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गुवाहाटी: अफस्पा के खिलाफ अपना 16 साल से जारी अनशन समाप्त करने की घोषणा करने वाली मणिपुर की सामाजिक कार्यकर्ता इरोम शर्मिला को धमकी मिली है। शर्मिला को यह धमकी एक स्थानीय चरमपंथी गुट ने दी है। शर्मिला ने अपना अनशन समाप्त करने की घोषणा करने के साथ ही कहा था कि वह विधानसभा चुनाव भी लड़ेंगी। अलगाववादी समूह एएसयूके ने शर्मिला को चुनाव न लड़ने और किसी 'बाहरी' व्यक्ति से शादी न करने की चेतावनी दी है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक बुधवार को जारी एक बयान में एएसयूके के चेयरमैन एन ओकेन और वाइस चेयरमैन केएल मेतेई ने कहा, 'इससे पहले भी पब्लिक लाइफ में शामिल होने की कोशिश करने वाले कई क्रांतिकारी नेताओं को मार दिया गया है।' समूह ने इरोम को 'गैर-स्थानीय' से शादी करने पर चेतावनी दी है। शर्मिला के गोवा मूल के एक ब्रिटिश कार्यकर्ता देसमंड कूटिन्हो के साथ संबंध हैं। गौरतलब है कि सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून यानी आफ्सपा को हटाने की मांग को लेकर 16 साल से अनशन कर रहीं मणिपुर की ‘आयरन लेडी’ इरोम शर्मिला ने घोषणा की कि वह नौ अगस्त को अपना अनशन समाप्त कर देंगी और राज्य विधानसभा का चुनाव लड़ेंगी। उन्होंने कहा कि अब उन्हें नहीं लगता कि उनके अनशन से ‘‘कठोर’ आफ्सपा हट पाएगा, लेकिन वह लड़ाई जारी रखेंगी।

इम्फाल: सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून यानी आफ्सपा को हटाने की मांग को लेकर 16 साल से अनशन कर रहीं मणिपुर की ‘आयरन लेडी’ इरोम शर्मिला ने आज घोषणा की कि वह नौ अगस्त को अपना अनशन समाप्त कर देंगी और राज्य विधानसभा का चुनाव लड़ेंगी । यहां एक स्थानीय अदालत से बाहर आते हुए 44 वर्षीय मानवाधिकार कार्यकर्ता ने मीडिया के समक्ष घोषणा की, ‘मैं नौ अगस्त को अपना अनशन समाप्त कर दूंगी और चुनाव लड़ूंगी ।’ उन्होंने कहा कि अब उन्हें नहीं लगता कि उनके अनशन से ‘‘कठोर’ आफ्सपा हट पाएगा, लेकिन वह लड़ाई जारी रखेंगी । वर्ष 2000 से खाना-पीना त्यागती आ रहीं शर्मिला ने कहा, ‘इसलिए मैं राजनीति में आउंगी और मेरी लड़ाई जारी रहेगी।’ मणिपुर में विधानसभा चुनाव 2017 में होना है । शर्मिला को इंफाल के जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में नाक में ट्यूब डालकर जबरन आहार दिया जाता है । इस अस्पताल का एक विशेष वार्ड उनकी जेल के रूप में काम करता है । उन्हें आत्महत्या की कोशिश के आरोप में बार-बार गिरफ्तार, रिहा और फिर गिरफ्तार किया जाता रहा है। आयरन लेडी इरोम का जन्‍म 14 मार्च 1972 में हुआ था। इरोम मणिपुर से आर्म्‍ड फोर्स स्‍पेशल पावर एक्‍ट 1958, जिसे सशस्‍त्र बल विशेषाधिकार कानून को हटाए जाने की मांग पर 2 नवंबर 2000 से वो भूख हड़ताल पर हैं। उन्‍होंने जब भूख हड़ताल की शुरुआत की थी, वे 28 साल की युवा थीं। आज वह 44 साल की हो चुकी हैं।

नई दिल्ली: मणिपुर में सेना द्वारा फर्जी एनकाउंटर के आरोप वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया है। कोर्ट का यह फैसला सेना के लिए बुरी खबर है। कोर्ट ने कहा कि अगर अफस्पा (एएफएसपीए) लगा है और इलाका भी डिस्टर्ब एरिया के तहत क्लासीफाइड भी है तो भी सेना या पुलिस ज्यादा फोर्स का इस्तेमाल नहीं कर सकते। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि क्रिमिनल कोर्ट को एनकाउंटर मामलों के ट्रायल का अधिकार है। सप्रीम कोर्ट ने कहा कि सेना और पुलिस के ज्यादा फोर्स और एनकाउंटरों की स्वततंत्र जांच होनी चाहिए। कौन सी एजेंसी ये जांच करेगी, ये कोर्ट बाद में तय करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मणिपुर के 1528 एनकाउंटरों की जांच होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने अमाइक्स क्यूरी से उन सब 62 मामलों की स्टेटस रिपोर्ट मांगी जिन्हें जस्टिस संतोष हेगडे या एनएचआरसी ने फर्जी बताया। कोर्ट ने कहा, सेना हर केस में कोर्ट आफ इंक्वायरी करने को स्वतंत्र है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में एनकाउंटर मामलों की जांच सीबीआई या एसआईटी से कराने की मांग की गई थी। सेना पर 2000 से 2012 के बीच करीब 1500 लोगों को फर्जी एनकाउंटर करने का आरोप है। हालांकि सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा था कि भारतीय सेना ने जवाबी कारवाई के तहत ये एनकाउंटर किए थे।

चंदेल: मणिपुर के चंदेल जिले में उग्रवादियों के घात लगाकर किए गए एक हमले में 29 असम राइफल्स के 6 जवान शहीद हो गए। असम राइफल्स के इन जवानों पर रविवार दोपहर हमला हुआ। उग्रवादी जवानों के हथियार भी लूटकर ले गए। रिपोर्टों के मुताबिक एक जूनियर कमीशंड ऑफिसर (जेसीओ) और असम राइफल्स के पांच जवान चंदेल में एक भूस्खलन स्थल का निरीक्षण करने के बाद लौट रहे थे तभी उग्रवादियों ने उन पर घात लगाकर हमला कर दिया। उग्रवादी जवानों के पास से चार एके राइफल्स, एक इंसान राइफल और एक एलएमजी लूटकर ले गए। अभी किसी उग्रवादी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। इस बात का संदेह है कि दो या उससे अधिक उग्रवादी समूहों ने संयुक्त रूप से हमला किया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि घटना मोलचाम थाना के अंतर्गत जूपी गांव में हुई। पिछले साल एनएससीएन (के) के उग्रवादियों ने जिले में घात लगाकर हमला किया था जिसमें 18 सैन्यकर्मी मारे गए थे। पीड़ितों में सूबेदार बलदेव शर्मा भी शामिल हैं। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने जवानों की शहादत पर संवेदना जताई है। शहीद जवानों के परिजनों के लिए उन्होंने संवेदना जताने के साथ ही उग्रवादी हमले की निंदा की।

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