चंडीगढ़: एसवाईएल का विवाद पर हरियाणा के मुख्यमंंत्री मनोहर लाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की बैठक बेनतीजा रही। बैठक के बाद हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने कहा कि बैठक में सहमति नहीं बन पाई। भगवंत मान ने कहा कि बैठक में हरियाणा की ओर से कहा गया कि एसवाईएल नहर बने तो हमने कहा पंजाब के पास अतिरिक्त पानी ही नहीं है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बैठक के बाद कहा कि एसवाईएल नहर बनाने के मुद्दे पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ बैठक हुई। इसमें पंजाब अपने पुराने रुख पर कायम रहा और इस कारण बैठक मेंं कोई सहमति नहीं बनी। मनोहर लाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट हरियाणा के पक्ष में फैसला दे चुका है, लेकिन पंजाब अड़ियल रुख नहीं बदला है।
मनोहर लाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार आज हमने बैठक की। एसवाईएल का निर्माण हमारे लिए जीवन मरण का सवाल है। इससे पहले भी पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत के साथ बैठक की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने एसवाईएल के निर्माण के लिए कहा है,लेकिन पंजाब उस पर सहमत नहीं है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत को बैठक के विषय में बताएंगे। पानी के लिए पहले भी ट्रिब्यूनल बनाया गया था और उसके बाद तीन जजों का नया ट्रिब्यूनल बनाया गया। लेकिन, ट्रिब्यूनल के फैसले अनुसार पानी के लिए भी एसवाईएल का निर्माण जरूरी है। कुछ और जरूरी मुद्दों पर भी बातचीत हुई।
उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों के ज्वाइंट पर पानी बंटवारे, साडा नाला, घग्गर नदी के पानी को साफ करने के विषय पर भी बातचीत हुई। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा केंद्रीय जल मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को अब अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा पंजाब के पास पानी देने के लिए नहीं है। अब केंद्रीय मंत्री इस पर फ़ैसला लेंगे की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को देंगे या बैठक दोबारा बुलाएंगे। एसवाईएल परर 19 जनवरी 2023 को सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल होगा।
भगवंत मान ने कहा- हमारे पास पानी नहींं है
भगवंत मान ने कहा कि आज हरियाणा के साथ बैठक हुई। हरियाणा का कहना है कि एसवाईएल का निर्माण शुरू किया जाए। हमने कह दिया कि पंजाब के पास पानी नहीं है। मान ने कहा कि हमने हरियाणा के सीएम से कहा है कि पीएम के पास चलते हैं। उनसे कहते हैं कि हरियाणा को पानी कहीं और से दे दो।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को स्पष्ट कर दिया है कि नहर बनाने की जरूरत क्या है जब पंजाब के पास देने के लिए पानी ही नहीं है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि जिस समय सतलुज यमुना लिंक नहर का समझौता हुआ था उस समय पंजाब के पास 18.56 एमएएफ पानी था। जोकि अब घट कर 12.6 फीसदी पानी रह गया है। अतः जब पानी नहीं है तो फिर नहर बनाने की क्या जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब की अपेक्षा हरियाणा के पास ज्यादा पानी है। मुख्यमंत्री ने हरियाणा को मुख्यमंत्री को सुझाव दिया कि वह दोनों प्रधानमंत्री के पास चलते है। हरियाणा के पास पानी नहीं है तो वह यमुना शारदा नहर से पानी मुहैया करवा दे क्योंकि पंजाब के पास पानी नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब 27 फीसदी पानी ही नदियों का प्रयोग कर रहा है। 73 फीसदी पानी पंजाब धरती से ही निकाल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले पानी को नाप लेना चाहिए। उसके बाद ही कोई बात करनी चाहिए।
बता दें पंजाब रावी-ब्यास नदी के पानी की मात्रा के पुनर्मूल्यांकन की मांग कर रहा है, जबकि हरियाणा एसवाईएल नहर के निर्माण को पूरा करने की मांग कर रहा है, ताकि उसे पानी का 35 लाख एकड़ फीट का अपना हिस्सा मिल सके। एसवाईएल मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के पक्ष में फैसला सुनाया था और केंद्र सरकार को फैसला लागू कराने के लिए मध्यस्थता की जिम्मेदारी सौंपी है।
चंडीगढ़ में हरियाणा निवास में हुई बैठक
बैठक हरियाणा निवास मेंं हुई। एसवाईएल के मुद्दे पर बैठक के लिए हरियाणा निवास में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान पहुंचे तो हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। इसके बाद बैठक शुरू हुई। बैठक में दोनों पक्ष के अधिकारी अपने राज्यों का इस बारे में पक्ष रखा। इसके बाद पंजाब के सीएम भगवंत मान और हरियाणा सीएम मनोहर लाल पूरे मामले पर चर्चा की।
एसवाईएल मामले पर दोनों राज्याें में सियासत तेज
बता दें कि एसवाईएल मुद्दे पर दोनों राज्या में राजनीति गर्म रही है और एक बार फिर इस पर सियासत तेज हो गई है। पंजाब के विपक्षी दलोंं ने भी बैठक से पहले वीरवार को भगवंत मान से कहा था कि वह हरियाणा सीएम के साथ बैठक में पंजाब के हितों के साथ कोई समझौता न करें। पंजाब कहता रहा है कि उसके पास हरियाणा को देने के लिए कोई अतिरिक्त पानी नहीं है। दूसरी ओर, हरियाणा का कहना है कि पहले हुए समझौते के अनुरूप पंजाब उसके हिस्से का पानी दे।
बाजवा बोले- भगवंत मान को पहले पंजाब में सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए थी
दूसरी ओर, पंजाब कांग्रेस के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान को पहले सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए थी। उन्हें सभी को बताना चाहिए था कि वह हरियाणा के मुख्यमंत्री के साथ हो रही बैठक में पंजाब का क्या पक्ष रखेंगे। उन्होंने कहा कि यह बैठक नहीं हुई लेकिन मुख्यमंत्रियों की बैठक के बाद भगवंत मान को आल पार्टी बैठक बुलानी चाहिए और उस बैठक में सभी पार्टियों को बताना चाहिए कि उन्होंने क्या स्टैंड लिया।
वहीं, कैबिनेट मंत्री हरपाल चीमा ने कहा कि एसवाईएल की समस्या कांग्रेस पार्टी की देन है। बाजवा के आल पार्टी बैठक बुलाने की मांग पर चीमा ने कहा, कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल के साथ किस बात पर विचार-विमर्श किया जाए। कांग्रेस ने एसवाईएल की समस्या खड़ी की और शिरोमणि अकाली दल ने उसमें उनका साथ दिया।