रोहतक (हरियाणा): कोरोना उपचार की उम्मीद बने कोवैक्सीन बीबीवी-152 की रिसर्च में शुक्रवार पीजीआईएमएस रोहतक ने इतिहास रच दिया। संस्थान के आठ डॉक्टरों, तीन स्टाफ नर्सों, तकनीशियन व पूरे आईसीयू स्टाफ ने सभी सुरक्षा इंतजामों के बीच सुबह 11 बजे पहले वालंटियर को पहली डोज दी। इसके बाद जब सब कुछ सामान्य रहा तो दो अन्य वालंटियर को भी डोज दी गई। इस दौरान तीनों को लगभग ढाई घंटा आईसीयू में ही चिकित्सकों की निगरानी में रखा गया।
तीनों वालंटियर्स का स्वास्थ्य बिल्कुल ठीक है। वहीं, ट्रायल की जानकारी पर स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने ट्वीट करके खुशी जाहिर की है। अभी एक्सपर्ट को आईसीएमआर (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) से 14 वालंटियर की जांच रिपोर्ट का इंतजार है, जैसे ही इन्हें हरी झंडी मिलती है। इन सभी को भी रिसर्च के लिए कोवैक्सीन की डोज दे दी जाएगी। संस्थान ने आईसीएमआर में चार वालंटियर्स के सैंपल पहले भेजे थे, इसमें से तीन को रिसर्च में शामिल करने की मंजूरी मिली थी। माना जा रहा है कि शुक्रवार देर रात या शनिवार सुबह तक अन्य वालंटियर्स की जांच रिपोर्ट आ जाएगी।
कोरोना के लिए प्रभावी टीका समय की जरूरत: डॉ. कालरा
विश्व भर में कोरोना महामारी का रूप ले चुका है। ऐसे में मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ मृत्युदर भी बढ़ रही है, इस बीमारी का इलाज अभी तक नहीं है। इस कारण कोरोना को रोकने के लिए एक प्रभावी टीके की जरूरत है। इस कड़ी में पीजीआईएमएस ने शुक्रवार को अपना अहम योगदान अदा किया है। यह बात पत्रकारों से बातचीत के दौरान पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ओपी कालरा ने कही।
उन्होंने बताया कि उन्हें खुशी है कि आज उनके संस्थान में कोरोना से बचाव के लिए बने टीके का तीन स्वस्थ व्यक्तियों पर ट्रायल किया गया। जिन वालंटियर में यह इंजेक्शन दिया गया, उन्हें किसी भी प्रकार का कोई रिएक्शन नहीं हुआ। फार्माकोलॉजी विभाग की प्रोफेसर एवं रिसर्च की प्रिंसिपल इंवेस्टिगेटर डॉ. सविता वर्मा ने बताया कि कोरोना से बचाव के लिए बने टीके को ट्रायल मानव पर शुरू हो गया है।
उनकी इस रिसर्च में कोरोना के प्रदेश स्तर के प्रमुख नोडल अधिकारी एवं पीसीसीएम विभागाध्यक्ष डॉ. ध्रुव चौधरी व कम्युनिटी विभाग के डॉ. रमेश वर्मा को को-इंवेस्टिगेटर बनाया गया है। डॉ. सविता वर्मा ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि रोहतक के स्वस्थ्य युवाओं को यह इंजेक्शन लगवाने के लिए आगे आना चाहिए ताकि जल्द जांच पूरी हो सके।
वहीं, प्रदेश के कोविड-19 के प्रमुख नोडल अधिकारी डॉ. ध्रुव चौधरी ने बताया कि वैक्सीन की सुरक्षा हैदराबाद आधारित कंपनी, भारत बायोटेक द्वारा पशु अध्ययन में पहले ही साबित हो चुकी है, जो इस वैक्सीन के डेवलपर भी हैं। डॉ. रमेश वर्मा ने बताया कि यह परीक्षण दो चरणों में करने की योजना है।
पहले चरण में संस्थान 375 और दूसरे चरण में 750 वालंटियर होंगे। वैक्सीन का प्रतिरक्षण स्वस्थ स्वयंसेवकों में प्रयोग करने के लिए संस्थागत नैतिक समिति से नैतिक मंजूरी ली गई है। इस अवसर पर निदेशक डॉ. रोहताश यादव, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एमजी वशिष्ठ, डॉ. पवन, डॉ. दीक्षा, जनसंपर्क विभाग के इंचार्ज डॉ. वरूण अरोड़ा, डॉ. अमरीश उपस्थित रहे।
रिसर्च में शामिल होने के लिए युवा करें संपर्क
डॉ. ध्रुव चौधरी ने कहा कि कोई भी इच्छुक व्यक्ति पीजीआईएमएस की कोविड हेल्पलाइन 9416447071 पर फोन करके इस ट्रायल का हिस्सा बनने के लिए अपना पंजीकरण करवा सकता है। फार्माकोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. एमसी गुप्ता ने बताया कि जिन वालंटियर को यह वैक्सीन दी जाएगी, उनमें इस कम या ज्यादा होने वाले दुष्प्रभावों पर लगातार नजर रखी जाएगी, इसकी रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी जाएगी।