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पटना: बिहार में भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ने के नीतीश कुमार के फैसले को लेकर जेडीयू नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने स्थिति स्‍पष्‍ट की है। ललन सिंह ने कहा, "जो फैसला लिया है उससे सभी खुश हैं। 2020 में विधानसभा चुनाव हुआ था और हमारे लोगों ने भाजपा को जिताया था और उन लोगों ने हम लोगों को हराया है। ये गठबंधन धर्म नही निभाते हैं, अरुणाचल प्रदेश में 6 विधायकों को तोड़ लिया। ईटानगर में हमने नगर निकाय में बेहतर प्रदर्शन किया।"

भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्‍होंने कहा, "2019 में आपको प्रधानमंत्री बनना था तो कोई गड़बड़ नही हुई, लेकिन 2020 में साजिश शुरू हो गई। नीतीशजी ने जिसे राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया उसको भाजपा ने अपने साथ मिला लिया, लोजपा में उन लोगों को टिकट दिया गया जो भाजपा के थे, सब चुनाव हारे और फिर भाजपा में वापस आ गए।" ललन सिंह ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि राष्ट्रीय जनता दल के नेताओं को फ़ोन गया था कि आप नीतीश के साथ गठबंधन न करें।

नई दिल्ली: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बुधवार को कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन में असहज महसूस कर रहे थे और इसी वजह से उन्होंने दूसरे दलों के साथ गठबंधन करने का फैसला किया।

कभी कुमार के करीबी माने जाने वाले किशोर ने कहा कि बिहार में राजनीतिक घटनाक्रम का असर फिलहाल राज्य तक ही सीमित रहेगा। उन्होंने कहा कि अल्पावधि में राष्ट्रीय स्तर पर इस बदलाव का कोई असर दिखने की संभावना नहीं है।

किशोर ने पटना में समाचार चैनल को कहा, ‘‘ 2017 से 2022 तक वह भाजपा के साथ थे, लेकिन कई कारणों से मैंने उन्हें कभी सहज नहीं पाया। उन्होंने सोचा होगा कि क्यों न महागठबंधन के साथ प्रयोग किया जाए।’’ कुमार के प्रधानमंत्री बनने की महत्वाकांक्षाओं की खबरों पर, किशोर ने कहा कि घटनाक्रम पूरी तरह से केवल बिहार तक सीमित है।

पटनाः नीतीश कुमार ने 8वीं बार बिहार के सीएम के तौर पर शपथ लेते ही भाजपा पर तीखा हमला बोला है। नीतीश कुमार ने पीएम नरेंद्र मोदी पर बिना नाम लिए ही हमला बोलते हुए कहा कि क्या 2014 में आने वाले 2024 में रह जाएंगे? हम रहें या न रहें, वो 2024 में नहीं रह जाएंगे। नीतीश कुमार ने भाजपा संग गठबंधन तोड़ने पर भी खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि बीते डेढ़ महीने से हम कोई बातचीत नहीं कर रहे थे, जो हो रहा था, वह गलत था। नीतीश कुमार ने कहा कि 2020 के चुनाव में जेडीयू के साथ क्या बर्ताव हुआ था। हमारा भाजपा के साथ जाने से नुकसान हुआ था।

नीतीश कुमार ने कहा कि हमारी पर्टी के सब लोग बोलते रहे कि भाजपा को छोड़ दिया जाए। इसलिए हमने यह फैसला लिया था। पीएम पद की दावेदारी को लेकर कहा कि यह सब छोड़ दीजिए। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को लगता है कि विपक्ष खत्म हो जाएगा। हम भी तो विपक्ष में ही आ गए हैं। देश भर में घूमकर विपक्ष को मजबूत करने के सवाल पर नीतीश कुमार ने कहा कि हम आगे सब कुछ करेंगे।

पटनाः नीतीश कुमार ने आठवीं बार बिहार के सीएम पद की शपथ ले ली है। वहीं तेजस्वी यादव ने उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। इस मौके पर राबड़ी देवी और जीतन राम मांझी समेत बिहार के कई बड़े नेता मौजूद थे। भाजपा से अलग होकर नेता नीतीश कुमार ने सात दलों के 'महागठबंधन' के साथ जाने का फैसला किया गया है, जिसमें तेजस्‍वी यादव की आरजेडी ओर अन्‍य विपक्षी पार्टियां हैं।

इससे पहले नीतीश कुमार ने मंगलवार को राज्यपाल फागू चौहान से मुलाकात कर आठवीं बार राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश किया था। दरअसल, नीतीश कुमार ने मंगलवार को राज्यपाल से दो बार मुलाकात की थी। पहली बार राजग गठबंधन का नेतृत्व करने वाले मुख्यमंत्री के रूप में अपना इस्तीफा सौंपा था, जबकि दूसरी बार तेजस्वी सहित विपक्षी महागठबंधन के अन्य सहयोगियों के साथ राजभवन जाकर राज्यपाल को 164 विधायकों के समर्थन की सूची सौंपी थी। बिहार विधानसभा में इस समय 242 सदस्य हैं और बहुमत हासिल करने का जादुई आंकड़ा 122 है। जो कि उन्होंने हासिल कर लिया है।

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