भोपाल: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज शाम को राज्यपाल लालजी टंडन से राजभवन पहुंचकर मुलाकात की. कमलनाथ ने इस मुलाकात के बाद कहा कि ''मैंने अभी राज्यपाल महोदय से वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों पर चर्चा की है। आज बजट सत्र में उनके अभिभाषण पर उन्हें धन्यवाद अर्पित किया है। मैंने उन्हें कहा है कि संविधान के दायरे व नियम प्रक्रिया के तहत हम हर चीज में राजी हैं।'' मुख्यमंत्री ने कहा कि ''भाजपा बार-बार कहती है कि हमारे पास बहुमत नहीं है, फ्लोर टेस्ट की मांग करती है। तो हमने उन्हें कहा था कि भाजपा को लगता है कि हमारे पास बहुमत नहीं है तो उन्हें अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहिए। आज वे लाये हैं, उन्होंने स्पीकर के सामने प्रस्ताव पेश किया है। हम अपना बहुमत साबित करेंगे।''
सीएम कमलनाथ ने कहा कि ''साथ ही उन 16 बंधक विधायकों को भी सामने लाना चाहिए, उन्हें भी स्वतंत्र करना चाहिए। बहुमत को लेकर कोई कुछ भी कहे, हमारे पास आज बहुमत है और हम उसे साबित भी करेंगे।'' इससे पहले अपने पहले निर्देश का पालन नहीं किए जाने पर राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री को पुन: एक पत्र लिखकर मंगलवार यानी 17 मार्च तक सदन में शक्ति परीक्षण करवाने एवं बहुमत सिद्ध करने के निर्देश दिए हैं।
राज्यपाल ने मुख्यमंत्री से कहा कि यदि आप ऐसा नहीं करेंगे तो यह माना जाएगा कि वास्तव में आपको विधानसभा में बहुमत प्राप्त नहीं है। टंडन ने सोमवार (16 मार्च) को कमलनाथ को लिखे अपने पत्र में कहा, ''मेरे पत्र दिनांक 14 मार्च 2020 का उत्तर आपसे प्राप्त हुआ है। धन्यवाद। मुझे खेद है कि पत्र का भाव/भाषा संसदीय मर्यादाओं के अनुकूल नहीं है।"
राज्यपाल ने आगे लिखा, ''मैंने अपने 14 मार्च के पत्र में आपसे विधानसभा में 16 मार्च को विश्वास मत प्राप्त करने के लिए निवेदन किया था। आज विधानसभा का सत्र प्रारंभ हुआ। मैंने अपना अभिभाषण पढ़ा, परन्तु आपके द्वारा सदन का विश्वास मत प्राप्त करने की कार्यवाही प्रारंभ नहीं की गई और इस संबंध में कोई सार्थक प्रयास भी नहीं किया गया और सदन की कार्यवाही दिनांक 26 मार्च तक स्थगित हो गई।" राज्यपाल ने कहा कि आपने अपने पत्र में सर्वोच्च न्यायालय के जिस निर्णय का जिक्र किया है वह वर्तमान परिस्थितियों और तथ्यों में लागू नहीं होता है।