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इंफाल: मणिपर में सियासी संकट हल होता दिख रहा है। मणिपर की राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला ने भाजपा को सरकार बनाने का न्योता दिया है। मणिपुर में आज (बुधवार) भाजपा का शपथ ग्रहण समारोह होगा। इस समारोह में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह उपस्थित रहेंगे। राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला ने कहा, 'मैंने जो फैसला किया है नियमों के मुताबिक लिया है। यह जरूरी नहीं है कि सबसे बड़ी पार्टी को सरकार बनाने का न्योता दिया जाए।' राज्यपाल ने कहा कि कौन सी राजनीतिक पार्टी स्थिर सरकार दे सकती है यह देखना होता है। गौरतलब है कि मणिपुर में ओ इबोबी सिंह ने सोमवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि एन बीरेन सिंह को सर्वसम्मति से भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया। बीरेन सिंह राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। उधर एनपीएफ के चार विधायकों ने मणिपुर की राज्यपाल से मुलाकात की और सरकार गठन के लिए भाजपा को समर्थन देने की बात कही। बीरेन सिंह हीनगैंग विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। बीरेन सिंह ने बीते साल अक्टूबर में कांग्रेस सरकार और कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी और भाजपा का दामन थाम लिया था। 60 सदस्यीय मणिपुर विधानसभा में कांग्रेस ने 28 और भाजपा ने 21 सीटें जीती हैं। दोनों बहुमत से दूर हैं। लेकिन अन्य छोटे दलों, एक निर्दलीय और कांग्रेस के एक विधायक के समर्थन से भाजपा ने 32 विधायकों का समर्थन जुटा लिया है, जो सरकार बनाने के लिए काफी है।

इंफाल: भाजपा ने एन बीरेन सिंह को मणिपुर में मुख्‍यमंत्री पद के लिए नामित किया है. राज्‍य में पार्टी के पर्यवेक्षक एवं केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पियूष गोयल ने इस बात की घोषणा की। वह जल्द ही राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। राज्य के पूर्व मंत्री बीरेन सिंह को भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया है। पार्टी के इस फैसले का ऐलान यहां दो केंद्रीय मंत्रियों पीयूष गोयल और प्रकाश जावड़ेकर की मौजूदगी में किया गया। बीरेन सिंह ने इस मौके पर संवाददाताओं से कहा, "मैंने कांग्रेस को इसके कुशासन के कारण छोड़ा था। मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि भाजपा निश्चित ही अच्छी सरकार देगी।" बीरेन सिंह ने बीते साल अक्टूबर में कांग्रेस सरकार और कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी, तथा भाजपा का दामन थाम लिया था। बीरेन सिंह हीनगैंग विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. वह राज्य में भाजपा के पहले मुख्यमंत्री होंगे। उन्होंने निकटतम प्रतिद्वंद्वी तृणमूल कांग्रेस के पांगीजम सरतचंद्र सिंह को हराया था। फुटबॉल खिलाड़ी से पत्रकार और फिर राजनेता बने बीरेन सिंह एक समय निवर्तमान मुख्यमंत्री इबोबी सिंह के खास सहयोगी थे। मुख्यमंत्री पद के एक अन्य दावेदार भाजपा विधायक थोंगम विश्वजीत भी थे। 60 सदस्यीय मणिपुर विधानसभा में कांग्रेस ने 28 और भाजपा ने 21 सीटें जीती हैं. दोनों बहुमत से दूर हैं. लेकिन अन्य छोटे दलों, एक निर्दलीय और कांग्रेस के एक विधायक के समर्थन से भाजपा ने 32 विधायकों का समर्थन जुटा लिया है, जो सरकार गठन के लिए पर्याप्त है।

इंफाल: मणिपुर की राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला ने कांग्रेस के निवर्तमान मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह से तुरंत इस्तीफा देने को कहा है ताकि अगली सरकार के गठन की प्रक्रिया शुरू हो सके। राजभवन के एक उच्च पदस्थ सूत्र ने बताया, ‘इबोबी सिंह ने उपमुख्यमंत्री गायखमगम और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष टीएन होकिप के साथ कल रात राज्यपाल से मुलाकात की थी। राज्यपाल ने सिंह से तुरंत इस्तीफा देने के लिए कहा ताकि वह सरकार गठन की प्रक्रिया शुरू कर सकें।’ सूत्र ने कहा, ‘नियमों के मुताबिक, जबतक मौजूदा मुख्यमंत्री इस्तीफा नहीं दे देते हैं। तब तक अगली सरकार के गठन की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकती है।’ राजभवन के सूत्र ने बताया, ‘मुलाकात के दौरान इबोबी सिंह ने कांग्रेस के 28 विधायकों की सूची दिखाकर अगली सरकार बनाने का दावा पेश किया। उन्होंने नेशनल पीपल्स पार्टी (एनपीपी) के चार विधायकों के समर्थन का भी दावा किया।’ उन्होंने कहा, ‘साधारण कागज पर एनपीपी के चार विधायकों का नाम देखकर हेपतुल्ला ने इबोबी सिंह से एनपीपी अध्यक्ष और विधायकों को लाने को कहा।’ सूत्र ने बताया कि राज्यपाल ने कहा कि दावे को क्रॉस चेक करना उनका कर्तव्य है और वह साधरण कागज के टुकड़े को ‘समर्थन पत्र’ के तौर पर स्वीकार नहीं करेंगी जब तक वह एनपीपी विधायकों से मिल नहीं लेतीं। भाजपा नेतृत्व ने अपने 21 विधायकों, एनपीपी के अध्यक्ष और पार्टी के चार विधायकों, कांग्रेस के एक, लोजपा के एक और तृणमूल के एक विधायक के साथ राज्यपाल से मुलाकात की थी।

इंफाल: मणिपुर की आयरन लेडी की नाम से मशहूर इरोम शर्मीला ने अपने समाज के लोगों के लिए अपनी जिंदगी के 16 साल कुर्बान कर दिए। अफ्स्पा (आर्म्ड फोर्सेस स्पेशल पॉवर एक्ट) के खिलाफ 16 साल तक अनशन किया। अनशन के तोड़ने के आखिरी विकल्प के रूप में जब वह चुनाव मैदान पर उतरीं तो उन्हें समाज के लोगों ने वह सिला मिला जिस पर किसी को यकीन न हो। इरोम को चुनाव में सिर्फ 90 वोट मिले। इरोम राज्य के मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह के खिलाफ थाउबल विधान सभा सीट से उतरीं थीं। इस चुनाव में इबोबी सिंह को 18649 वोट, दूसरे स्‍थान पर रहे भाजपा प्रत्याशी बसंता सिंह को 8179 वोट, तीसरे स्थान पर रहे तृणमूल के सुरेश सिंह को 144 वोट और चौथे स्थान पर रहीं इरोम को महज 90 वोट मिले।

 

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