ताज़ा खबरें
महाकुंभ भगदड़: बंगाल के परिवारों का शव बिना मृत्यु प्रमाण पत्र के सौंपे
हमास ने 8 बंधक छोड़े, इजरायल ने फलस्तीनी कैदियों को नहीं किया रिहा
राहुल ने नाव में बैठकर पूछा-केजरीवाल जी, यमुना में डुबकी कब लगाएंगे
संसद का बजटसत्र रहेगा हंगामेदार, महाकुंभ भगदड़ का मुद्दा भी गूंजेगा

गुवाहाटी: अफस्पा के खिलाफ अपना 16 साल से जारी अनशन समाप्त करने की घोषणा करने वाली मणिपुर की सामाजिक कार्यकर्ता इरोम शर्मिला को धमकी मिली है। शर्मिला को यह धमकी एक स्थानीय चरमपंथी गुट ने दी है। शर्मिला ने अपना अनशन समाप्त करने की घोषणा करने के साथ ही कहा था कि वह विधानसभा चुनाव भी लड़ेंगी। अलगाववादी समूह एएसयूके ने शर्मिला को चुनाव न लड़ने और किसी 'बाहरी' व्यक्ति से शादी न करने की चेतावनी दी है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक बुधवार को जारी एक बयान में एएसयूके के चेयरमैन एन ओकेन और वाइस चेयरमैन केएल मेतेई ने कहा, 'इससे पहले भी पब्लिक लाइफ में शामिल होने की कोशिश करने वाले कई क्रांतिकारी नेताओं को मार दिया गया है।' समूह ने इरोम को 'गैर-स्थानीय' से शादी करने पर चेतावनी दी है। शर्मिला के गोवा मूल के एक ब्रिटिश कार्यकर्ता देसमंड कूटिन्हो के साथ संबंध हैं। गौरतलब है कि सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून यानी आफ्सपा को हटाने की मांग को लेकर 16 साल से अनशन कर रहीं मणिपुर की ‘आयरन लेडी’ इरोम शर्मिला ने घोषणा की कि वह नौ अगस्त को अपना अनशन समाप्त कर देंगी और राज्य विधानसभा का चुनाव लड़ेंगी। उन्होंने कहा कि अब उन्हें नहीं लगता कि उनके अनशन से ‘‘कठोर’ आफ्सपा हट पाएगा, लेकिन वह लड़ाई जारी रखेंगी।

वर्ष 2000 से खाना-पीना त्यागती आ रहीं शर्मिला ने कहा, ‘इसलिए मैं राजनीति में आऊंगी और मेरी लड़ाई जारी रहेगी।’ मणिपुर में विधानसभा चुनाव 2017 में होना है। शर्मिला को इंफाल के जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में नाक में ट्यूब डालकर जबरन आहार दिया जाता है। इस अस्पताल का एक विशेष वार्ड उनकी जेल के रूप में काम करता है। उन्हें आत्महत्या की कोशिश के आरोप में बार-बार गिरफ्तार, रिहा और फिर गिरफ्तार किया जाता रहा है। आयरन लेडी इरोम का जन्‍म 14 मार्च 1972 में हुआ था। इरोम मणिपुर से आर्म्‍ड फोर्स स्‍पेशल पावर एक्‍ट 1958, जिसे सशस्‍त्र बल विशेषाधिकार कानून को हटाए जाने की मांग पर 2 नवंबर 2000 से वो भूख हड़ताल पर हैं। उन्‍होंने जब भूख हड़ताल की शुरुआत की थी, वे 28 साल की युवा थीं। वह 44 साल की हो चुकी हैं। उन्होंने असम राइफल के जवानों की मुठभेड़ में कथित तौर पर 10 नागरिकों को मार दिए जाने के खिलाफ यह शुरू किया था।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख