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कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत राय ने मंगलवार को दावा किया है कि पार्टी के असंतुष्ट विधायक शुभेंदु अधिकारी को मना लिया गया है। उन्होंने पार्टी के प्रमुख नेताओं के साथ मिलकर अधिकारी से मुलाकात की। पार्टी नेतृत्व के साथ मतभेदों की वजह से अधिकारी ने पिछले दिनों राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद उनके भाजपा में शामिल होने की अटकलें लगने लगीं।

टीएमसी सांसद सौगत राय ने सुभेंदु अधिकारी से मुलाकात करने के बाद कहा कि वे (अधिकारी) भाजपा में नहीं जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ''यह एक मूर्खतापूर्ण धारणा थी। मैंने आज प्रशांत किशोर, सुदीप बनर्जी और अभिषेक बनर्जी के साथ मिलकर उनके साथ एक सार्थक बैठक की। चीजें अब सुलझ गई हैं। वे टीएमसी के साथ हैं और हम ममता को फिर से जीतने के लिए एक साथ काम करेंगे।

अधिकारी नंदीग्राम में भूमि अधिग्रहण के खिलाफ हुए आंदोलन का चेहरा थे और इसी आंदोलन के बूते 2011 में ममता बनर्जी सत्ता में आई थीं। हालांकि, उन्होंने तृणमूल कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता नहीं छोड़ी है।

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को केंद्र सरकार पर देश के संघीय ढांचे को नुकसान पहुंचाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया और सवाल किया कि प्रधानमंत्री के नागरिक सहायता और आपात राहत कोष (पीएम केयर्स) का पैसा कहां गया। बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार केंद्र की भाजपा नीत सरकार की इच्छा से काम नहीं करेगी।

उन्होंने राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘पीएम केयर्स फंड का सारा धन कहां गया? क्या किसी को इस निधि के भविष्य के बारे में जानकारी है? लाखों करोड़ों रुपये कहां गये? कोई ऑडिट क्यों नहीं कराया गया? केंद्र सरकार हमें उपदेश दे रही है। उन्होंने कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए हमें क्या दिया है।’’

चुनाव नजदीक होने की वजह से पश्चिम बंगाल को निशाना बनाने का आरोप केंद्र सरकार पर लगाते हुए तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति देश के अन्य कई राज्यों से बेहतर है।

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में 2021 में विधानसभा चुनाव होने हैं मगर सियासी हलचल अभी से ही तेज हो गई है। पश्चिम बंगाल में भाजपा से मिल रही कड़ी टक्कर के बीच अगले साल विधानसभा चुनाव से पहले ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस सरकार आज यानी 1 दिसंबर से बंगाल के लोगों को साधने के लिए अपने सबसे बड़े संपर्क अभियान 'दुआरे- दुआरे पश्चिम बोंगो सरकार' (प्रत्येक द्वार बंगाल सरकार) नाम से नया अभियान शुरू कर दिया है। 

पिछले दस सालों में टीएमसी सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं-नीतियों और विकास के कार्यों को लोगों तक पहुंचाने और उनकी शिकायतें सुनने के लिए इस अभियान की शुरुआत की गई है। राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 'दुआरे सरकार' अभियान के तहत लगभग एक दर्जन सरकारी कार्यक्रमों और उसके लाभार्थियों या उन लोगों से जुड़ी शिकायतों को सुना जाएगा। 

कोलकाता: बंगाली बनाम बाहरी अभियान को मिली सकारात्मक प्रतिक्रिया से उत्साहित तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व ने पश्चिम बंगाल में भाजपा के आक्रामक हिंदुत्व के अभियान की काट के तौर पर 2021 के विधानसभा चुनाव में बंगाली अस्मिता को अपना मुख्य चुनावी मुद्दा बनाने का फैसला किया है। ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी ने बंगाली उपराष्ट्रवाद की भावना का सहारा लेने का फैसला किया है। पार्टी के शीर्ष नेताओं के एक धड़े का मानना है कि भगवा खेमे के आक्रामक राष्ट्रवाद और हिंदुत्व के उभार के जवाब में क्षेत्रीय भावना का सहारा लिया जा सकता है।

तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद सौगत राय ने मीडिया से कहा, ''अगले विधानसभा चुनाव के दौरान विकास के अलावा बंगाली अस्मिता हमारा मुख्य चुनावी मुद्दा होगा। बंगाली अस्मिता केवल बंगालियों के बारे में नहीं है इसमें सभी भूमि पुत्रों के लिए अपील है। इस विचारधारा के जरिए राज्य के लोगों को नियंत्रित करने के लिए बाहर से लाए गए नेताओं को थोपने के भाजपा के अभियान से मुकाबला करने में मदद मिलेगी।''

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