नई दिल्ली: साल 2012 में बहुचर्चित एयर होस्टेस गीतिका शर्मा सुसाइड केस में आज रॉउज एवन्यू कोर्ट ने फैसला सुनाया। कोर्ट ने इस मामले के मुख्य आरोपी हरियाणा के सिरसा से पूर्व विधायक गोपाल कांडा और मैनेजर अरुणा चड्ढा को बरी कर दिया है। इस मामले में रॉउज एवन्यू कोर्ट ने लगभग 11 साल बाद फैसला सुनाया है।
5 अगस्त 2012 को 23 साल की गीतिका ने उत्तरी पश्चिमी दिल्ली के अपने घर में पंखे से लटक कर आत्महत्या कर ली थी। गीतिका के पास से पुलिस ने एक 2 पेज का सुसाइड नोट बरामद किया था, जिसमें लिखा था कि गोपाल कांडा और उसका एक कर्मचारी उसका उत्पीड़न कर रहा है, इसलिए वो आत्महत्या कर रही है। आगे सुसाइड नोट में गीतिका ने लिखा कि मैंने अपनी जिंदगी में गोपाल कांडा से बेशर्म इंसान नहीं देखा। वो हमेशा झूठ बोलता है। गीतिका शर्मा ने अपने सुसाइड नोट में लिखा था कि गोपाल कांडा एक फ्रॉड है और हमेशा लड़कियों के प्रति गलत नजर रखता है। उसकी आदत लड़कियों को प्रताड़ित करने की है। वो हमेशा लड़कियों की ताक में रहता है।
गोपाल कांडा के अलावा अपने सुसाइड नोट में गीतिका ने कंपनी की मैनेजर अरुणा चड्ढा को भी जिम्मेदार ठहराया था।
गोपाल कांडा मामले का मुख्य आरोपी
इसके बाद जांच में ये पता चला था कि गीतिका कांडा के यहां नौकरी छोड़ने के बाद दुबई में एमिरेट्स एयरलाइंस में नौकरी लगने की कोशिश कर रही थी। लेकिन गोपाल कांडा ने उस एयरलाइंस को मेल कर लिखा कि "इस लड़की का चरित्र संदिग्ध है और इस पर धोखाधड़ी का एक मामला चल रहा है।" मेल मे कांडा ने एक फर्जी लुक आउट नोटिस भी लगाया था।
एयर होस्टेस गीतिका की मां ने भी की आत्महत्या
पुलिस ने कर्मचारी अरुण चड्डा को 8 अगस्त को गिरफ्तार कर लिया था। 18 अगस्त 2012 को गोपाल कांडा ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया था। गीतिका एमडीएलआर एयरलाइंस में एयर होस्टेस थी। बाद में उसे एयरलाइंस के गुरुग्राम के कॉरपोरेट ऑफिस में डायरेक्टर बना दिया गया। 6 महीने बाद गीतिका की मां ने भी आत्महत्या कर ली थी। उस मामले में भी गोपाल कांडा पर आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज हुआ था।
2014 में गोपाल कांडा को मिली जमानत
18 महीने जेल में रहने के बाद 2014 में कांडा को जमानत मिल गई थी। रोहिणी कोर्ट में 2014 में आरोप तय किए थे, जज एसके सरवरिया ने आईपीसी की धारा 376,377,306,120B,201,466,468 और 471 के तहत आरोप तय किया था, लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने रेप के आरोप से गोपाल कांडा को बरी करते हुए 376 और 377 आईपीसी की धाराएं हटा दी थीं।
रेडियो रिपेयरिंग से एयरलाइंस खोलने तक का सफर
कांडा 1998 के करीब रेडियो रिपेयर का काम करते थे,cफिर कांडा जूते बेचने के कारोबार में आए और फिर रियल एस्टेस के बड़े कारोबारी बन गए। जिसके बाद उन्होंने एविएशन सेक्टर में कदम रखा और यहीं से गीतिका शर्मा की एंट्री हुई। गोपाल कांडा ने साल 2008 में गुड़गांव से एमडीएलआर एयरलाइंस की शुरुआत की। इसी एयरलाइंस में गीतिका शर्मा एयर होस्टेस थी। इसका नाम उन्होंने अपने पिता के नाम 'मुरलीधर लेखा राम' (एमडीएलआर) के नाम पर रखा था।
हालांकि, ये एयरलाइंस साल 2009 में बंद हो गई थी। एमडीएलआर बंद हो चुकी थी पर कंपनी चल रही थी। इसके साथ करीब 40 दूसरी कंपनियां भी चल रही थीं, कांडा की कंपनी में कई लड़कियां थीं। इन्हीं में से एक लड़की थी दिल्ली की गीतिका।
गोपाल कांडा ने इस तरह गीतिका शर्मा को फंसाया
गीतिका शर्मा पर गोपाल कांडा ज्यादा ही मेहरबान थे और महज तीन साल के अंदर वो ट्रेनी से कंपनी की डायरेक्टर की कुर्सी तक पहुंच गई। मेहरबानियां बरसती रहीं और गीतिका तरक्की करती गई। लेकिन अचानक कुछ ऐसा हुआ कि गीतिका, कांडा और उनकी कंपनी दोनों से दूर चली गई। उन्होंने दुबई में नौकरी कर ली। हालांकि, कांडा ने उन्हें दिल्ली वापस आने पर मजबूर कर दिया। दिल्ली आने के बाद भी कांडा ने गीतिका का पीछा नहीं छोड़ा। आखिरकार गीतिका ने आत्महत्या कर ली।