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मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार) ने बुधवार को अजित पवार गुट को आगाह करते हुए कहा कि भाजपा से हाथ मिलाने वाला हर सहयोगी दल ‘राजनीतिक तबाही’ का शिकार हो जाता है और उनका भी यही हश्र होगा।

पवार पार्टी की बैठक को संबोधित कर रहे थे। इससे पहले उनके भतीजे अजित पवार ने अलग बैठक कर अपना शक्ति प्रदर्शन किया। अजित पवार ने शरद पवार के खिलाफ पिछले दिनों बगावत का बिगुल बजाते हुए भाजपा का दामन थाम लिया और महाराष्ट्र सरकार में उपमुख्यमंत्री बन बैठे। उनके साथ राकांपा के आठ अन्य विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली थी।

शरद पवार ने कहा कि भाजपा के साथ जिसने भी हाथ मिलाया और सत्ता में हिस्सेदारी की, वो अंतत: राजनीतिक रूप से तबाह ही हुए। अपने राजनीतिक सहयोगियों की जड़ें काटना भाजपा की नीति है। दूसरे राज्यों में इसकी कई मिसालें हैं। उनका कहना था कि अकाली दल, भाजपा के साथ लंबे समय से था लेकिन अब कहीं नहीं है। तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और बिहार में यही हालात हुए।

नई दिल्ली: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की गुटीय लड़ाई निर्वाचन आयोग के दरवाजे तक पहुंच गयी है और अजित पवार के नेतृत्व वाले समूह ने उनके समर्थन में विधायकों और सांसदों के 40 से अधिक हलफनामे दाखिल किये हैं।

निर्वाचन आयोग के सूत्रों ने बताया कि शरद पवार खेमे ने आयोग के समक्ष एक याचिका दायर कर अनुरोध किया है कि गुटीय लड़ाई के संबंध में कोई भी निर्देश पारित करने से पहले उनकी बात सुनी जाए।

निर्वाचन आयोग आगामी दिनों में याचिकाओं पर कार्रवाई कर सकता है और दोनों पक्षों से उसके समक्ष प्रस्तुत संबंधित दस्तावेजों का आदान-प्रदान करने के लिए कह सकता है।

शरद पवार द्वारा 1999 में स्थापित राकांपा में रविवार को विभाजन हो गया और अजित पवार 40 से अधिक विधायकों के समर्थन का दावा करते हुए महाराष्ट्र में शिवसेना-भाजपा गठबंधन सरकार में शामिल हो गए।

अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री और राकांपा के आठ अन्य विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। अजित पवार ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं प्रफुल्ल पटेल, छगन भुजबल, दिलीप वाल्से के साथ असली राकांपा होने का दावा किया।

मुंबई (जनादेश ब्यूरो): महाराष्ट्र की सियासत का आज बेहद अहम दिन है. एनसीपी में टूट के बाद शरद पवार गुट और अजित पवार गुट दोनों ने अपनी ताकत दिखाने के लिए आज बुलाई गई दोनों गुटों की बैठकें शुरू हो गयी हैं। अजित पवार की बैठक में अभी तक 29 विधायक पहुंचे हैं। अजित खेमे ने 42 विधायकों के समर्थन का दावा किया है। शरद पवार के समर्थन में वाई बी चव्हाण सेंटर पहुंचे विधायकों की संख्या 14 हो गई है। इसके साथ ही दो सांसद भी पहुंचे हैं।

एनसीपी के शरद पवार गुट की तरफ से पार्टी के चीफ व्हिप जितेंद्र आह्वाड ने सभी विधायकों को आज की मीटिंग में शामिल होने के लिए आदेश निकाला है। इस बीच शरद पवार के घर सिल्वर ओक पर उनके समर्थन में पोस्टर लगाए गए हैं, जिसमें लिखा है कि 83 साल का योद्धा अकेला निकला है।

इधर चर्चा ये भी है कि अजित पवार गुट के सरकार में शमिल होने के बाद एकनाथ शिंदे की शिवसेना में हलचल तेज हो गई है। मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की अगवानी करने नागपुर गए मुख्यमंत्री देर रात मुंबई वापस आ गए। खबर है कि मीटिंग कर फिर वो वापस चले गए।

मुंबई: अजित पवार के महाराष्ट्र के एकनाथ शिंदे नीत सरकार में शामिल होने के बाद उनके और शरद पवार के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) पर दावेदारी को लेकर लड़ाई तेज हो गई है और इसी कड़ी में शक्ति प्रदर्शन के वास्ते दोनों गुटों ने बुधवार को अलग-अलग बैठक बुलाई है। अजित पवार ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनका कोई विकल्प नहीं है। राकांपा के शरद पवार गुट ने पार्टी की बैठक दक्षिण मुंबई स्थित यशवंत राव चव्हाण केंद्र में बुधवार को अपराह्न एक बजे बुलाई है, जबकि अजित पवार ने मुंबई के उपनगर बांद्रा स्थित मुंबई एजुकेशन ट्रस्ट के परिसर में पूर्वाह्न 11 बजे बैठक बुलाई है।

दोनों गुटों की बैठक से स्थिति स्पष्ट होने की उम्मीद है कि किसके साथ कितने विधायक हैं. 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में राकांपा के 53 विधायक हैं और अजित पवार गुट को दलबदल कानून के तहत अयोग्य ठहराए जाने से बचने के लिए कम से कम 36 विधायकों का समर्थन चाहिए। अजित पवार गुट ने 40 विधायकों के समर्थन का दावा किया है।

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