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हेमंत सोरेन ने पेश किया सरकार बनाने का दावा, 28 को लेंगे शपथ

भोपाल: मध्य प्रदेश भाजपा विधायक दल का नेता राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह सोमवार को पार्टी दफ्तर में आयोजित एक बैठक के दौरान चुन लिया गया। बैठक में दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मध्य प्रदेश के पर्यवेक्षक अर्जुन सिंह और राज्य के प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे भी शामिल हुए। इसके बाद राजभवन ने मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण के लिए रात 9 बजे का वक्त दिया है। रात 9 बजे मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली जाएगी। शिवराज सिंह चौहान आज शाम चौथीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।

कोरोना वायरस के कारण शपथ ग्रहण सादगी के साथ होगा। राजभवन के भीतर शपथ की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है। उनके साथ मिनी कैबिनेट भी शपथ ले सकती है। ऐसा माना जा रहा है कि इस शपथ ग्रहण में कम ही लोग हिस्सा लेंगे। पहली बार वह 29 नवंबर 2005 में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। इसके बाद वह 12 दिसंबर 2008 में दूसरी बार सीएम बने।  8 दिसंबर 2013 को शिवराज ने तीसरी बार सीएम पद की शपथ ली थी। 22 विधायकों के इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस की सरकार अल्पमत में आ गई और कमलनाथ को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ गया था।

भोपाल: मध्यप्रदेश में पिछले करीब एक महीने से चली आ रही सियासी उठापटक सोमवार यानि आज थम जाने की आशा है। सूत्रों के मुताबिक भाजपा हाईकमान ने मध्यप्रदेश के अगले मुख्यमंत्री के लिए शिवराज सिंह चौहान का नाम लगभग तय कर दिया है। शिवराज आज शाम 7 बजे शपथ ले सकते हैं। गौरतलब है कि 20 मार्च को कमलनाथ के इस्तीफे के बाद सीएम पद की दौड़ में शिवराज ही सबसे मजबूत दावेदार थे। पार्टी का एक खेमा भी मौजूदा विधानसभा में संख्या गणित को देखते हुए अभी फिलहाल शिवराज सिंह चौहान को ही कमान देने का दबाव बना रहा था। अन्य दावेदारों में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा का नाम भी सामने आया।

शिवराज सिंह चौहान चौथी बार लेंगे शपथ

शिवराज सिंह 2005 से 2018 तक लगातार 13 साल सीएम रह चुके हैं। इस दौरान उन्होंने तीन बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके फिर सीएम बनने पर मध्यप्रदेश के इतिहास में पहला मौका होगा, जब कोई चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेगा। शिवराज के अलावा अब तक अर्जुन सिंह और श्यामाचरण शुक्ल तीन-तीन बार सीएम रहे हैं।

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में सिंधिया समर्थक कांग्रेस के 22 बागी विधायकों ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक ट्वीट के जरिए जानकारी दी है। उन्होंने लिखा कि मध्य प्रदेश के विकास प्रगति और उन्नति के अपने संकल्प के साथ कांग्रेस के सभी 22 पूर्व विधायक जो मेरे परिवार के सदस्य हैं, उन्होंने आज भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के निवास पर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है। पूर्व विधायकों को भाजपा की सदस्यता दिलाने के बाद भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मीडिया से कहा कि हमारे 22 विधायक आज पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के आशीर्वाद से भाजपा में शामिल हुए हैं। सभी को टिकट मिलेगा। उन्होंने कहा कि नड्डा ने उन्हें आश्वस्त करते हुए भरोसा दिया है कि सभी का सम्मान बनाए रखा जाएगा।

पहले इन नेताओं से हाल ही में कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात की। इसके बाद सभी भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर पहुंचे। इस दौरान कैलाश विजयवर्गी, नरेंद्र सिंह तोमर और धर्मेंद्र प्रधान समेत कई नेता मौजूद रहे। इससे पहले ये सभी पूर्व विधायक एक चार्टर्ड प्लेन से दिल्ली पहुंचे थे।

भोपाल: मध्य प्रदेश में 15 दिनों से चल रही राजनीतिक सस्पेंस शुक्रवार को खत्म हो गया है और कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस ने ट्वीट करके कहा है कि कमलनाथ इस साल 15 अगस्त को मुख्यमंत्री के तौर पर तिरंगा फहराएंगे। कमलनाथ द्वारा राज्यपाल लालजी टंडन को अपना इस्तीफा सौंपने के कुछ घंटों बाद एमपी कांग्रेस ने शुक्रवार शाम अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया जिसमें लिखा था इस ट्वीट को संभाल कर रखना- 15 अगस्त 2020 को कमलनाथ मप्र के मुख्यमंत्री के तौर पर ध्वजारोहण करेंगे और परेड की सलामी लेंगे। ये बेहद अल्प विश्राम है।

कमलनाथ ने राज्यपाल को अपने इस्तीफे में कहा था, “मैंने अपने 40 वर्षों के सार्वजनिक जीवन में हमेशा से शुचिता की राजनीति की है और प्रजातांत्रिक मूल्यों को सदा तरजीह दिया है। मध्यप्रदेश में पिछले दो सप्ताह में जो कुछ भी हुआ, प्रजातांत्रिक अवमूल्यन का एक नया अध्याय है।” कमलनाथ ने त्याग पत्र में आगे लिखा,“मैं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के पद से अपना त्यागपत्र दे रहा हूं।

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