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चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने सोमवार को एक फिर जाट आरक्षण पर लगी रोक हटाने से इनकार कर दिया। अदालत ने हरियाणा सरकार की अपील पर सुनवाई की। इस दौरान अदालत ने सरकार और प्रतिवादियों का पक्ष सुना, लेकिन तत्काल राहत देने से इनकार कर दिया। अब इस मामले की सुनवाई 7 जुलाई को होगी। पीठ ने सोमवार को सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता जगदीप धनखड़ से पूछा कि वह मूल याचिका पर या रोक हटाने की अर्जी पर बहस करना चाहते हैं। इस पर धनखड़ ने कहा कि राज्य में दाखिलों और भर्ती प्रतिक्रिया जारी है। इसलिए वह पहले आरक्षण पर रोक हटाने की अर्जी पर बहस करना चाहते हैं। बता दें कि हरियाणा सरकार ने जाट आरक्षण पर रोक लगने के बाद अदालत में एक और अर्जी दाखिल कर वर्तमान में चल रही भर्ती प्रक्रिया के मद्देनजर रोक हटाने की मांग की थी। सरकार ने कहा की विधानसभा में विधेयक पारित कर जाटों को आरक्षण दिया गया है। ऐसे में इसकी कानूनी वैधता को चुनौती नहीं दी जा सकती। सरकार ने तमिलनाडु का हवाला देते हुए अदालत से तुरंत रोक हटाने की मांग की। वहीं सरकार की इस मांग का विरोध करते हुए प्रतिवादियों ने तर्क दिया कि सरकार ने दबाव में आकर आरक्षण देने का फैसला किया है। इसकी कानूनी वैधता नहीं है। सरकार ने केसी गुप्ता आयोग की रिपोर्ट को आधार बनाया है, जिसे सुप्रीम कोर्ट पहले ही खारिज कर चुकी है।

अब इस मामले में अगली सुनवाई 7 जुलाई को होगी।

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