मालदा: पश्चिम बंगाल सरकार राज्य के चार पारंपरिक मीठे व्यंजनों के लिए जीआई (ज्योग्राफिकल आईडेंटिफिकेशन) टैग का दर्जा हासिल करने की योजना बना रही है। इसके पीछे उद्देश्य इन मिठाइयों को नकल से बचाना और भविष्य में उनका निर्यात करना है। जीआई टैग एक तरह का चिह्न है जिसका इस्तेमाल किसी मूल भौगोलिक स्थल से संबंधित उत्पादों के लिए किया जाता है और जो (उत्पाद) उस मूल स्थान के कारण खास तरह की गुणवत्ता एवं प्रतिष्ठा रखते हैं। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के निदेशक जयंत कुमार ऐकट ने कहा कि जिन चार मिठाइयों के लिए जीआई टैग मांगे जा रहे हैं, उनमें जयनगर की मोआ, कृष्णनगर का सरपुरिया और बर्धमान का सीताभोग और मिहीदाना शामिल हैं। ऐकट ने शुक्रवार शाम मालदा जिले में ‘मिष्टी मेला’ के उद्घाटन कार्यक्रम में कहा, ‘सस्ती नकल से बचाने के लिए इन चीजों के लिए जीआई टैग जरूरी है।
इससे गुणवत्ता के संरक्षण में भी मदद मिलेगी।’ उन्होंने कहा कि सरकार की भविष्य में इन मिठाइयों के निर्यात की भी योजना है और जीआई टैग से इस उद्देश्य में काफी मदद मिलेगी।