पुणे: स्थानीय अदालत ने यहां पुलिस को गिरफ्तार मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को उनके घर वापस भेजने का निर्देश दिया। इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने आज आदेश दिया था कि उन्हें छह सितंबर तक नजरबंद रखा जाए। एक अधिकारी ने कहा कि पुणे जिला अदालत के जिला एवं सत्र न्ययाधीश के डी वदाने ने पुणे पुलिस को वरवर राव, वेरनन गोंसाल्विज, अरूण फरेरा को उनके घर वापस भेजने का आदेश दिया जहां उन्हें ‘नजरबंद’ रखा जाएगा।
सहायक पुलिस आयुक्त और जांच अधिकारी शिवाजी पवार ने कहा कि सभी आरोपियों को उनके शहर भेजने के इंतजाम किये जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘हमने यहां अदालत से उन्हें पुणे के एक अतिथि गृह में नजरबंद रखने की अनुमति देने अनुरोध किया था। हालांकि, शीर्ष अदालत के स्पष्ट निर्देशों के कारण, न्यायाधीश ने आदेश दिया कि उन्हें नजरबंद रखने के लिए उनके शहर वापस भेजा जाए।’’ उन्होंने कहा कि तीनों कार्यकर्ताओं को कल उनके शहर वापस भेजा जा सकता है।
उच्चतम न्यायालय ने आज आदेश दिया कि कोरेगांव-भीमा हिंसा मामले के संबंध में गिरफ्तार पांच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को छह सितंबर तक नजरबंद रखा जाए।