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मुंबई (जनादेश ब्यूरो): महाराष्ट्र की सियासत का आज बेहद अहम दिन है. एनसीपी में टूट के बाद शरद पवार गुट और अजित पवार गुट दोनों ने अपनी ताकत दिखाने के लिए आज बुलाई गई दोनों गुटों की बैठकें शुरू हो गयी हैं। अजित पवार की बैठक में अभी तक 29 विधायक पहुंचे हैं। अजित खेमे ने 42 विधायकों के समर्थन का दावा किया है। शरद पवार के समर्थन में वाई बी चव्हाण सेंटर पहुंचे विधायकों की संख्या 14 हो गई है। इसके साथ ही दो सांसद भी पहुंचे हैं।

एनसीपी के शरद पवार गुट की तरफ से पार्टी के चीफ व्हिप जितेंद्र आह्वाड ने सभी विधायकों को आज की मीटिंग में शामिल होने के लिए आदेश निकाला है। इस बीच शरद पवार के घर सिल्वर ओक पर उनके समर्थन में पोस्टर लगाए गए हैं, जिसमें लिखा है कि 83 साल का योद्धा अकेला निकला है।

इधर चर्चा ये भी है कि अजित पवार गुट के सरकार में शमिल होने के बाद एकनाथ शिंदे की शिवसेना में हलचल तेज हो गई है। मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की अगवानी करने नागपुर गए मुख्यमंत्री देर रात मुंबई वापस आ गए। खबर है कि मीटिंग कर फिर वो वापस चले गए।

अजित पवार गुट का 40 विधायकों के समर्थन का दावा

अजित पवार ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के 53 में से 40 विधायकों के समर्थन का दावा किया है। राज्यपाल को लिखी चिट्ठी में 40 से ज्यादा विधायकों के समर्थन और उनके साइन की बात कही गई है। वहीं कई विधायकों का आरोप है कि उन्होंने उद्देश्य जाने बिना अनजाने में चिट्ठी पर अपने साइन कर दिए।

कई एनसीपी नेताओं ने किया शरद पवार का समर्थन

अभी तक न तो अजित पवार और न ही शरद पवार ने अपने समर्थन में विधायक पेश किए हैं। लेकिन कई एनसीपी नेता ने शरद पवार के प्रति अपनी वफादारी का ऐलान किया हैं। अनिल देशमुख, जीतेंद्र आह्वाड, जयंत पाटिल, रोहित पवार, संदीप क्षीरसागर और प्राजक्त प्रसादराव तनपुरे ने शरद पवार के साथ अपनी तस्वीरें शेयर की है और समर्थन की बात कही है।

दल-बदलुओं की अयोग्यता पर कानूनी सलाह ले रहे हैं शरद पवार

फिलहाल अजित पवार के पास एनसीपी पार्टी को विभाजित करने और दल-बदल विरोधी कानून के तहत कार्रवाई से बचने के लिए जरूरी दो-तिहाई बहुमत नहीं है। अगर उनके पास पर्याप्त नंबर हैं, तो वह पार्टी के नाम और प्रतीक पर दावा ठोंक सकते हैं। इस बीच 82 वर्षीय शरद पवार ने सोमवार से एनसीपी को जमीनी स्तर से फिर से खड़ा करने का अपना मिशन शुरू किया है। टीम शरद पवार दल-बदलुओं की अयोग्यता पर कानूनी विशेषज्ञों से सलाह ले रही है।

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