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जबलपुर: केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने मध्यप्रदेश के जबलपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी और राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा। अमित शाह ने कहा कि मैं ममता बनर्जी और राहुल बाबा को चुनौती देता हूं कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) में से एक ऐसे प्रावधान का पता लगाएं जो इस देश में किसी की भी नागरिकता छीन सके। उन्होंने कहा कि भारत पर जितना अधिकार मेरा और आपका है, उतना ही अधिकार पाकिस्तान से आए हुए हिंदु, सिख, बुद्धिस्ट, क्रिश्चियन शरणार्थियों का है।

अमित शाह ने कहा, 'कांग्रेस के वकील कपिल सिब्बल कहते हैं राम मंदिर नहीं बनना चाहिए, अरे सिब्बल भाई जितना दम हो रोक लो, चार महीने में आसमान को छूता हुआ राम मंदिर का निर्माण होने वाला है।' अमित शाह ने आगे कहा, 'जेएनयू में कुछ लड़कों ने भारत विरोधी नारे लगाए, उन्होंने नारे लगाए 'भारत तेरे टुकड़े हो एक हजार, इंशाअल्लाह इंशाअल्लाह'। उनको जेल में डालना चाहिए या नहीं डालना चाहिए? जो देश विरोधी नारे लगाएगा उसका स्थान जेल की सलाखों के पीछे होगा।'

भोपाल: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राष्ट्रवाद के मुद्दे पर भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। कांग्रेस सेवा दल पर भाजपा द्वारा हमला करने के बाद गुरुवार को कमलनाथ ने भोपाल में एक कार्यक्रम में कहा कि ये लोग कांग्रेस को राष्ट्रवाद का पाठ पढ़ाएंगे। उन्होंने पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि मैं नरेंद्र मोदी जी से कहता हूं कि अपनी पार्टी का ऐसा एक नाम बता दीजिए जो स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहा हो। आप अपने रिश्तेदार का बता दीजिए, अपना नाम और अपने बाप-दादाओं का नाम तो छोड़िए। इनका कोई स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नहीं रहा और ये हमें राष्ट्रवाद का पाठ पढ़ाने आते हैं।

कमलनाथ ने कहा कि हमारे देश की संस्कृति सहिष्णुता वाली है। यही हमारे संविधान का मूल्य है। आज इस पर हमला हो रहा है। इसका भविष्य में क्या प्रभाव पड़ेगा। कांग्रेस सेवादल का बहुत बड़ा योगदान है। हमारे देश को पूरा विश्व बहुत ताज्जुब से देखता है कि किस प्रकार यहां विविधता, अनेकता है कि पूरा देश एक झंडे के नीचे खड़ा रहता है। ऐसी ही मजबूती सोवियत संघ में थी, लेकिन वह बिखर गया क्योंकि उनकी संस्कृति ऐसी नहीं थी।

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस सेवा दल की तरफ से बांटी गई उस बुकलेट पर भड़क गई है, जिसमें हिन्दुत्व के पुरोधा माने जाने वाले दक्षिणपंथी विचारक वीर सावरकर पर आपत्तिजनक बातें बताई गई हैं। हालांकि, सेवादल के प्रमुख लालजी देसाई ने कहा है कि विवाद आधारहीन है और सारी बातें एक पुस्तक का संदर्भ देकर लिखी गई हैं। भोपाल में कांग्रेस के सेवादल के 11 दिनों का शिविर शुरू होने से पहले उसकी बुकलेट 'वीर सावरकर कितने वीर' विवादों में आ गई।

इसमें कहा गया कि वीर सावरकर और महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोड्से के बीच समलैंगिक संबंध थे। बुकलेट में वीर सावरकर के बारे में कई विवादित दावे किए गए हैं। लिखा गया है- 'ब्रह्मचर्य का व्रत लेने से पहले नाथूराम गोडसे के एक ही शारीरिक संबंध का ब्योरा मिलता है वीर सावरकर से।' बुकलेट में यह दावा भी किया गया है कि सावरकर ने अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं पर यौन हिंसा को बढ़ावा दिया और मुस्लिमों की मौत पर उत्सव मनाते थे। पुस्तिका में यह दावा भी है कि अंडमान की सेल्यूलर जेल से रिहा होने के बाद सावरकर ने अंग्रेजों से पैसे तक लिए थे।

इंदौर: वक्त के तमाम उतार-चढ़ावों के बावजूद भारत में हिंदू समुदाय के प्राचीन जीवन मूल्य कायम रहने का जिक्र करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने बृहस्पतिवार को उर्दू शायर अल्लामा इकबाल का मशहूर शेर-‘‘यूनान, मिस्र, रोमां, सब मिट गए जहाँ से...कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी।’’ पढ़ा। भागवत ने यहां एक परिवार द्वारा शुरू किए गए न्यास के उद्घाटन कार्यक्रम में कहा, "हिंदू समाज ने प्राचीन समय से लेकर आज तक कई बातें झेली हैं, तो कई उपलब्धियां हासिल भी की हैं। पिछले पांच हजार वर्षों में आए उतार-चढ़ावों के बावजूद हिंदू समाज के प्राचीन जीवन मूल्य भारत में आज भी प्रत्यक्ष तौर पर देखने को मिलते हैं।"

उन्होंने कहा, "दुनिया के बाकी देशों के प्राचीन जीवन मूल्य मिट गए। कई देशों का तो नामो-निशान ही मिट चुका है। परंतु हमारे जीवन मूल्य अब तक नहीं बदले हैं। इसलिए इकबाल ने कहा है- "यूनान, मिस्र, रोमां, सब मिट गए जहां से…. कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी।" भागवत ने आगे कहा, "...और यह बात है-हमारा धर्म। यहां धर्म से तात्पर्य किसी संप्रदाय विशेष से नहीं, बल्कि मनुष्यों के सह अस्तित्व से जुड़े मूल्यों से है।

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