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मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने शिवसेना पार्टी पर अपने अधिकार का दावा करते हुए शुक्रवार को चुनाव आयोग में जवाब दाखिल किया है। इस जवाब में उद्धव ठाकरे ने कहा है कि महाराष्ट्र के मौजूदा सीएम एकनाथ शिंदे शिवसेना के अन्य बागी विधायकों के साथ मिलकर पहले ही अपनी स्वेच्छा से पार्टी छोड़ चुके हैं। ऐसे में वो पार्टी के चिन्ह को लेकर अपने अधिकार की बात नहीं कर सकते हैं। सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार उद्धव गुट ने 5 लाख से ज्यादा पार्टी पदाधिकारियों और सदस्यों के समर्थन वाला एक हलफनामा भी दाखिल किया है। ठाकरे गुट के वकील का कहना है कि अभी तक 2.5 मिल चुके हैं जबकि अन्य 3 लाख हलफनामों को मुंबई में सेना भवन में तैयार किया जा रहा है। इन सभी को अगले सप्ताह तक दर्ज किए जाने की योजना है।

बता दें कि इससे अंधेरी पूर्व में होने वाले उपचुनाव को देखते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को शिवसेना के चुनाव निशान धनुष और बाण पर दावा करने के लिए चुनाव आयोग को एक चिट्ठी लिखी थी। हालांकि, अंधेरी सीट पर सत्तारूढ़ गठबंधन की ओर से इस सीट पर भाजपा चुनाव लड़ेगी।

मुंबई: अंधेरी पूर्व में होने वाले उपचुनाव को देखते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को शिवसेना के चुनाव निशान धनुष और बाण पर दावा करने के लिए चुनाव आयोग को एक चिट्ठी लिखी है। हालांकि, अंधेरी सीट पर सत्तारूढ़ गठबंधन की ओर से इस सीट पर भाजपा चुनाव लड़ेगी। लेकिन शिंदे ने कहा है कि शिवसेना का उद्धव ठाकरे चुनाव निकाय के किसी भी निर्णय के अभाव में चुनाव चिन्ह का उपयोग कर सकता है।

चुनाव आयोग को लिखी चिट्ठी में शिंदे गुट ने कहा कि, "महाराष्ट्र में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए चुनाव चिन्ह के इस विवाद का जल्द निपटारा होना आवश्यक है। क्योंकि उद्धव ठाकरे गुट अपने उम्मीदवारों के लिए एसएसपीपी के चिन्ह पर दावा करेगा।"

शिंदे, जो असली सेना होने का दावा करते हैं। उन्होंने धनुष और तीर के प्रतीक के साथ पार्टी के संस्थापक बाल ठाकरे की विरासत का दावा किया है। मामला अब चुनाव आयोग के पास लंबित है। पार्टी जून में विभाजित हो गई थी, जब शिंदे ने उद्धव ठाकरे के खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व किया।

नागपुर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नागपुर स्थित मुख्यालय को घेरने की कोशिश की गई है। भारत मुक्ति मोर्चा (बीएमएम) नाम के संगठन की ओर से यह घेराव किया गया था। इस मामले में पुलिस ने मुख्यालय के बाहर से कुछ लोगों को हिरासत में लिया है। आरएसएस कार्यालय के बाहर सुरक्षा भी बढ़ा दी गई ह।. वामन मेश्राम के नेतृत्व वाले भारत मुक्ति मोर्चा ने आज नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) मुख्यालय की घेराबंदी करने का प्रयास करते हुए कहा कि इस संगठन की विचारधार भारतीय संविधान के अनुरूप नहीं है। इस बीच पुलिस ने वामन मेश्राम को हिरासत में ले लिया है।

इससे पहले, पुलिस द्वारा छह अक्टूबर को मार्च निकालने की अनुमति देने से इंकार करने पर बीएमएम ने नागपुर हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हालांकि, अदालत ने कोई राहत नहीं दी थी। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि इसके बावजूद बीएमएम कार्यकर्ता कडबी चौराहे पर एकत्र हुए, जिसके चलते पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। हालांकि, वामन मेश्राम और उनके संगठन के आंदोलन के स्टैंड पर बने रहने के कारण नागपुर सिटी पुलिस ने सुरक्षा की दृष्टि से पूरे इंदौरा इलाके में धारा 144 लागू कर दी है।

दरभंगा: देश के बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी और उनके परिवार को उड़ा देने की धमकी देने वाले शख्स को बिहार के दरभंगा से गिरफ्तार किया गया है। पकड़ा गया युवक राकेश कुमार मिश्रा है जिसे दरभंगा के मनिगाछी थाना के ब्रह्मपुरा गांव से गिरफ्तार किया गया है। उसके पिता सुनील कुमार मिश्रा हैं। मुंबई पुलिस उसे अपने साथ कोर्ट में पेश करने के बाद ले गई है। इसकी पुष्टि दरभंगा के अवकाश कुमार की है । आरोपी का मोबाइल भी बरामद कर लिया गया है जिससे उसने धमकी दिया था।

दरभंगा एसएसपी अवकाश कुमार ने इस मामले में बताया की मुकेश अंबानी फैमिली द्वारा संचालित हॉस्पिटल में फोन कर उड़ाने की धमकी एक व्यक्ति के द्वारा दी गई थी। एक ही दिन में दो बार धमकी दी गई। जांच में उस मोबाइल का लोकेशन दरभंगा में मिला जिससे अंबानी हॉस्पिटल और फैमिली को उड़ा देने की धमकी दी गई थी।

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