्र अगर राज्य में डिटेंशन कैम्प बनाने की कोशिश करेगी तो वे उसे ढहाने में सबसे आगे रहेंगे।

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने अपनी बैठक में शामिल होने से सरकारी अधिकारियों के इंकार के बाद कहा कि उन्हें ऐसा लगता है कि पश्चिम बंगाल में किसी प्रकार की सेंसरशिप है। गौरतलब है कि जिला अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के प्रशासनिक दौरे को देखते हुए राज्यपाल की बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया था। धनखड़ ने उनके इनकार को 'असंवैधानिक' बताया है। राज्यपाल ने पिछले हफ्ते उत्तर तथा दक्षिण 24 परगना जिलों के जिला मजिस्ट्रेट, नौकरशाहों और निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ बैठकें करने की इच्छा जताई थी।

उन्होंने मंगलवार से यहां का दौरा प्रारंभ किया है। राज भवन के सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल कार्यालय को सोमवार शाम दो जिलों के जिला मजिस्ट्रेटों से पत्र मिले जिनमें कहा गया था कि अधिकारी मुख्यमंत्री के उत्तर बंगाल के दौरे में व्यस्तता के चलते राज्यपाल की बैठकों में शामिल नहीं हो पाएंगे। सूत्रों के मुताबिक अधिकारियों ने कहा कि उनके (राज्यपाल) दौरे के मद्देनजर वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी।

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एनआरसी को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। ममता ने कहा, कोई भी राज्यों से वहां रहने वाले नागरिकों को नहीं हटा सकता है। बंगाल को एनआरसी की जरूरत नहीं है और यह निश्चित रूप से यहां लागू नहीं होगा। मेरा सभी धर्मों में विश्वास है और किसी भी नागरिक को अपना स्थान नहीं छोड़ना पड़ेगा, चाहे वे बंगाली हों या किसी अन्य धर्म के।

ममता बनर्जी ने आगे कहा, हमारे देश में रहना हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है, जब हम यहां अपना वोट डाल रहे हैं। बंगाल शांति का स्थान है और एनआरसी उस शांति को नष्ट कर देगा, मैं इसका कड़ा विरोध करती हूं। हमारी सरकार आपके साथ थी, और हमेशा आपके साथ रहेगी।

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