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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

मुंबई: भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी शिवसेना ने गुरुवार को उससे हिन्दू आतंकवाद पर अपना रुख साफ करने को कहा है। शिवसेना ने कहा कि जिस वक्त भाजपा विपक्ष में थी उसने ‘हिन्दू आतंकवाद’ का कड़ा विरोध किया था। लेकिन, हैरानी की बात ये है कि सरकार में आते ही वह लोगों को 'हिन्दू आतंकवाद' के तौर पर ब्रांडिंग कर रही है और उन्हें खत्म करने की दिशा में काम कर रही है। शिवसेना ने कहा कि ‘हिन्दू आतंकवाद’ पर उसे अपना रुख साफ करना चाहिए।

शिवसेना ने अपने संपादकीय 'सामना' में कहा- कांग्रेस ने 'हिन्दू आतंकवाद' शब्द दिया था और उस वक्त भाजपा ने इस शब्द पर संसद से सड़क तक बवाल किया था। इसमें आगे कहा गया- “अब भाजपा की महाराष्ट्र और केन्द्र दोनों जगहों पर सरकार है और अभी भी ‘हिन्दू आतंकवाद’ बोला जा रहा है। सरकार को इस दिशा में अपना रुख साफ करना चाहिए।”

मुंबई: पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के बीच शिवसेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अच्छे दिन के वादे पर चुटकी ली। शिवसेना ने कहा कि अगर वह जनता के लिए ‘अच्छे दिन’ नहीं ला सकते, तो कम से कम ईंधन के दामों को कम करके लोगों के जीवन में स्थिरता ही ला दे। शिवसेना ने दावा किया कि पेट्रोल पंपों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर लगाने के लिए कहा गया है। प्रधानमंत्री की तस्वीर के साथ राजग सरकार के शासन में ईंधन के बढ़ते दामों का विवरण भी लगाया जाना चाहिए। पिछले ढाई महीने में पेट्रोल की कीमत दिल्ली में मंगलवार को पहली बार 78 रुपये प्रति लीटर के स्तर को पार कर गई। वहीं, डीजल का दाम 69.61 रुपये प्रति लीटर हो गया है।

सरकार कीमतों पर नियंत्रण करने में सक्षम नहीं 

शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में लिखा कि सरकार ईंधन की बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण करने में सक्षम नहीं है। हाल ही में जब पेट्रोल के दाम अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर चले गए थे, तो केंद्र सरकार ने इसमें हस्तक्षेप किया था। लेकिन लोगों की खुशियां कुछ समय तक ही रहीं। उसके बाद ईंधन के दाम दोबारा बढ़ गए।

पुणे: स्थानीय अदालत ने यहां पुलिस को गिरफ्तार मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को उनके घर वापस भेजने का निर्देश दिया। इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने आज आदेश दिया था कि उन्हें छह सितंबर तक नजरबंद रखा जाए। एक अधिकारी ने कहा कि पुणे जिला अदालत के जिला एवं सत्र न्ययाधीश के डी वदाने ने पुणे पुलिस को वरवर राव, वेरनन गोंसाल्विज, अरूण फरेरा को उनके घर वापस भेजने का आदेश दिया जहां उन्हें ‘नजरबंद’ रखा जाएगा।

सहायक पुलिस आयुक्त और जांच अधिकारी शिवाजी पवार ने कहा कि सभी आरोपियों को उनके शहर भेजने के इंतजाम किये जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘हमने यहां अदालत से उन्हें पुणे के एक अतिथि गृह में नजरबंद रखने की अनुमति देने अनुरोध किया था। हालांकि, शीर्ष अदालत के स्पष्ट निर्देशों के कारण, न्यायाधीश ने आदेश दिया कि उन्हें नजरबंद रखने के लिए उनके शहर वापस भेजा जाए।’’ उन्होंने कहा कि तीनों कार्यकर्ताओं को कल उनके शहर वापस भेजा जा सकता है।

मुंबई: महाराष्ट्र में हथियारों की बरामदगी के मामले में गिरफ्तार संदिग्ध दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं ने पिछले साल पुणे में एक पश्चिमी संगीत समारोह को निशाना बनाने की साजिश रची थी और मुंबई में एक फिल्म थियेटर के बाहर एक पेट्रोल बम फेंकने की घटना में संलिप्त थे। पुलिस के आतंकवाद-निरोधी दस्ते (एटीएस) ने इस महीने हथियार और गोला-बारूद की बरामदगी के सिलसिले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। उनमें से चार को पुलिस हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद सत्र न्यायाधीश समीर अदकर के समक्ष पेश किया गया। पांचवां आरोपी 31 अगस्त तक पुलिस हिरासत में रहेगा।

इस मामले में अपनी जांच के आधार पर एटीएस ने अदालत को बताया कि आरोपियों में से दो पिछले साल पुणे में हुए पश्चिमी संगीत के एक समारोह को निशाना बनाकर हमला करने की साजिश में शामिल थे क्योंकि वे उसे हिन्दू संस्कृति के खिलाफ समझते थे। आतंकवाद-निरोधक एजेंसी ने आरोपियों के रूप में वैभव राउत और सुधानवा गोंधलेकर की पहचान की है।

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