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इंफाल: मणिपुर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी विवेक कुमार देवांगन ने गुरूवार को कहा कि आर्थिक नाकेबंदी का राज्य में चुनाव प्रक्रिया पर ‘प्रभाव नहीं’ पड़ेगा। सूबे की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए दो चरणों में 4 और 8 मार्च को चुनाव होना है। देवांगन ने बताया, ‘आर्थिक नाकेबंदी का राज्य की चुनाव प्रक्रिया पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। चुनाव के लिए राज्य में केंद्रीय बलों की 250 कंपनियां आएंगी। हमने चुनावकर्मियों को इस तरह प्रशिक्षित किया है कि बिना किसी बाधा के चुनाव हो सके।’ उन्होंने कहा, ‘नाकेबंदी करने वाले समूह ने चुनाव के बहिष्कार का कोई आह्वान नहीं किया है। इसलिए हमें नहीं लगता है कि इस नाकेबंदी का चुनाव प्रक्रिया पर कोई प्रभाव पड़ने वाला है।’ चुनाव आयोग की पूरी टीम ने मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी, पुलिस प्रमुख, मुख्य सचिव, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव और इंडियन ऑयल कॉपरेरेशन के अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की थी। राज्य में सात नये जिले बनाये जाने के खिलाफ युनाइटेड नगा कौंसिल :यूएनसी: ने एक नवंबर 2016 से अनिश्चितकालीन नाकेबंदी शुरू की थी। राज्य सरकार ने हालांकि दावा किया था कि प्रशासिनक क्षमता को बेहतर करने के लिए यह फैसला किया गया है।

राज्य की दो जीवन रेखाओं राष्ट्रीय राजमार्ग दो :दीमापुर के रास्ते: और राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 37 (जिरीबाम के रास्ते) पर अनिश्चितकालीन आर्थिक नाकेबंदी के कारण मणिपुर में ईंधन समेत आवश्यक वस्तुओं की भारी किल्लत पैदा हो गयी और इनकी कीमतें आकाश छू रही हैं।

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