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इंफाल: आफस्पा हटाने की मांग को लेकर नवंबर 2000 से भूख हड़ताल पर बैठीं ईरोम शर्मिला चानू द्वारा 29 फरवरी को अपना अनशन फिर से शुरू किए जाने के कारण उन्हें और एक बार गिरफ्तार किया गया। सरकारी अधिकारी के मुताबिक, हालांकि पुलिस ने अभी तक उनके खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया है और गिरफ्तारी को जायज ठहराने के लिए संबंधित धाराओं की तलाश में जुटी है। इंफाल की एक अदालत ने 29 फरवरी को आत्महत्या के मामले में शर्मिला को बरी कर दिया था, और उसी दिन से उन्होंने शहर के बीटी पार्क में अपना अहिंसक प्रदर्शन फिर से शुरू कर दिया। शर्मिला ने डॉक्टरों की टीम को मेडिकल जांच करने से भी मना कर दिया।

इंफाल: इंफाल की एक अदालत ने मणिपुरी अधिकार कार्यकर्ता इरोम चानू शर्मिला को न्यायिक हिरासत से रिहा करने का आज आदेश दिया जो कि सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (अफ्सपा) निरस्त करने की मांग को लेकर 15 सालों से अनशन पर हैं। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) (पूर्व) ने शर्मिला को रिहा करने का आदेश दिया, जिस पर अफ्सपा निरस्त करने को लेकर दबाव बनाने के वास्ते एक अनिश्चितकालीन अनशन करने के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 309 के तहत आरोप लगाया गया है। अदालत ने शर्मिला को रिहा करने का आदेश देते हुए कहा कि इस महिला के खिलाफ आत्महत्या के प्रयास का कोई सबूत नहीं है। शर्मिला ने अदालत परिसर में मीडिया से कहा कि उन्हें भरोसा है कि वह लोगों की सहयोग से अफ्सपा निरस्त करने की अपनी मांग प्राप्त कर लेंगी। उन्होंने अपनी मांग के लिए अपना अनशन जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई।

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