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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): कांग्रेस ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के राज्य में जातीय हिंसा के लिए माफी मांगने पर केंद्र को घेरते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी राज्य का दौरा करके यही बात क्यों नहीं कह सकते। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी दावा किया कि पीएम मोदी दुनिया भर की यात्रा कर रहे हैं, लेकिन मणिपुर जाने से परहेज करते हैं।

जयराम रमेश ने बीरेन सिंह के बयान का वीडियो रीपोस्ट करते हुए ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मणिपुर जाकर यही बात वहां क्यों नहीं कह सकते? उन्होंने 4 मई, 2023 से जानबूझकर राज्य का दौरा करने से परहेज किया है, लेकिन वह देश और दुनिया भर में यात्रा कर रहे हैं।’’ रमेश ने कहा, ‘‘मणिपुर के लोग प्रधानमंत्री द्वारा की जा रही इस उपेक्षा को समझ नहीं पा रहे हैं।’’

मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने मंगलवार को इंफाल में एक प्रेस कांफ्रेंस कर राज्य में हुए जातीय संघर्ष के लिए लोगों से माफी मांगी और सभी समुदायों से पिछली गलतियों को भूलने और शांतिपूर्ण व समृद्ध राज्य में एक साथ रहने की अपील की। प्रदेश में जातीय संघर्ष में 250 से अधिक लोगों की जान चली गई और हजारों बेघर हो गए।

इंफाल: मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने राज्य में हुए जातीय संघर्ष के लिए मंगलवार को लोगों से माफी मांगी और सभी समुदायों से पिछली गलतियों को भूलने और शांतिपूर्ण तथा समृद्ध राज्य में एक साथ रहने की अपील की। प्रदेश में डेढ़ साल से जारी जातीय संघर्ष में 250 से अधिक लोगों की जान चली गई और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।

सीएम ने पिछली गलतियों को भूलने का किया आग्रह

सीएम बीरेन सिंह ने इंफाल में कहा कि पिछले तीन से चार महीने में राज्य में अपेक्षाकृत शांति रही है, जिससे उन्हें उम्मीद है कि नये साल में सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी।

उन्होंने कहा, “राज्य में जो कुछ हुआ, उसके लिए मैं खेद व्यक्त करना चाहता हूं। कई लोगों ने अपने प्रियजन को खो दिया और कई लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा। मुझे खेद है और मैं माफी मांगना चाहता हूं। लेकिन पिछले तीन से चार महीनों में अपेक्षाकृत शांति देखने के बाद मुझे उम्मीद है कि आने वाले वर्ष में सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी।”

इंफाल: मणिपुर के कांगपोकपी जिले में कुकी-जो समुदाय की महिलाओं की मंगलवार को सुरक्षा बलों के साथ झड़प हो गयी, जिससे जातीय संघर्ष से प्रभावित इस राज्य में फिर से तनाव बढ़ गया।

पुलिस ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में बताया कि यह घटना थम्नापोकपी के पास उयोकचिंग में उस समय हुई, जब भीड़ ने सेना, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की संयुक्त टीम की तैनाती को ‘बाधित’ करने की कोशिश की। पुलिस के मुताबिक, संयुक्त बलों ने ‘न्यूनतम बल प्रयोग’ के साथ भीड़ को ‘तितर-बितर’ कर दिया और अब हालात ‘शांतिपूर्ण और नियंत्रण में’ है।

पुलिस ने बताया कि सुरक्षा बलों को ‘इलाके पर नियंत्रण रखने और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने’ के लिए पहाड़ी की चोटी पर तैनात किया गया था।

स्थानीय लोगों ने दावा किया कि ट्विचिंग के सैबोल गांव में सुरक्षा बलों के बल प्रयोग में कई लोग घायल हो गए। ट्विचिंग कुकी-नियंत्रित पहाड़ियों और मेइती प्रभुत्व वाली इंफाल घाटी के बीच तथाकथित ‘बफर जोन’ में स्थित है।

इंफाल: मणिपुर में 2024 का साल उथल-पुथल भरा रहा। घाटी में मेइती समुदाय और पर्वतीय क्षेत्रों में कुकी जनजातीय समुदायों के बीच टकराव 2024 में और गहरा गया, जिससे व्यापक जनहानि, हिंसा, भीड़ के हमले और आम नागरिकों वाले क्षेत्रों में ड्रोन हमले हुए।

बीते वर्ष मणिपुर से शांति रही कोसों दूर, लोगों में निरंतर भय व्याप्त

कभी अपनी सांस्कृतिक सद्भावना के लिए जाना जाने वाला राज्य अब गहराते विभाजन का सामना कर रहा है, हजारों लोग विस्थापित हो गए हैं और समुदाय निरंतर भय में जी रहे हैं, जबकि तनाव कम होने का कोई संकेत नहीं दिख रहा है और बीते वर्ष राज्य से शांति कोसों दूर रही। वर्ष 2024 की शुरुआत हिंसक घटना से हुई, जब एक जनवरी को थौबल जिले में प्रतिबंधित पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के कार्यकर्ताओं ने चार ग्रामीणों की गोली मारकर हत्या कर दी। यह घटना अवैध मादक पदार्थ व्यापार से एकत्रित धन को लेकर हुए विवाद से जुड़ी थी, जिसके कारण राज्य सरकार ने घाटी के सभी पांच जिलों में निषेधाज्ञा लागू कर दी।

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