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इंफाल: मणिपुर विधानसभा चुनाव के दूसरे और आखिरी चरण का मतदान पांच बजे खत्म हो गया। इस चरण रिकार्ड मतदान हुआ। शाम पांच बजे तक 86 फीसदी मतदान हुआ। पिछले चुनाव में हुई वोटिंग के मुकाबले इस बार वोटिंग प्रतिशत में एक फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। वहीं इस चरण में पिछले चरण के मुकाबले 2 प्रतिशत अधिक मतदान हुआ। राज्य की कुल 60 में से 22 विधानसभा सीटों पर आज मतदान हुआ। राज्य के मुख्य निवार्चन अधिकारी विवेक कुमार देवांगन के मुताबिक शाम के समय कई मतदान केंद्रों के बाहर लोगों की लंबी कतारें देखने को मिली। उन्होंने कहा कि तामेंलेंग विधानसभा क्षेत्र के कुछ चुनाव केंद्रों के बाहर हिंसा की छिटपुट घटनाओं को छोड़कर मतदान प्राय: शांतिपूर्ण रहा। उन्होंने कहा कि चंदेल विधानसभा सीट में कुछ स्थानों पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को नुकसान पहुंचाये जाने की खबरें मिली। हालांकि, कुछ समय के भीतर ही ईवीएम बदल दिये गये। घाटी के थाउबल और पर्वतीय उखरूल, चंदेल, तामेंलोंग और सेनापति जिलों के 22 विधानसभा सीटों के लिए आज मतदान हुआ। राज्य विधानसभा की 38 सीटों के लिए चार मार्च को हुए पहले चरण के मतदान में 84 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। वहीं उनके बेटे ओकराम सूरजकुमार सिंह खांगाबोक से चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने भी अपनी जीत का दावा किया।

इंफाल: मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला मणिपुर के दूसरे और अंतिम चरण के मतदान में मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह के सामने हैं। यहां 22 विधानसभा क्षेत्रों के लिए बुधवार यानी आठ मार्च को मतदान होगा। विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान का प्रतिशत काफी अच्छा रहा। पहले चरण में 38 विधानसभा सीटों के लिए मतदान हुआ था। दूसरे चरण के मतदान के लिए सभी की निगाहें थाउबल विधानसभा क्षेत्र पर केंद्रित हैं। जहां इरोम मुख्यमंत्री के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं। दूसरे चरण के चुनाव में 98 उम्मीदवार मैदान में हैं। मतदान कल सुबह सात बजे 1,151 मतदान केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शुरू होगा. चुनाव आयोग ने केंद्रीय बलों की 280 कंपनी को सुचारू और पारदर्शी मतदान कराने के लिए तैनात किया है। दूसरे चरण के चुनाव में राज्य के बड़े नामों का भविष्य तय होने वाला है। इसमें मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह, उपमुख्यमंत्री एम गईखंगम, मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम चानू शर्मिला सहित कई अन्य शामिल हैं। पहले चरण के चुनाव में सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपना अभियान आर्थिक नाकेबंदी पर केंद्रित किया था।

इंफाल: मणिपुर में विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण के तहत शनिवार को 38 सीटों के लिए मतदान हुआ। अपराह्न तीन बजे तक करीब 80 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। चुनाव आयोग ने कहा कि मतदान का प्रतिशत अभी और बढ़ेगा क्योंकि विभिन्न मतदान बूथों के बाहर लोग अभी भी पंक्तियों में खड़े हैं। मणिपुर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के ओएसडी करम बोनो सिंह ने कहा, ‘पिछले दो चुनाव में यह करीब 80 प्रतिशत था। इस बार यह बढ़ने की उम्मीद है। हम अंतिम आंकड़े का इंतजार कर रहे हैं जो हमें शाम साढ़े पांच बजे के बाद मिलेगा।’ कुल मिलाकर इस चरण में 168 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। प्रमुख उम्मीदवारों में विधानसभाध्यक्ष टी लोकेश्वर सिंह, मंत्री आई हेमचंद्र सिंह, गोविंददास कांथोउजम, के रतनकुमार सिंह और टी एम वाईफेई, मणिपुर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष टी एन हाओकिप, पूर्व मंत्रियों पी टोनसिंग और वाई ई सिंह तथा भाजपा नेता टी सी सिंह शामिल हैं। मतदान कुलमिलाकर शांतिपूर्ण रहा, पीपुल्स रिसर्जेंस एंड जस्टिस अलायंस (पीआरजेए) के संयोजक ई लेईचोमबोम ने पुलिस में एक शिकायत दर्ज करायी कि सिनम लेईकाई में कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने उन पर हमला किया। वह लेईचोमबाम ने संवाददाताओं को कहा, ‘दो व्यक्तियों ने सिनम लेईकाई में मेरी कार पर पथराव किया जब मैं वहां पूर्वाह्न 11 बजे जा रहा था।’ सिनम लेईकाई थांगमेईबंद विधानसभा क्षेत्र में पड़ता है जहां आज मतदान हुआ।

इम्फाल: भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने वादा किया कि मणिपुर विधानसभा चुनाव में भाजपा के सत्ता में आने पर राज्य में जारी अनिश्चितकालीन आर्थिक नाकाबंदी खत्म कर दी जाएगी और कहा कि उग्रवाद प्रभावित राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने को प्राथमिकता दी जाएगी। शाह ने कल यहां एक चुनावी रैली में कहा, ‘‘हमारा पहला काम अनश्चितकालीन आर्थिक नाकाबंदी खत्म करना होगा और राज्य को बंद एवं नाकाबंदियों से मुक्त कराने के लिए सभी कोशिशें की जाएंगी।’’ उन्होंने उग्रवाद प्रभावित राज्य में कानून व्यवस्था बहाल करने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा, ‘‘कानून व्यवस्था बहाल की जाएगी और राज्य में संघर्ष की स्थिति को सुलझाने को प्राथमिकता दी जाएगी।’’ भाजपा अध्यक्ष ने नगा समझौते की तरफ संकेत करते हुए आश्वस्त किया कि इससे राज्य की क्षेत्रीय अखंडता प्रभावित नहीं होगी जिसका भरोसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया है। विकास के एजेंडा को आधार बनाते हुए शाह ने पांच सालों में मणिपुर को एक ‘‘आदर्श राज्य’’ बनाने का वादा किया और साथ ही मौजूदा कांग्रेस सरकार पर क्षेत्र की पर्यटन क्षमता का दोहन ना करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य के पर्यटन क्षेत्र में विशाल क्षमता है जिसका कांग्रेस ने पिछले 15 साल के अपने शासन में इस्तेमाल नहीं किया। भाजपा सत्ता में आने पर मणिपुर को एक आदर्श राज्य बनाएगी।’’

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