इम्फाल: सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून यानी आफ्सपा को हटाने की मांग को लेकर 16 साल से अनशन कर रहीं मणिपुर की ‘आयरन लेडी’ इरोम शर्मिला ने आज घोषणा की कि वह नौ अगस्त को अपना अनशन समाप्त कर देंगी और राज्य विधानसभा का चुनाव लड़ेंगी । यहां एक स्थानीय अदालत से बाहर आते हुए 44 वर्षीय मानवाधिकार कार्यकर्ता ने मीडिया के समक्ष घोषणा की, ‘मैं नौ अगस्त को अपना अनशन समाप्त कर दूंगी और चुनाव लड़ूंगी ।’ उन्होंने कहा कि अब उन्हें नहीं लगता कि उनके अनशन से ‘‘कठोर’ आफ्सपा हट पाएगा, लेकिन वह लड़ाई जारी रखेंगी । वर्ष 2000 से खाना-पीना त्यागती आ रहीं शर्मिला ने कहा, ‘इसलिए मैं राजनीति में आउंगी और मेरी लड़ाई जारी रहेगी।’ मणिपुर में विधानसभा चुनाव 2017 में होना है । शर्मिला को इंफाल के जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में नाक में ट्यूब डालकर जबरन आहार दिया जाता है । इस अस्पताल का एक विशेष वार्ड उनकी जेल के रूप में काम करता है । उन्हें आत्महत्या की कोशिश के आरोप में बार-बार गिरफ्तार, रिहा और फिर गिरफ्तार किया जाता रहा है। आयरन लेडी इरोम का जन्म 14 मार्च 1972 में हुआ था। इरोम मणिपुर से आर्म्ड फोर्स स्पेशल पावर एक्ट 1958, जिसे सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून को हटाए जाने की मांग पर 2 नवंबर 2000 से वो भूख हड़ताल पर हैं। उन्होंने जब भूख हड़ताल की शुरुआत की थी, वे 28 साल की युवा थीं। आज वह 44 साल की हो चुकी हैं।
उन्होंने असम राइफल के जवानों की मुठभेड़ में कथित तौर पर 10 नागरिकों को मार दिए जाने के खिलाफ यह शुरू किया था। इसके बाद से उन्हें नाक में नली लगाकर (नैज़ल ट्यूब) ही भोजन दिया जा रहा है। इरोम के नाम पर अबतक दो रिकॉर्ड दर्ज हो चुके हैं। पहला सबसे लंबी भूख हड़ताल करने और दूसरा सबसे ज्यादा बार जेल से रिहा होने का रिकॉर्ड दर्ज है। 2014 में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर उन्हें एमएसएन ने वूमन आइकन ऑफ इंडिया का खिताब दिया था।