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शिलांग: भारतीय निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दे दिया। यह राज्य के मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा की पार्टी है। उन्हें यह दर्जा हाल में खत्म हुए लोकसभा और अरुणाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव के दौरान राष्ट्रीय पार्टियों के लिए आवश्यक मानदंडों क पूरा करने के बाद मिला है। स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार किसी स्थानीय पूर्वोत्तर पार्टी को यह दर्जा मिला है। 2013 में मेघालय के मुख्यमंत्री के पिता और पूर्व लोकसभा स्पीकर स्वर्गीय पुर्णो अगितोक संगमा (पीए संगमा) ने इस पार्टी को बनाया था। वह उत्तर पूर्व के बहुत बड़े राजनेता थे।

अभी तक इस पार्टी को मणिपुर, नगालैंड और मेघालय की स्थानीय पार्टी के तौर पर पहचाना जाता था। उसे अरुणाचल प्रदेश में राज्य पार्टी का दर्जा मिला था। उसे हालिया चुनाव में पांच सीटों पर जीत मिली है। राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलने के बाद अपनी खुशी जाहिर करते हुए संगमा ने कहा, 'यह हम सभी के लिए बहुत ही खुशी का क्षण है कि स्वर्गीय पूर्णो अगितोक संगमा द्वारा स्थापित पार्टी ने अपनी उचित पहचान हासिल कर ली है। यह केवल एनपीपी की उपलब्धता नहीं है बल्कि उत्तर पूर्व के लोगों का भारी समर्थन और साथ है।' एनपीपी केंद्र में सत्तारूढ़ गठबंधन एनडीए का हिस्सा है।

60 में से 21 सीटें जीतने वाली एनपीपी मेघालय की सबसे बड़ी पार्टी है। एनपीपी का राष्ट्रीय चिन्ह किताब है।

पीए संगमा ने कांग्रेस से अलग होकर एनपीपी की स्थापना की थी। राजस्थान के किरोड़ीमल मीणा एनपीपी के सह संस्थापक सदस्य हैं। 2013 के विधानसभा चुनाव के दौरान एनपीपी ने चार सीटों पर जीत दर्ज की थी। चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार यदि कोई पार्टी चार राज्यों में राज्य स्तरीय पार्टी की मान्यता रखती है तो उसे राष्ट्रीय राजनीतिक दल की मान्यता प्राप्त करने के लिए सभी जरूरी शर्तें पूरी करनी पड़ती है। देश में इस समय सात पार्टियों को राजनीतिक पार्टी का दर्जा मिला हुआ है।

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