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मुंबई: उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट ने चुनाव आयोग को 12 सूत्री पत्र लिखकर प्रतिद्वंद्वी एकनाथ शिंदे खेमे के पक्ष में पार्टी का चुनाव चिह्न और नाम तय करने का आरोप लगाया है। टीम ठाकरे ने अपने पत्र में आरोप लगाया है कि चुनाव आयोग ने टीम ठाकरे की पसंद के नामों और प्रतीकों को "संभवतः टीम शिंदे द्वारा अपनी सूची प्रस्तुत करने से पहले ही चुनाव निकाय की वेबसाइट पर अपलोड करके साझा कर दिया था, इससे टीम शिंदे को टीम ठाकरे द्वारा सुझाए गए विकल्पों की नकल करने की अनुमति मिल गई।
चुनाव आयोग के निर्देश के बाद अब ठाकरे गुट को शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे कहा जाएगा। इसका पार्टी सिंबल जलता हुआ मशाल है, जबकि शिंदे गुट को बालासाहेबंची शिवसेना कहा जाएगा। आयोग ने इसे चुनाव चिह्न के तौर पर एक ढाल और दो तलवार आवंटित किया है।
टीम ठाकरे ने अपनी चिट्ठी में आरोप लगाया है कि प्रतिवादी (टीम ठाकरे) यह देखकर आश्चर्यचकित है कि माननीय चुनाव आयोग ने अपनी वेबसाइट से उस पत्र को हटा लिया।
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मुंबई: महाराष्ट्र में शिवसेना के उद्धव ठाकरे खेमे में अगले महीने होने वाले अंधेरी चुनाव को लेकर दुविधा में है। शिवसेना चुनाव में दिवंगत विधायक रमेश लटके की पत्नी रुतुजा लटके को उम्मीदवार के तौर पर उतारने की उम्मीद कर रही है। लेकिन अगर मुंबई नगर निकाय उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं करता है, तो वह चुनाव लड़ने में असमर्थ हो सकती हैं। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 14 अक्टूबर है। ऐसे में अगर अगले दो दिनों के भीतर उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया जाता है, तो वह चुनाव नहीं लड़ सकती हैं।
उद्धव ठाकरे गुट ने राज्य के सत्तारूढ़ गठबंधन शिवसेना के एकनाथ शिंदे और बीजेपी पर उम्मीदवार को तोड़ने की कोशिश का आरोप लगाया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि रुतुजा लटके पर दूसरी तरफ से चुनाव लड़ने का दबाव बनाया जा रहा है। अंधेरी वेस्ट सीट पर शिवसेना के विधायक रमेश लटके का इस साल निधन हो गया था, जिसके बाद यहां उपचुनाव कराए जा रहे हैं। उनकी पत्नी रुतुजा लटके बृहन्मुंबई निगम की कर्मचारी हैं। उन्होंने चुनाव नियमों के तहत अपने पद से इस्तीफा दिया है। लेकिन अब तक उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है।
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नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने मंगलवार को एकनाथ शिंदे गुट को भी चुनाव चिह्न जारी कर दिया है। आयोग ने उन्हें दो तलवारें और ढाल वाला चिह्न जारी किया है। उद्धाव ठाकरे को टॉर्च और मशाल वाला चिह्न जारी किया गया है। वहीं, उनकी पार्टी का नाम शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे रखा गया है। वहीं, शिवसेना के दूसरे गुट यानी एकनाथ शिंदे गुट की पार्टी का नाम 'बालासाहेबआंची शिवसेना' पार्टी नाम रखा गया है।
शिंदे गुट के नाम चिट्ठी में चुनाव आयोग ने लिखा- 'शिंदे गुट द्वारा सुझाया गया चुनाव चिन्ह ढाल-तलवार फ्री चुनाव चिन्ह की लिस्ट में नहीं था। यह 'पीपुल्स डेमोक्रेटिक मूवमेंट' के एक पूर्व आरक्षित प्रतीक 'दो तलवारें और एक ढाल' जैसा दिखता है, जिसे 2004 में एक राज्य पार्टी के रूप में मान्यता नहीं दी गई थी... आपके अनुरोध पर आयोग ने "दो तलवारें और एक ढाल (दो तलवारें और ढाल)" को एक स्वतंत्र प्रतीक घोषित करने का फैसला किया है। इसे विवाद में अंतिम आदेश पारित होने तक आवंटित किया गया है।'
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नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने उद्धव गुट को अंधेरी पूर्व सीट पर विधानसभा उपचुनाव के लिए मशाल का निशान दिया है। आयोग ने कहा कि कोई भी धार्मिक निशान चुनाव के लिए नहीं दिया जा सकता है। बता दें कि उद्धव गुट ने मशाल, त्रिशूल और उगता हुआ सूरज का विकल्प चुनाव आयोग के सामने रखा था। वहीं शिंदे गुट ने गदा, उगता हुआ सूरज और त्रिशूल का विकल्प दिया था जिन्हें खारिज कर दिया गया है।
दोनों गुटों को मिला पार्टी का नाम
उद्धव गुट को चुनाव आयोग ने पार्टी का नाम 'शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे)' दिया है। वहीं ईसी ने शिंदे गुट के निशान के तीन विकल्पों को खारिज कर दिया है। हालांकि उपचुनाव के लिए शिंदे गुट की पार्टी का नाम 'बालासाहेबांची शिवसेना' होगा। चुनाव आयोग ने कहा है कि पार्टी के नाम को लेकर शिंदे गुट का जो पहली प्राथमिकता थी वही विरोधी गुट ने भी पहली प्राथमिकता में रखी थी। ऐसे में दोनों ही गुटों को वह नाम नहीं दिया जा रहा है।
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