ताज़ा खबरें
संभल में मस्जिद सर्वे के दौरान भड़की हिंसा:अब तक 4 लोगों की मौत
निज्जर हत्याकांड: कनाडा में चार भारतीयों के खिलाफ सीधे होगा ट्रायल
हेमंत सोरेन ने पेश किया सरकार बनाने का दावा, 28 को लेंगे शपथ

जयपुर: विशेष कोर्ट वर्ष 2008 के जयपुर सीरियल बम धमाकों के चार दोषियों की सजा का एलान शुक्रवार को करेगा। इन धमाकों में 71 लोग मारे गए थे और 185 लोग घायल हुए थे। विशेष कोर्ट ने बृहस्पतिवार को दोषियों की सजा पर दोनों पक्षों की दलीलों को सुना। सरकारी वकील श्रीचंद ने बताया कि कोर्ट शुक्रवार को चार बजे सजा सुनाएगा। दोषियों को अधिकतम फांसी की सजा सुनाई जा सकती है। इस मामले में विशेष कोर्ट ने बुधवार को चार आरोपियों को दोषी करार दिया था।

13 मई 2008 को जयपुर में आठ जगहों पर बम धमाके हुए थे जिसमें 71 लोगों की मौत हुई थी। जिन आरोपियों को कोर्ट ने दोषी करार दिया उनके नाम शाहबाज हुसैन, मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सरवर आजमी, सैफुर्रहमान एवं सलमान हैं। मामले में अदालत ने आरोपी शाहबाज हुसैन को दोषमुक्त करार दिया क्योंकि उसके खिलाफ आरोप सिद्ध नहीं हो सके। बाकी चार आरोपियों को आईपीएस की धारा 120 बी के तहत दोषी माना गया। शाहबाज पर इन धमाकों की जिम्मेदारी लेने वाला ईमेल भेजने का आरोप था।

कोटा (राजस्थान): अपने एक विवादित वीडियो की वजह से बिग बॉस की एक्स कंटेस्टेंट और एक्ट्रेस पायल रोहतगी को आठ दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पायल को सोमवार को एसीजेएम कोर्ट में पेश किया गया। पायल की ओर से अब मंगलवार को जमानत अर्जी पेश की जाएगी। बीते रोज राजस्थान पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था। जिसके बाद सोशल मीडिया पर लोग उनके सपोर्ट में नजर आए। सोशल मीडिया पर #आई स्टेंड विद पायल रो​हतगी- टॉप ट्रेंडिंग में रहा।

एक्ट्रेस की गिरफ्तारी की जानकारी खुद पायल के ट्विटर हैंडल पर दी गई। पायल ने ट्वीट में लिखा था- 'मुझे राजस्थान पुलिस ने मोतीलाल नेहरू पर एक वीडियो शेयर करने के लिए गिरफ्तार किया है। उस वीडियो को मैने गूगल से जानकारी लेकर बनाया था। बोलने की आजादी एक मजाक है'। इस ट्वीट में उन्होंने राजस्थान पुलिस, पीएमओ, होम मिनिस्ट्री के ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट को टैग किया था। पायल ने कुछ समय पहले अपने ट्विटर एकाउंट पर एक विवादित वीडियो शेयर किया था।

जोधपुर: राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि गुणवत्‍तापूर्ण शिक्षा और स्‍वास्‍थ्‍य देश के लोगों, खासकर दूरदराज के लोगों को उपलब्‍ध होने चाहिए। जोधपुर में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान के दूसरे दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राष्‍ट्रपति ने कहा कि कम कीमत पर रोगों की पहचान किए जाने, उनके इलाज और पुनर्वास सेवाओं को विकसित करने की जरूरत है।

उन्‍होंने कहा कि देश के निर्धन से निर्धनतम लोगों को स्‍वास्‍थ्‍य सुविधायें उपलब्‍ध कराने के लिए एम्‍स जैसे संस्‍थान बनाए जा रहे हैं। कोविंद ने कहा कि दुनियाभर में अनुसंधानकर्ता उपचार के पारम्‍परिक तरीकों पर ध्‍यान दे रहे हैं और सरकार भी आयुष सेवाओं को ज्‍यादा से ज्‍यादा लोगों तक पहुंचाने पर ध्‍यान केंद्रित कर रही है।

जोधपुर: राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने न्‍याय को सर्व-सुलभ बनाये जाने की आवश्‍यकता पर जोर दिया है। आज जोधपुर में राजस्‍थान उच्‍च न्‍यायालय के नये भवन के उद्घाटन समारोह में कोविंद ने कानूनी बिरादरी के लोगों से आग्रह किया कि वे लोगों को जल्‍द से जल्‍द न्‍याय उपलब्‍ध कराने के लिए कार्य करे। उन्‍होंने समाज के जरूरतमंद और उपेक्षित लोगों को मुफ्त कानूनी सेवाएं उपलब्‍ध कराने की आवश्‍यकता पर भी जोर दिया। महंगी कानूनी सेवाओं पर चिंता व्‍यक्‍त करते हुए राष्‍ट्रपति ने कहा कि आम आदमी को न्‍याय दिलाने में टेक्‍नॉलोजी महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। कोविंद ने यह भी कहा कि अदालतों के फैसले स्‍थानीय भाषा में उपलब्‍ध कराये जाने चाहिए ताकि हर कोई उन्‍हें समझ सके। उन्‍होंने उच्‍चतम न्‍यायलय के आदेशों को 9 भाषाओं में उपलब्‍ध कराने के न्‍यायालय के प्रयासों की सराहना की।

समारोह में अपने भाषण में भारत के प्रधान न्‍यायधीश न्‍यायमूर्ति एस.ए. बोब्डे ने कहा कि आपराधिक न्‍याय प्रणाली के अंतर्गत मामलों को निपटाने में लगने वाले लंबे समय पर पुर्नविचार किया जाना चाहिए।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख