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मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सोमवार को चौथी बार प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश नहीं हुए। उन्होंने अपने वकील इंदरपाल सिंह के माध्यम से दो पन्ने का पत्र ईडी दफ्तर को भेजा।

ईडी ने शुक्रवार को ही अनिल देशमुख और उनके पुत्र ऋषिकेश देशमुख को पूछताछ के लिए समन जारी कर दक्षिण मुंबई स्थित कार्यालय में बुलाया था। लेकिन पिता-पुत्र दोनों ही अपना बयान दर्ज कराने नहीं पहुंचे।

इससे पहले वे ईडी की कार्रवाई से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दावा दाखिल किया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट से उन्हें कोई राहत नहीं मिली। हालांकि ईडी की ओर से दर्ज किए गए मामले में देशमुख की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा संबंधी याचिका पर तीन अगस्त को अगली सुनवाई होने वाली है।

देशमुख ने बीते माह कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद वह अपना बयान दर्ज कराने के लिए ईडी के सामने पेश होंगे। बता दें मुंबई के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह ने पूर्व गृहमंत्री देशमुख पर 100 करोड़ वसूली की आरोप लगाया है।

हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई मामले की जांच कर रही है। वहीं, ईडी ने भी उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज कर जांच शुरू की है। ईडी ने नागपुर में देशमुख के ठिकानों पर छापेमारी की थी और देशमुख के परिवार की 4.20 करोड़ रुपए की संपत्ति भी कुर्क की है।

इसके अलावा पूर्व गृहमंत्री देशमुख के निजी सचिव संजीव पलांडे और निजी सहायक कुंदन शिंदे को गिरफ्तार किया था। इसके बाद से अनिल देशमुख पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।

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