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अलवर: दिल्ली के बाद अब राजस्थान में पुलिसवालों की पिटाई का मामला सामने आया है। बुधवार को वकीलों ने राजस्थान के अलवर जिले की एक अदालत में हरियाणा पुलिस के एक हैड-कांस्टेबल और राजस्थान पुलिस के तीन कर्मियों की कथित तौर पर पिटाई कर दी। अलवर के पुलिस अधीक्षक पारिस देशमुख ने बताया कि एक महिला समेत चार पुलिसकर्मियों की पिटाई के मामले में अलवर के दो पुलिस थानों में चार मामले दर्ज किए गए हैं। देशमुख ने बताया कि वकीलों ने राजस्थान पुलिस की एक महिला कांस्टेबल और दो पुरुष कांस्टेबलों तथा हरियाणा पुलिस के एक हैड-कांस्टेबल की पिटाई कर दी।

उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी कर रहे थे। इस संबंध में चार मामले दर्ज किए गए हैं। कोतवाली थानाधिकारी गौतम ने बताया कि वकील कह रहे थे कि वे दिल्ली के वकीलों के समर्थन में हड़ताल पर हैं। इस मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। वहीं, राजस्थान पुलिस सेवा अधिकारी (आरपीएस) एसोसिएशन ने बुधवार सुबह जयपुर में एक बैठक कर दिल्ली की तीस हजारी अदालत की घटना की निंदा की।

जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में घूंघट प्रथा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। गहलोत ने मंगलवार को कहा कि घूंघट का जमाना अब चला गया है। अशोक गहलोत ने जयपुर में एक कार्यक्रम में कहा, 'गांव में आज भी घूंघट है, एक महिला को घूंघट में कैद करने का एक समाज को क्या अधिकार है? जब तक घूंघट रहेगा तब तक महिलाएं आगे नहीं बढ़ पाएंगी। जमाना गया अब घूंघट का।'

मुख्यमंत्री महिला अधिकारों के लिए काम कर रहे एक संगठन के कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए थे। वहां उन्होंने बिना घूंघट की महिलाओं की ओर इशारा करते हुए कहा कि ग्रामीण इलाकों में अब भी घूंघट करती हैं। सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि हिम्मत और हौसले के साथ आपको आगे बढ़ना पड़ेगा। सरकार आपके साथ खड़ी होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वक्त बदल चुका है। महिलाएं पढ़-लिखकर हर क्षेत्र में सफलता हासिल कर रही हैं। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का उदाहरण हमारे सामने है।

बाड़मेर: कार्यकर्ताओं का कहना है कि रविवार को राजस्थान के बाड़मेर के बालटोरा में एक आरटीआई कार्यकर्ता की पुलिस हिरासत में मौत हो गई है। कार्यकर्ता की मौत के बाद पूरे थाने को लाइन हाजिर कर दिया गया है। बाड़मेर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) शरद चौधरी ने कहा कि आरटीआई कार्यकर्ता जगदीश गोलियां जो 40 के आसपास थे उन्हें शनिवार को भारतीय दंड संहिता की धारा 151 के तहत सुरक्षात्मक हिरासत में रखा गया था। उनका अपने दो रिश्तेदारों के साथ जमीन विवाद चल रहा था।

एसपी ने कहा, 'रविवार को उन्हें और उनके दो भतीजों को पकड़कर तहसील कार्यालय में कार्यकारी मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया। जहां उनके दोनों भतीजों को तहसील कार्यालय में पेश करने के बाद जमानत मिल गई। वहीं कार्यकर्ता की हालत खराब हो गई और फिर उनकी मौत हो गई।' गोलियां को गोपाल और ओम सहित अन्य लोगों से जान से मारने की धमकी मिल रही थी। शनिवार को गोपाल और ओम सहित अन्य लोग दोपहर के 12.30 बजे खेत पर पहुंचे और उन्होंने कार्यकर्ता की पिटाई कर दी।

अलवर: पुलिस ने रविवार की सुबह दो लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस का कहना है कि इन दोनों ने आधी रात को एक जोड़े को जय श्रीराम के नारे लगाने के लिए जबरदस्ती की। इसके साथ ही, एक महिला के साथ अशोभनीय तरीके से आधी रात को पेश आया। दोनों को रविवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 18 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस ने बताया कि हरियाणा से एक मुस्लिम जोड़े शनिवार की रात करीब साढ़े ग्यारह बजे अलवर बस स्टैंड पर खड़े थे। दो लोग मोटर साइकिल पर आए और उन्हें परेशान करने लगे।

एफआईआर के मुताबिक, “जोड़े से उन लोगों ने जय श्रीराम के नारे लगाने के लिए जबरदस्ती की और उनमें से एक महिला के सामने भड़क गया।” अलवर महिला थाने की एसएचओ चौथमाल वर्मा ने कहा कि कोतवाली पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है और जांच के लिए उसे भेज दिया गया है। वर्मा ने कहा- "जब उनमें से एक शख्स महिला के ऊपर भड़का तो वहां पर राहगीरों में से एक ने मामले में दखल दी और पुलिस को बुलाया। दोनों लोगों को कोतवाली पुलिस को सौंप दिया गया।

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