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नई दिल्ली: चुनाव आयोग के खिलाफ शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। आयोग द्वारा शिवसेना का चुनाव चिन्ह धनुष-बाण फ्रीज किए जाने के बाद चुनाव आयोग के खिलाफ याचिका दायर की गई है। उद्धव ठाकरे गुट का आरोप है कि पक्षकारों को सुनवाई का अवसर दिए बिना आदेश पारित किया है।

उद्धव ठाकरे गुट का कहना है कि, "मौखिक सुनवाई का अनुरोध करने वाले उनके द्वारा दायर एक आवेदन के बावजूद उन्हें सुनवाई का अवसर दिए बिना आदेश पारित किया गया था। चुनाव आयोग ने अनुचित जल्दबाजी का प्रदर्शन किया है। उक्त चिन्ह स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे द्वारा विकसित, डिजाइन और कॉपीराइट किया गया था। यह तर्क दिया गया है कि एकनाथ शिंदे शिवसेना मुखिया नेता (मुख्य नेता) का पद धारण करने का दावा कर रहे हैं, लेकिन पार्टी के संगठनात्मक ढांचे में ऐसी कोई स्थिति मौजूद नहीं है, जैसा कि पार्टी के संविधान द्वारा प्रदान किया गया है।"

नई दिल्ली: चुनाव आयोग के सूत्रों का कहना है कि शिवसेना के उद्धव ठाकरे धड़े ने मुंबई के अंधेरी ईस्ट में आगामी उपचुनाव के लिए तीन नामों और प्रतीकों की एक सूची आयोग को सौंपी है। इससे पहले आयोग की तरफ से 197 नामों और चिह्नों की सूची में से कोई एक नाम मांगा गया था। जानकारी मिली है कि उद्धव गुट की अपनी पहली पसंद 'शिवसेना बालासाहेब ठाकरे' है। जबकि दूसरी पसंद में उद्धव खेमे ने 'शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे' नाम सुझाया है। सूत्रों के अनुसार, उद्धव गुट के चुनावी सिंबल त्रिशूल, मशाल या उगता सूरज में से कोई एक हो सकता है।

दरअसल, शनिवार शाम को पूर्व मंत्री और उद्धव खेमे के वरिष्ठ नेता अनिल परब ने कहा था कि हमारे समूह को चुनाव आयोग द्वारा 197 प्रतीक और नामों की सूची उपलब्ध कराई गई थी। जिसमें से तीन पर विचार किया जा रहा है। बता दें कि शिवसेना के दोनों धड़ों को नाम और चुनाव चिह्न के अपने तीन अंतिम विकल्प सोमवार दोपहर 1 बजे तक चुनाव आयोग को भेजने हैं। उद्धव ठाकरे गुट ने तीन नामों और तीन चुनाव चिह्नों पर अपनी प्रारंभिक सहमति जताई है।

नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने टीम ठाकरे और टीम शिंदे की तरफ से दाखिल किए गए जवाब के बाद शनिवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए शिवसेना के चुनाव चिन्ह को फ्रीज कर दिया है। चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे दोनों गुटों को पार्टी के नाम 'शिवसेना' और उसके 'धनुष और तीर' चुनाव चिह्न को अगले आदेश तक इस्‍तेमाल करने पर रोक लगा दी है। यानी दोनों ही गुट (उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे) निर्वाचन आयोग के अगले आदेश तक पार्टी के नाम 'शिवसेना' और उसके चुनाव चिह्न 'धनुष और तीर' का इस्‍तेमाल नहीं कर पाएंगे।

निर्वाचन आयोग शनिवार को अपने अंतरिम आदेश में कहा कि महाराष्‍ट्र में होने जा रहे उपचुनावों में दोनों धड़े नए नाम और आवंटित चुनाव चिह्न का इस्‍तेमाल कर सकते हैं। चुनाव आयोग ने कहा कि अंधेरी पूर्व उपचुनाव में दोनों गुटों में से किसी को भी पार्टी का नाम 'शिवसेना' और उसके चुनाव चिह्न 'धनुष और तीर' का इस्‍तेमाल करने की अनुमति नहीं होगी। दोनों गुटों को मौजूदा उप-चुनावों में उसकी ओर से अधिसूचित प्रतीकों की सूची में से ऐसे सिम्‍बल्‍स का आवंटन भी किया जाएगा जिसे वे चुन सकते हैं।

नासिक: महाराष्ट्र के नासिक में आज सुबह तड़के यात्रियों से भरी एक लग्जरी बस में आग लगने से कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई है। इसमें एक बच्चा भी शामिल है। इनके अलावा 38 अन्य यात्री इस हादसे में झुलस गए हैं। सभी घायलों को इलाज के लिए सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। स्ठानीय पुलिस का कहना है कि वह अभी भी मौतों की सही संख्या का पता लगाने की कोशिश कर रही है।

ये दुर्घटना औरंगाबाद रोड पर नासिक के नांदूर नाका मिरची होटल के पास अहले सुबह 5 बजे के करीब हुई है। मीडिया रिर्पोटस के मुताबिक, एक कंटेनर में टक्कर मारने की वजह से बस में आग लगी। ये बस यवतमाल से मुंबई जा रही थी, जबकि कंटेनर ट्रक नासिक से पुणे जा रहा था।

घटना की सूचना मिलते ही अधिकारी दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे और राहत-बचाव कार्य शुरू कर दिया। हादसे के वीडियो में साफ दिख रहा है कि यात्री बस आग का गोला बन गई है और धू-धू कर जल रही है।

नासिक के पुलिस उपायुक्त अमोल तांबे ने कहा, "मरने वालों में ज्यादातर बस के स्लीपर कोच यात्री थे।

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