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इंफाल: मणिपुर के चांडेल जिले में शनिवार को उग्रवादियों द्वारा घात लगाकर किए गए आईईडी विस्फोट में भारतीय सेना के विशेष बल के पांच कर्मी घायल हो गए। सेना के सूत्रों ने बताया कि कमांडो के तलाशी अभियान के दौरान आईईडी विस्फोट किया गया। उसके बाद उग्रवादियों ने हल्के हथियारों से गोलीबारी की। उन्होंने बताया कि वैसे तो टीम के पांच सदस्य घायल हो गए लेकिन कमांडो ने उग्रवादियों का डटकर मुकाबला किया एवं घायल साथियों केा बचा लिया। सूत्रों के अनुसार जिले के साजिक तंपाक में यह हमला हुआ। यह जगह म्यामांर सीमा के समीप है। चांडेल जिले में निकट अतीत में सुरक्षाबलों पर कई घातक हमले हुए हैं। जिले में पांच जून, 2015 को घात लगाकर किए गए हमले में 18 सैनिक शहीद हो गए थे। इस साल 23 मई को चांडेल में घात लगाकर किए गए हमले में असम राइफल्स के छह कर्मी शहीद हो गए थे।

इंफाल: मणिपुर में रविवार की सुबह असम राइफल्स के शिविर से कुछ मीटर दूर पश्चिमी इंफाल जिले के चिनगमथक क्षेत्र में आईईडी का शक्तिशाली विस्फोट होने से एक व्यक्ति की मौत हो गई । विस्फोट आज (रविवार) सुबह आठ बजकर 10 मिनट पर हुआ । एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने संदेह जताया कि आईईडी संभवत: अज्ञात आतंकियों ने लगाया था । मृतक मणिपुर का रहने वाला नहीं था और जब विस्फोट हुआ तब वह लोहे और सीमेंट की अपनी दुकान पर जा रहा था । जिस स्थान पर विस्फोट हुआ है वह असम राइफल्स के शिविर से महज कुछ मीटर दूर है। अधिकारी ने बताया कि इलाके को खाली करवा लिया गया है।

 

इम्फाल: मणिपुर में दो नए जिलों के गठन के खिलाफ संयुक्त नागा परिषद (यूएनसी) द्वारा की गई अनिश्चितकालीन आर्थिक नाकेबंदी के मद्देनजर रविवार को एक लीटर पेट्रोल 300 रुपये में बिक रहा है। इस नाकेबंदी के बाद से राज्य में सभी पेट्रोल पंप सूखे पड़े हैं। असम में विभिन्न स्थानों पर फंसे मणिपुर की ओर जाने वाले ट्रकों और तेल टैंकरों की निकासी के लिए कदम उठाया जा रहा है। मणिपुर सरकार ने यूएनसी द्वारा समर्थित 48 घंटे की हड़ताल और नाकेबंदी की अनदेखी की। इसके बाद नागा संगठनों ने आंदोलन तीव्र करने का फैसला किया। उन्होंने विभिन्न वर्गों से नाकेबंदी को वापस लेने की अपील अनसुनी कर दी। मुख्य सचिव नबाकिशोर ने कहा कि कुछ स्वयंसेवी संगठनों को नाकेबंदी नहीं करनी चाहिए। हम उनसे नाकेबंदी खत्म करने की अपील करते हैं। मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह ने कहा कि सशस्त्र पुलिसबल फंसे हुए ट्रकों और तेल टैंकरों को निकाल रहे हैं। इनमें से कई ट्रक और तेल टैंकर तो एक नवंबर से ही खड़े हैं। इस बीच सीमेंट से भरे एक ट्रक में शनिवार रात को आग लगा दी गई। महिला कार्यकर्ताओं ने इम्फाल से नागा बहुल इलाकों में जाने वाले विभिन्न सामानों के परिवहन को प्रतिबंधित कर दिया। मणिपुर में पेट्रोल, डीजल, केरोसिन और एलपीजी सिलेंडर उपलब्ध नहीं हैं। जरूरी सामानों की कीमतें आसमान छू रही हैं।

इंफाल: मणिपुर की मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम चानू शर्मिला ने आज (बुधवार) पहली बार मालोम नरसंहार कांड की बरसी पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया। इसी कांड के चलते उन्होंने 16 साल पहले सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (आफ्स्पा) को राज्य से हटाने की मांग करते हुए भूख हड़ताल शुरू की थी जो उन्होंने हाल ही में समाप्त की। आज नरसंहार की 16वीं बरसी है जिसमें इंफाल वेस्ट जिले के मालोम में सुरक्षा बलों ने 10 नागरिकों को मार दिया था। स्मारक पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए पीपुल्स रिसजेर्ंस एंड जस्टिस अलायंस (पीआरजेए) की सह-संयोजक ने कहा कि पहली बार उन्होंने कार्यक्रम में भाग लिया है चूंकि 15 साल से ज्यादा समय तक वह हिरासत में रहीं। नरसंहार में मारे गये लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए शर्मिला ने कहा कि लोगों की सुरक्षा के लिए कानून बनाये जाते हैं और राजनीति में उनका प्रवेश एक लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत बदलाव लाने का पहला कदम है।

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