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मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में टूट के बाद के महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने रविवार को कई समर्थक विधायकों के साथ अपने चाचा शरद पवार से मुलाकात की। अजित पवार सोमवार को फिर शरद पवार से मिलने पहुंचे. बीजेपी-एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल होने के लिए अजित पवार के साथ बगावत करने वाले प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि रविवार होने के कारण कई कैबिनेट मंत्री मौजूद नहीं थे। इसलिए सोमवार को दोबारा मुलाकात हुई है। पटेल ने कहा, "शरद पवार ने धैर्यपूर्वक हमारी बात सुनी। हालांकि, खुद कुछ नहीं कहा।"

सूत्रों के मुताबिक, शरद पवार खेमे ने विधायकों के माध्यम से एक प्रस्ताव पारित करने के लिए दिल्ली में अपनी कानूनी टीम से सलाह ली है। पार्टी की तरफ से कानूनी राय विपक्षी खेमे में बने रहने के लिए मांगी गई थी। हालांकि, एनसीपी की एक के बाद हुई बैठकों को लेकर कानूनी टीम भी भ्रमित है। सूत्रों के मुताबिक, शरद पवार खेमे के विधायकों को सोमवार को विपक्ष में रहने का प्रस्ताव पारित करना था। उस प्रस्ताव को विधानसभा अध्यक्ष के पास भेजना था। हालांकि, अभी तक ऐसा हुआ नहीं है।

मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अजित पवार गुट के नेता आज मुंबई में शरद पवार से मिले। इन नेताओं में अजित पवार के अलावा प्रफुल्ल पटेल, छगन भुजबल समेत अन्य नेता शामिल थे। इस मुलाकात के बाद मुंबई के वाईबी चव्हाण सेंटर में प्रफुल्ल पटेल ने प्रेस से कहा कि आज आदरणीय शरद पवार का आशीर्वाद लेने के लिए अजित पवार, छगन भुजबल और हम सभी आए थे। हमने पैर छूकर विनती की कि पार्टी को एक रखने पर विचार करें। उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि, हम समय ना मांगकर सीधे आए थे. हमें पता चला कि पवार साहब आए हैं, इसलिए मिलने आए और उनके पैर छूकर विनती भी की कि पार्टी को एक रखने पर विचार करें। पवार साहब ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, सिर्फ शांति से सुना।

दूसरी ओर एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि एनसीपी छोड़कर सरकार में शामिल होने वाले 9 मंत्री आज अचानक पवार साहब से मिलने आए। सभी ने दिलगिरी खेद व्यक्त किया और विनती की कि यह जो हालात बन गए हैं, उसका कोई समाधान निकालें।

मुंबई: महाराष्‍ट्र की शिंदे सरकार में कैबिनेट विस्‍तार के बाद अब मंत्रियों को विभागों का बंटवारा किया गया है। उपमुख्‍यमंत्री अजित पवार को वित्त और नियोजन मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया है। इसके साथ ही छगन भुजबल को रसद और ग्राहक संरक्षण मंत्री बनाया गया है। महाराष्‍ट्र में कैबिनेट विस्‍तार के बाद मंत्रियों के विभागों के बंटवारों को लेकर हो रही देरी पर विपक्षी पार्टियां लगातार सवाल उठा रही थीं। हालांकि तमाम विवादों को किनारे करते हुए अब मंत्रियों को उनके विभागों का बंटवारा कर दिया गया है।

पिछले महीने मंत्रिमंडल में शामिल किए गए नौ एनसीपी विधायकों को कई महीनों की अटकलों के बाद आखिरकार शुक्रवार को उनके विभाग मिल ही गए।

नए मंत्रियों में धर्मरावबाबा अत्राम को औषधि और प्रशासन, दिलीप वलसे पाटिल को सहकारिता, धनंजय मुंडे को कृषि और हसन मुश्रीफ को चिकित्सा शिक्षा विभाग का प्रभार सौंपा गया है। इसके साथ ही अनिल पाटिल को आपदा राहत और पुनर्वास मंत्री बनाया गया है।

मुंबई: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को कथित तौर पर ‘कलंक' कहने को लेकर राज्‍य की राजनीति गरमाई हुई है। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ प्रदर्शन किया और उनसे अपनी टिप्पणी वापस लेने की मांग की। इस पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैंने तो सिर्फ कलंक कहा है। कलंक शब्द अगर उन्हें इतना बुरा लगा है, तो लोगों के घर ईडी, सीबीआई भेजकर उन्हें कलंकित करते हैं, उसका क्या है?

उद्धव ठाकरे ने कहा कि अपने देश और महाराष्ट्र का राजनीति का स्तर जो गिरा है, उसे लेकर लोगों में नाराजगी है। सरकार अब भी राज्य की जनता के सवालों पर ध्यान देती नही दिख रही है। सरकार आपके द्वार कार्यक्रम तो हो रहा है, लेकिन लोगों के घरों का क्या हाल है, इस पर ध्यान नहीं है।

कलंक वाले बयान पर उद्धव ठाकरे ने कहा, "इसमें इतना लगने जैसा क्या है? आप किस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। हसन मुशरिफ, जिसके खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप लगाया, उसी को मंत्रिमंडल में स्थान दे रहे हैं, बगल बैठ रहे हैं, तो दूसरों पर आरोप लगाने का क्या हक है?

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