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कोलकाता: ममता बनर्जी मंत्रिमंडल में शुभेंदु अधिकारी के बाद वन मंत्री राजीव बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के लिए खतरे की घंटे बजाते हुए आरोप लगाया कि नेतृत्व से करीबी संबंध रखने वालों को महत्व दिया जाता है जबकि मेहनती कार्यकर्ताओं को दरकिनार किया जा रहा है। राजीव बनर्जी ने दावा किया कि राजनीति में आजकल कुछ ऐसे लोग हैं जो सत्ता का आनंद लेने के बारे में सोचते हैं, और लोगों की सेवा करना उनका लक्ष्य नहीं है। राज्य के वन मंत्री ने शनिवार को यहां एक कार्यक्रम में कहा, एक राजनीतिक मंच का उपयोग कई लोगों की मदद के लिए किया जा सकता है, लेकिन कुछ लोग अपने व्यक्तिगत लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए इसका उपयोग कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, इससे मुझे दुख होता है कि जो लोग जनता के हित में काम कर रहे हैं और सक्षम तथा मेहनती हैं, उन्हें उचित महत्व नहीं मिल रहा है, जबकि जो लोग वातानुकूलित कक्षों में बैठे हैं और सोचते हैं कि जनता को बेवकूफ बनाया जा सकता है, उन्हें सिर्फ इसलिए महत्व मिल रहा है क्योंकि उनके लिए जो लोग मायने रखते हैं, उन्हें वे खुश रखते हैं।

बारासात: राजनीतिक दलों के बयानों से अब पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव की तस्वीर धीरे-धीरे साफ होती जा रही है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने मंसूबे साफ कर दिए हैं। बंगाल चुनाव को वह बड़े ही आक्रामक ढंग से अपने चिरपरिचित अंदाज में लड़ने जा रही है। इस विधानसभा चुनाव में भाजपा सीएए, राष्ट्रवाद और ममता सरकार के कथित भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाते हुए उसमें हिंदुत्व का तड़का लगाएगी।

भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने शनिवार को बारासात में कहा कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) अगले साल जनवरी से लागू हो सकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस की सरकार शरणार्थियों के प्रति हमदर्दी नहीं रखती है। उत्तर 24 परगना जिले में पत्रकारों से बातचीत में विजयवर्गीय कहा, 'हमें उम्मीद है कि सीएए के तहत शरणार्थियों को नागरिकता देने की प्रक्रिया अगले साल जनवरी से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने ईमानदार नीयत से इस विधेयक को पारित किया था।' सीएए में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आ गए हिंदू, सिख, बौद्ध, ईसाई, जैन और पारसी शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है।

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार से 27 नवंबर को परिवहन मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले शुभेंद्र अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि मेरी पहचान यह है कि मैं पश्चिम बंगाल और भारत का बेटा हूं। मैं हमेशा पश्चिम बंगाल के लोगों के लिए लडूंगा। आपको बात दें कि बागी हो चुके पूर्व मंत्री शुभेंदु अधिकारी ने मन बदलने से इनकार कर दिया है। शुभेंदु अधिकारी ने पार्टी नेतृत्व को भेजे संदेश में कहा है कि उनके लिए अब टीएमसी में रहकर काम करना संभव नहीं है।

शुभेंदु अधिकारी के करीबी लोगों ने कहा है कि वह भारी जनाधार वाले प्रभावशाली नेता हैं, जिन्होंने राज्य मंत्रिमंडल और अन्य पदों से इस्तीफा दे दिया था, जो कुछ दिन पहले तक उनके पास थे। करीबियों ने बताया कि अधिकारी इस बात पर कायम हैं कि उनके लिए पार्टी के साथ काम करना 'मुश्किल' है।

कोलकाता: राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस से बगावत करने वाले पार्टी के प्रमुख नेता शुभेंदु अधिकारी के करीबी लोगों ने पार्टी नेतृत्व से उनके सुलह होने के दावे को गलत करार दिया है। उन्होंने बुधवार को कहा कि अधिकारी की नाराजगी कायम है क्योंकि उनकी शिकायतों को दूर नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि शुभेंदु अधिकारी भारी जनाधार वाले प्रभावशाली नेता हैं, जिन्होंने राज्य मंत्रिमंडल और अन्य पदों से इस्तीफा दे दिया था, जो कुछ दिन पहले तक उनके पास थे। करीबियों ने बताया कि अधिकारी इस बात पर कायम हैं कि उनके लिए पार्टी के साथ काम करना मुश्किल है।

टीएमसी नेताओं के दावों से नाराज अधिकारी

ऐसा कहा जा रहा है कि जिस तरह से तृणमूल के वरिष्ठ नेताओं ने दावा किया कि मंगलवार को पार्टी सांसद अभिषेक बनर्जी, सौगत रॉय और सुदीप बंदोपाध्याय के अलावा चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ हुई बैठक के बाद वे सभी मतभेद दूर हो गए हैं, उससे अधिकारी नाराज हैं।

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