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पटना: लोकसभा चुनाव के लिए बिहार में प्रचार जोर पकड़ने के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को राजद पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में बिजली की पर्याप्त आपूर्ति से ‘लालटेन’ के दिन पूरे हो गए हैं। लालटेन लालू प्रसाद नीत राजद का चुनाव चिह्न है और पूर्व मुख्यमंत्री (लालू) चारा घोटाला मामले में रांची की जेल में हैं। लालू ने नीतीश की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए टि्वटर के जरिए कहा, ‘‘एक डाल से दूसरी डाल पर फुदकने वाले प्राणी का बयान पढ़ लीजिए । 5 साल में बदली 5 पार्टी और 5 सरकार। तभी तो कहलाता है पलटुओं का सरदार।’’

कुमार ने जमुई लोकसभा क्षेत्र में एक चुनाव रैली में राजद पर हमला बोलते हुए कहा, ‘‘बिहार में हर घर में बिजली पहुंच गई है। अब लालटेन का कोई उपयोग नहीं है।’’ जदयू सुप्रीमो वहां राजग के घटक दल लोजपा सांसद चिराग पासवान के लिए प्रचार करने गए थे। कुमार ने भाजपा से नाता तोड़ने के चार साल बाद 2017 में राजग में लौटने के अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने बिहार के हित को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया था। उन्होंने आतंकवाद और अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश की प्रतिष्ठा बढ़ाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की।

भागलपुर/जमुई/किशनगंज: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजद पर हमला बोलते हुए कहा कि पति-पत्नी को 15 साल तक मौका मिला। उस समय सूबे में बिजली की खपत महज 700 मेगावाट थी। अब 5200 मेगावाट बिजली की खपत हो रही है। हर घर में बिजली पहुंचने से अब लालटेन की जरूरत खत्म हो गई है। उन्होंने उपस्थित जनसमूह से हाथ उठवाकर एनडीए प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करने का भरोसा भी लिया।

सीएम ने कहा कि जो महिलाएं उपेक्षित थीं घर के अंदर बंद थीं उनके उत्थान के लिए कई काम हुए हैं। पंचायतीराज में 50 फीसदी आरक्षण देनेवाला पहला राज्य बिहार है। आज 1000 से अधिक महिलायें जनप्रतिनिधि बनकर विकास कार्य में लगी हुई हैं। 1000 परिवार जीविका से जुड़ी हैं। विक्रमशिला सेतु के समानांतर फोरलेन पुल, सुल्तानगंज में पुल का निर्माण विकास का अध्याय खोल रहा है। हम इस इलाके को जानते हैं। यहां से गुजरते हैं तो चर्चा करते हैं। चुनाव के बाद आएंगे तो बचा हुआ काम पूरा करेंगे। सभा को पूर्व मंत्री अशोक चौधरी ने भी संबोधित किया।

बेगूसराय: भाजपा उम्मीदवार गिरिराज सिंह ने शनिवार को नामांकन दाखिल किया। वह बेगूसराय से भाजपा के उम्मीदवार हैं। गिरिराज सिंह पर अलग-अलग थाने में आधा दर्जन मामले दर्ज हैं। दानापुर थाने में एक, बड़हिया थाने में दो, मुजफ्फरपुर आरपीएफ में एक, पटना हवाई अड्डा थाने में एक समेत समस्तीपुर कोर्ट में नालसीवाद है। उन पर आचार संहिता उल्लंघन, भूमि स्वामितव विवाद, रेल परिचालन में व्यवधान व जनप्रतिनिधित्व कानून उल्लंघन का मामला दर्ज है। उनकी शैक्षणिक योग्यता स्नातक(कला) है।

उन्होंने मगध विवि से वर्ष 1971 में परीक्षा पास की थी। उनके पास नगद एक लाख 74 हजार जबकि पत्नी के पास एक लाख दस हजार हैं। बैंक खाते में 67 लाख 92 हजार 332 रुपए जबकि पत्नी के एसबीआई के अलग-अलग खाते में दो लाख, 99 हजार 211 जबकि एसबीआई के एक अन्य खाते में एक लाख 28 हजार रुपए हैं। कंपनियों में उनकी पत्नी के नाम से 41 लाख का एमएफ है। गिरिराज सिंह के नाम से पांच लाख व एक लाख का बीमा है। वहीं पत्नी के नाम से 96 हजार, 92 हजार व 50 हजार का बीमा है। वाहन के रूप में महिंद्रा कार (कीमत-पांच लाख) व नेनो टाटा है।

पटना: लालू प्रसाद पर लिखी गयी पुस्तक गोपालगंज से रायसीना तक मेरी राजनीतिक यात्रा’ पर राजनीतिक तूफान मचा है। लालू ने यह किताब वरिष्ठ पत्रकार नलिन वर्मा के साथ मिलकर लिखी है, जिसमें कई ऐसे तथ्य अंकित हैं, जिन पर आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गये हैं। इस किताब में दावा किया गया है कि भाजपा के साथ जाने के छह महीने के अंदर ही जदयू महागठबंधन में वापस आना चाहता था। इसके लिए जदयू ने प्रशांत किशोर को अलग-अलग मौकों पर अपना दूत बनाकर लालू के पास पांच बार भेजा था।

प्रशांत किशोर ने हर बार जदयू की 'धर्मनिरपेक्ष' धड़े में वापसी पर लालू प्रसाद को राजी करने की कोशिश की थी, लेकिन लालू प्रसाद ने मना कर दिया था। लालू ने कहा, मेरे मन में कोई कड़वाहट नहीं : अपनी इस पुस्तक में लालू ने लिखा है कि 'प्रशांत किशोर यह जताने की कोशिश कर रहे थे कि अगर मैं जदयू को लिखित में समर्थन सुनिश्चित कर दूं तो वह भाजपा से गठबंधन तोड़कर महागठबंधन में दोबारा शामिल हो जायेगा। हालांकि, जदयू नेतृत्व को लेकर मेरे मन में कोई कड़वाहट नहीं है, लेकिन उस पर से विश्वास पूरी तरह हट चुका है।'

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