नई दिल्ली: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई अत्याचार को लेकर बंगाल में सियासी बवाल मचा हुआ है। वहीं, पीड़िता को न्याय दिलाने और डॉक्टर्स की सुरक्षा के लिए उचित कानून बनाने की मांग को लेकर डॉक्टर्स धरना दे रहे हैं। डॉक्टरों के हड़ताल पर सीएम ममता बनर्जी ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट लिखते हुए कहा कि हड़ताली डॉक्टरों की मांग जायज है। वहीं, डॉक्टरों के हड़ताल और विरोध प्रदर्शन में वो उनके साथ हैं।
सीएम ममता ने एक्स पर लिखा,"मैंने कुछ प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया में एक दुर्भावनापूर्ण दुष्प्रचार अभियान देखा है, जो कल हमारे छात्रों के कार्यक्रम में मेरे द्वारा दिए गए भाषण के संदर्भ में चलाया जा रहा है। मैं स्पष्ट रूप से स्पष्ट करना चाहती हूं कि मैंने (मेडिकल आदि) छात्रों या उनके आंदोलन के खिलाफ एक भी शब्द नहीं कहा है। मैं उनके आंदोलन का पूर्ण समर्थन करती हूं। उनका आंदोलन वास्तविक है। मैंने उन्हें कभी धमकी नहीं दी, जैसा कि कुछ लोग मुझ पर आरोप लगा रहे हैं। यह आरोप पूरी तरह से झूठा है।"
अपने भाषण को लेकर क्या बोलीं ममता बनर्जी?
ममता बनर्जी ने आगे कहा,"मैंने भाजपा के खिलाफ बोला है। मैंने उनके खिलाफ इसलिए बोला है, क्योंकि भारत सरकार के समर्थन से वे हमारे राज्य में लोकतंत्र को खतरे में डाल रहे हैं और अराजकता पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। केंद्र के समर्थन से वे अराजकता पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं और मैंने उनके खिलाफ आवाज उठाई है।
मैं यह भी स्पष्ट करना चाहती हूं कि कल मेरे भाषण में मैंने जिस वाक्यांश ("फोंश करा") का इस्तेमाल किया था, वह श्री रामकृष्ण परमहंस देव का एक उद्धरण है। महान संत ने कहा था कि कभी-कभी अपनी आवाज उठाने की जरूरत होती है। जब अपराध और आपराधिक वारदातें होती हैं, तो विरोध की आवाज उठानी पड़ती है। उस मुद्दे पर मेरा भाषण महान रामकृष्णवादी कहावत का प्रत्यक्ष संकेत था।"
बुधवार को भाजपा के बंगाल बंद को लेकर सीएम ममता ने कड़ी टिप्पणी की थी। तृणमूल प्रमुख ने कहा था, ‘‘अगर बंगाल में आग लगाई गई तो इसका असर असम, पूर्वोत्तर, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा और दिल्ली में भी पड़ेगा।’’
ममता बनर्जी ने पीएम मोदी पर साधा निशाना
आरजी कर अस्पताल की घटना को लेकर उनके इस्तीफे की मांग पर बनर्जी ने कहा, ‘‘ मैं भाजपा से पूछना चाहती हूं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर प्रदेश, असम, मध्य प्रदेश, मणिपुर और असम में महिलाओं पर अत्याचार और यौन हमलों को रोकने में अपनी विफलता के लिए इस्तीफा क्यों नहीं दिया। मैं पूछती हूं कि असम में मुठभेड़ में केवल एक आरोपी ही क्यों मारा गया?’’