दुर्गापुर: केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने आज आरोप लगाया कि दलित छात्र की मृत्यु के बाद तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने वोट-बैंक की राजनीति के चलते हैदराबाद का दौरा किया था। उन्होंने मालदा की हिंसा पर ममता बनर्जी सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि यह अल्पसंख्यकों का तुष्टीकरण है। भाजपा नेता ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए पूछा कि तृणमूल कांग्रेस के नेता पिछले साल राज्य के नदिया जिला क्यों नहीं गये थे जब वहां दलित महिलाओं के खिलाफ अत्याचार की कथित घटनाएं हुई थीं। ईरानी ने कहा, ‘साल 2015 में जब नदिया जिले में तीन दलित महिलाओं का उत्पीड़न किया गया तो किसी ने कुछ नहीं कहा।
तब ममता बनर्जी चुप थीं।’ मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा, ‘तृणमूल कांग्रेस ने वोट बैंक की राजनीति के लिए ही अपना दल हैदराबाद विश्वविद्यालय भेजा था। उन्होंने तब नदिया जिले में प्रतिनिधिमंडल क्यों नहीं भेजा था? डेरेक ओ ब्रायन वहां क्यों नहीं गये थे?’ तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता डेरेक ओ ब्रायन की अगुवाई में पार्टी का दो सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल हैदराबाद विश्वविद्यालय गया था, जहां दलित शोध छात्र रोहित वेमुला का शव 17 जनवरी को परिसर में छात्रावास के एक कमरे में लटका मिला था। तृणमूल कांग्रेस सरकार पर अल्पसंख्यक तुष्टीकरण की राजनीति में शामिल होने का आरोप लगाते हुए स्मृति ईरानी ने कहा, ‘मालदा में क्या हो रहा है? मालदा में सत्तारूढ़ पार्टी के संरक्षण में एक थाना जला दिया गया और पुलिस मूक दर्शक बनी रही। वे क्या कर रहे थे? तृणमूल कांग्रेस वोट बैंक की राजनीति कर रही है।’ स्मृति ने दावा किया कि राज्य सरकार कानून व्यवस्था की स्थिति बनाये रखने में पूरी तरह नाकाम रही है जिसकी वजह से महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़े हैं। उन्होंने कहा, ‘तृणमूल कांग्रेस बंगाल में महिलाओं की गरिमा का मजाक उड़ा रही है। महिलाओं के साथ बलात्कार होता है और मुख्यमंत्री उनके लिए मुआवजे के तौर पर 20,000 से 30,000 रुपये तय कर रही हैं।’