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मुंबई: दस दिन तक चलने वाले ‘गणेश चतुर्थी’ उत्सव के समापन पर मुंबई में ढोल नगाड़ों की धूम और कड़ी सुरक्षा के बीच आज (गुरूवार) गणेश प्रतिमा विसर्जन शुरू हो गया, वहीं हर ओर ‘‘गणपति बप्पा मोरया, पुढ़च्यावर्षी लवकर या’’ के जयकारे की गूंज गुंजायमान होती रही। श्रद्धालुओं और गणेश मंडलों के प्रमुखों के गणपति की प्रतिमाओं को वहां से ले जाने और यहां के समुद्र, प्राकृतिक या कृत्रिम तालाबों में विसर्जन के साथ प्रतिमा विसर्जन की यह प्रक्रिया अगले 24-30 घंटों में खत्म होने की संभावना है। सुबह बारिश होने के बावजूद लोगों के उत्साह में कोई कमी नजर नहीं आई। भगवान गणेश की अंतिम विदाई के वक्त लोग सड़कों पर नाचते और गाते दिखे। बहरहाल, निकाय अधिकारियों ने दावा किया कि उन्होंने ‘लाल बागचा राजा’ और ‘गणेश गल्ली चा राजा’ सहित मशहूर गणेश पंडालों में लाखों श्रद्धालुओं के उमड़ने की संभावना को देखकर व्यापक इंतजाम किया है। विसर्जन की प्रक्रिया सुचारू ढंग से हो यह सुनिश्चित करने के लिए बृहन्मुंबई महानगरपालिका :एमसीजीएम: और शहर की पुलिस ने हेलीकॉप्टर और ड्रोन की तैनाती सहित व्यापक इंतजाम किए हैं। एमसीजीएम ने बताया कि प्रतिमा विसर्जन के लिए कुल 31 कृत्रिम तालाबों का निर्माण किया गया है जबकि समूचे महानगर में ऐसे 69 प्राकृतिक तालाब हैं जहां विसर्जन की रस्म पूरी की जा सकती है। इसके अनुसार 607 लाइफगार्डस, 58 नियंत्रण प्रकोष्ठों और शहर में 74 प्राथमिक उपचार केंद्रों की स्थापना की गई है।

मुंबई: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘अच्छे दिन’ का मशहूर नारा दरअसल पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दिया था, लेकिन यह नारा अब मोदी सरकार की गर्दन का ‘बोझ’ बन गया है। गडकरी ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘अच्छे दिन मानने से होता है। दिल्ली में एक एनआरआई समारोह में मनमोहन सिंह ने कहा था कि ‘अच्छे दिन आएंगे’।’ केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘जब पूछा गया कि ‘अच्छे दिन’ कब आएंगे, तो सिंह ने जवाब दिया था - ‘भविष्य में’। मोदी जी ने यही बात कही और कही और अब यह हमारी गर्दन का ‘बोझ’ बन गया है।’ मोदी ने पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान ‘अच्छे दिन’ के नारे का खूब इस्तेमाल किया था।

नागपुर: योग गुरु रामदेव ने आज कहा कि पतंजलि समूह परिधान क्षेत्र में दस्तक देगा और ‘स्वदेशी जिंस’ इस साल के अंत या अगले साल पेश किया जाएगा। बाबा रामदेव ने यहां संवाददाताओं से कहा कि युवाओं की तरफ से अच्छी मांग है और इसीलिए पतंजलि ने विदेशी ब्रांड से टक्कर लेने के लिये स्वदेशी जींस पेश करने का फैसला किया है। उन्होंने यह भी कहा कि समूह रोजमर्रा के उत्पादों के साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में संभावना तलाशने को तैयार है और भविष्य में पाकिस्तान तथा अफगानिस्तान में भी दस्तक दे सकता है। रामदेव ने कहा, ‘हमने पहले ही नेपाल और बांग्लादेश में इकाइयां लगायी है और हमारे उत्पाद पश्चिम एशिया पहुंच चुके हैं तथा सउदी अरब समेत कुछ देशों में लोकप्रिय हुए हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हमें गरीब देशों पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि उन देशों से लाभ का उपयोग वहां विकास कायो’ में किया जाएगा।’ रामदेव ने कहा, ‘पाकिस्तान और अफगानिस्ताप में प्रवेश मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर निर्भर करेगा और अगर स्थिति राजनीतिक रूप से अनुकूल रही, वहां इकाइयां लगायी जाएंगी।’ उन्होंने कहा कि कंपनी के उत्पाद कनाडा तक पहुंच रहे हैं। रामदेव ने कहा कि समूह अजरबैजान में भी दस्तक दे चुका है जहां 90 प्रतिशत आबादी मुस्लिम है और एक प्रमुख उद्योगपति ने उनके उत्पादों में रूचि दिखायी है। उन्होंने कहा कि परिधान के साथ रिफाइंड खाद्य तेल भी इस साल पेश किया जाएगा।

मुंबई: एक विशेष महिला अदालत ने आज नर्स प्रीति राठी पर 2013 में किए गए तेजाब हमले के मामले में 26 वर्षीय अंकुर लाल पंवार को मौत की सजा सुनाई। अंदरूनी रूप से जख्मी होने के बाद कई अंगों के काम करना बंद करने के कारण राठी की मौत हो गई थी। विशेष न्यायाधीश ए एस शेंदे ने दोषी को मौत की सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष ने एक दिन पहले दोषी को कठोर से कठोर सजा देने की मांग की थी। अभियोजन पक्ष ने कहा था कि तेजाब हमला महिलाओं के खिलाफ अपराध है और पंवार ने आवेग में आकर यह अपराध नहीं किया था बल्कि यह सुनियोजित हमला था। विशेष लोक अभियोजक उज्ज्वल निकम ने कल मामले को मौत की सजा देने के लिए उपयुक्त बताया था। उन्होंने कहा था कि मामला दुर्लभतम से दुर्लभ मामले की श्रेणी में आता है जबकि पंवार की वकील अपेक्षा वोरा ने अपने मुवक्किल पर रहम किए जाने की मांग की थी। उन्होंने दोषी की कम आयु और अपने परिवार के लिए रोजी-रोटी कमाने वाला एकमात्र व्यक्ति होने का हवाला दिया था। निकम ने कहा था, ‘अगर उसे कम सजा दी गई और अगर उसे सजा पूरी करने के बाद रिहा किया जाता है तो अन्य लड़कियां सुरक्षित नहीं होंगी।’ निकम ने कहा था कि सजा देने का उद्देश्य अपराधियों और उसकी तरह के लोगों को इस तरह का अपराध करने से रोकना है। उन्होंने दावा किया था, ‘अगर उचित सजा नहीं दी जाती है तो अदालत अपने कर्तव्य में विफल होगी।’ पंवार 2013 में दिल्ली निवासी प्रीति राठी की उसपर तेजाब फेंककर हत्या करने का दोषी है।

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