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भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और वरिष्ठ कांग्रेस नेता ज्योतिरादत्य सिंधिया के बीच तल्खी कम नहीं हो रही है। हाल ही में किसानों की कर्जमाफी और गेस्ट टीचर के मुद्दे पर दोनों आमने-सामने दिखे। सिंधिया ने कांग्रेस का घोषणापत्र लागू नहीं होने पर सड़कों पर उतरने की बात तक कही थी। अब कमलनाथ कैबिनेट में मंत्री गोविंद सिंह ने सिंधिया को नसीहत देते हुए कहा कि वह पार्टी के सीनियर नेता हैं। उन्हें सार्वजनिक तौर पर ऐसे बयान नहीं देने चाहिए।

गोविंद सिंह ने कहा कि जो कोई सड़क पर उतरना चाहते हैं, उतर सकते हैँ। सरकार अपना वादा पांच साल में पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है, न कि एक साल में। उन्होंने कहा कि राज्य की जनता ने जो काम शिवराज सिंह चौहान और भाजपा को सौंपा है, वह काम कांग्रेस के नेताओं को नहीं करनी चाहिए।

 

सिंधिया के बयान पर कमलनाथ की प्रतिक्रिया

गुरुवार को ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था कि यदि मध्य प्रदेश में सरकार पार्टी के घोषणापत्र (मेनिफेस्टो) को पूरा लागू नहीं करती है तो वह सड़कों पर उतरेगें। सिंधिया के बयान उस बयान (किसानों की कर्जमाफी नहीं होने पर सड़क पर उतरूंगा) पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सीधा जवाब देते हुए कहा, 'तो उतर जाएं'।

क्या कहा था सिंधिया ने?

संत रविदास जयंती के अवसर पर कुडीला गांव में एक सभा को सम्बोधित करते हुए सिंधिया ने कहा था, 'मेरे अतिथि शिक्षकों को मैं कहना चाहता हूं। आपकी मांग मैंने चुनाव के पहले भी सुनी थीं। मैंने आपकी आवाज उठाई थी और ये विश्वास मैं आपको दिलाना चाहता हूं कि आपकी मांग जो हमारी सरकार के घोषणापत्र में अंकित है वो घोषणापत्र हमारे लिए हमारा ग्रंथ है।

उन्होंने कहा था, 'अगर उस घोषणापत्र का एक-एक अंग पूरा न हुआ तो अपने को सड़क पर अकेले मत समझना। आपके साथ सड़क पर ज्योतिरादित्य सिंधिया भी उतरेगा। सरकार अभी बनी है, एक वर्ष हुआ है। थोड़ा सब्र हमारे शिक्षकों को रखना होगा। बारी हमारी आएगी, ये विश्वास, मैं आपको दिलाता हूं और अगर बारी न आये तो चिंता मत करो, आपकी ढाल भी मैं बनूंगा और आपका तलवार भी मैं बनूंगा।

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