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पटना: जनता दल यूनाइटेड के पूर्व नेता आरसीपी सिंह पर आरोप लगाए गए कि वे नीतीश कुमार की बिना सहमति के केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हुए थे। हालांकि, इस पर खुद आरसीपी सिंह और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि नीतीश कुमार की सहमति के साथ ही उन्हें मंत्री बनाया गया था। मंगलवार को बिहार भाजपा की कोर कमेटी की बैठक हुई, जिसमें अमित शाह ने कहा कि नीतीश कुमार गलत बोले रहे हैं कि उनकी मर्जी के बिना आरसीपी सिंह मंत्री बने थे।

अमित शाह के मुताबिक, उस वक्त उनकी नीतीश कुमार से दो बार बात हुई थी। वो दो मंत्री सीटें चाहते थे, वो चाहते थे कि एक लोकसभा से और दूसरा राज्यसभा से उनकी पार्टी का मंत्री बने। लेकिन अमित शाह ने इस पर असमर्थता जाहिर की तो नीतीश कुमार ने आरसीपी के नाम पर मुहर लगाई थी। साथ ही अमित शाह ने माना कि उन्होंने दूसरी मंत्री सीट के लिए उन्हें भरोसा दिलाया था और कहा था कि आगे देख लेंगे।

शाह से पहले बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने भी इन आरोपों का खंडन किया था।

पटना: बिहार में नीतीश कुमार की नई सरकार के एक मंत्री कार्तिकेय सिंह को लेकर अब नया बवाल खड़ा हो गया है। बिहार के कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह के खिलाफ अपहरण के एक मामले में राजद एमएलसी सिंह के खिलाफ वारंट जारी हुआ था। उन्हें 16 अगस्त को कोर्ट में सरेंडर करना था, लेकिन वह कोर्ट नहीं पहुंचे। हालांकि, उन्होंने उसी दिन कानून मंत्री की शपथ ली। कार्तिकेय और उनके वकील का दावा है कि इस मामले में उन्हें कोर्ट से अग्रिम जमानत मिल गई है।

साल 2014 में राजीव रंजन की किडनैपिंग हुई थी इसके बाद कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लिया था और कार्तिकेय सिंह को आरोपी बनाया गया था। मास्टर साहब के नाम से मशहूर कार्तिकेय सिंह बाहुबली अनंत सिंह के करीबी माने जाते हैं।

कार्तिकेय सिंह ने इस मामले पर कहा, 'हलफनामे में सब दिया हुआ है। उसमें कोई इस तरह की बात नहीं है।' वहीं, नीतीश कुमार से जब इस बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस मामले में कोई जानाकरी नहीं है।

नई दिल्ली: बिहार में सियासी उठक पटक के बाद भाजपा कोर कमेटी की मंगलवार शाम एक बैठक हुई। सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी प्रमुख जेपी नड्डा के नेतृत्व में होने वाली इस बैठक में राज्य में 'पोल खोल नीतीश कुमार' थीम पर कई रैलियां करने पर बात हुई। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा है कि बैठक में बिहार के सभी मुद्दों पर चर्चा हुई है। उन्होंने जदयू और राजद पर निशाना साधते हुए कहा कि यह जनता को धोखा देने वाला गठबंधन है। लालू राज को वापस करने वाला गठबंधन है। पिछले दरवाजे से लालू राज को वापस लाने का प्रयास है, जिसका हम विरोध करेंगे। पीएम मोदी के नेतृत्व में 2024 में 35 से ज्यादा लोकसभा सीटें प्रदेश में जीतेंगे।

एलजेपी के दोनों धड़ों को साथ लाने की तैयारी

बता दें कि नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ हुए गठबंधन से अपना नाता तोड़ लिया है। साथ ही राजद और कांग्रेस के साथ मिलकर राज्य में दोबारा सरकार बना ली है।

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नई कैबिनेट का शपथ ग्रहण समारोह 52 मिनट तक चला। एक साथ 5 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई। कुल 31 नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली, जिनमें से आरजेडी से 16, जेडीयू से 11, कांग्रेस से 2, हम से एक और एक निर्दलीय ने शपथ ली। राज्यपाल फागू चौहान ने सभी नए मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।

सबसे पहले विजय चौधरी, बिजेंद्र प्रसाद यादव, तेज प्रताप यादव, आफाक आलम और आलोक मेहता ने मंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल फागू चौहान ने पांचों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।

लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने दूसरी बार मंत्री पद की शपथ ली है, वे हसनपुर से विधायक हैं। वहीं, आलोक मेहता आरजेडी के वरिष्ठ नेता है, उन्हें सरकार में अहम विभाग मिल सकता है।

शपथग्रहण के दूसरे दौर में जेडीयू के अशोक चौधरी, श्रवण कुमार, आरजेडी के रामानंद यादव, सुरेंद्र कुमार यादव और लेशी सिंह को राज्यपाल ने मंत्री पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।

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