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भोपाल: कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भाजपा नेताओं के आईएसआई हैंडलर वाले बयान पर पलटवार किया है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि मुझे जानकारी मिली है कि भाजपा के प्रवक्ता नरसिम्हा राव और अमित मालवीय ने मुझपर आईएसआई का हैंडलर होने का आरोप लगाया है। अगर ऐसा है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह अक्षम हैं क्या, मुझे गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया? मैं उन दोनों (राव और मालवीय) को मानहानि का नोटिस भेजूंगा।

बता दें कि भाजपा नेता जीवीएल नरसिम्हा राव ने बुधवार को कहा था कि हम कांग्रेस के हिंदू आतंक के विचार और लश्कर और आईएसआई की 26/11 की रणनीति के बीच एक संबंध देख सकते हैं। क्या भारत का कोई व्यक्ति आईएसआई को आतंकवादियों को हिंदू पहचान दिलाने में मदद कर रहा है? क्या दिग्विजय सिंह हैंडलर के रूप में काम कर रहे थे? इसका जवाब देना चाहिए।

ग्वालियर (मध्यप्रदेश): कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक बार फिर दोहराया कि यदि कमलनाथ सरकार पार्टी के वचनपत्र में किए गए वादों को पूरा नहीं करेगी, तो जनसेवक होने के नाते उन्हें पूरा करवाने के लिए मुझे सड़क पर उतरना होगा। हालांकि, सिंधिया ने अपने रुख में इस बार थोड़ी नरमी लाते हुए कहा कि इसके लिए उन्हें कुछ समय तक सब्र रखना होगा, क्योंकि मध्यप्रदेश में पार्टी की सरकार बने अभी करीब एक साल ही हुआ है। उन्होंने ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर मीडिया से बात करते हुए कहा, मैं जनसेवक हूं और जनता के मुद्दों के लिए लड़ना मेरा धर्म है। जो वादे वचनपत्र में लिखे हैं, उन्हें पूरा करना ही होगा।

उल्लेखनीय है कि पिछले हफ्ते सिंधिया ने मध्यप्रदेश के कॉलेजों में अतिथि शिक्षकों के मुद्दे पर कहा था कि अगर कांग्रेस सरकार अपने वादो पूरे नहीं करेगी तो वह सड़क पर उतरेंगे। इस पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा था कि यदि सिंधिया सड़क पर उतरना चाहते हैं तो उतर जाएं। इसके बाद कमलनाथ सरकार के कुछ मंत्रियों ने कहा था कि वचनपत्र के वादे पांच साल के लिए हैं और सरकार बने अभी एक साल ही हुआ है।

भोपाल: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोमवार शाम को कहा कि उनकी सरकार प्रदेश में राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) लागू नहीं करेगी। राज्य सरकार की ओर से जारी एक बयान में कमलनाथ ने स्पष्ट किया कि मध्यप्रदेश में वह वर्तमान में एनपीआर लागू नहीं करने जा रहे।

उन्होंने कहा कि एनपीआर की जिस अधिसूचना की बात की जा रही है, वह 9 दिसम्बर 2019 की है। इस अधिसूचना के बाद केंद्र की सरकार ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) बनाया, अर्थात जो एनपीआर अधिसूचित किया गया है, वह सीएए, 2019 के तहत नहीं किया गया है। कमलनाथ ने कहा कि अधिसूचना नागरिकता कानून-1955 की नियमावली-2003 के नियम 3 के तहत जारी की गई।

मालूम हो कि भोपाल मध्य के कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने सोमवार दोपहर में धमकी दी थी कि यदि कमलनाथ के नेतृत्व वाली मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार एनपीआर लागू करने के अपने फैसले को वापस नहीं लेगी तो वह पूरे राज्य में अपनी ही सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे।

भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और वरिष्ठ कांग्रेस नेता ज्योतिरादत्य सिंधिया के बीच तल्खी कम नहीं हो रही है। हाल ही में किसानों की कर्जमाफी और गेस्ट टीचर के मुद्दे पर दोनों आमने-सामने दिखे। सिंधिया ने कांग्रेस का घोषणापत्र लागू नहीं होने पर सड़कों पर उतरने की बात तक कही थी। अब कमलनाथ कैबिनेट में मंत्री गोविंद सिंह ने सिंधिया को नसीहत देते हुए कहा कि वह पार्टी के सीनियर नेता हैं। उन्हें सार्वजनिक तौर पर ऐसे बयान नहीं देने चाहिए।

गोविंद सिंह ने कहा कि जो कोई सड़क पर उतरना चाहते हैं, उतर सकते हैँ। सरकार अपना वादा पांच साल में पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है, न कि एक साल में। उन्होंने कहा कि राज्य की जनता ने जो काम शिवराज सिंह चौहान और भाजपा को सौंपा है, वह काम कांग्रेस के नेताओं को नहीं करनी चाहिए।

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