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नई दिल्ली: आरक्षण की मांग को लेकर हरियाणा में पिछले 50 दिनों से चल रहे आंदोलन का आज पटाक्षेप हो गया। दो केंद्रीय मंत्रियों की मध्यस्थता के साथ हरियाणा के मुख्यमंत्री तथा जाट नेताओं के बीच कई घंटे चली बैठक के बाद जाटों ने सोमवार को होने वाले दिल्ली कूच को रद्द करने का ऐलान कर दिया। वर्तमान हालातों में जाट व सरकार दोनों एक-दूसरे के प्रति नरम हैं। सरकार ने जहां सभी मांगे पूरी करने का भरोसा दिया है वहीं जाटों ने भी यह मान लिया है कि कानूनी प्रक्रिया में लगने वाले समय के दौरान वह शांत रहेंगे। सरकार नियम व कानून के दायरे में रहकर उनकी मांगे पूरी करेगी। रविवार को जाट समुदाय तथा हरियाणा सरकार के बीच यह पांचवीं बैठक थी जबकि एक संयुक्त बैठक गफलत के चलते रद्द हो गई थी। रविवार को अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समीति के अध्यक्ष यशपाल मलिक, अशोक बल्हारा तथा अन्य जाट नेताओं ने केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह, कानून राज्य मंत्री पी.पी.चौधरी तथा मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर के बीच दोपहर एक बजे से शाम करीब छह बजे तक दो चरणों में मैराथन बैठकें चलती रही। बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्री पी.पी. चौधरी ने आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार जाटों की मांगों को लेकर पूरी तरह से गंभीर है और बहुत जल्द राष्ट्रीय ओबीसी आयोग में नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। जिसके तुरंत बाद केंद्र में भी आरक्षण दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि केंद्र की पूर्व यूपीए सरकार ने जाटों को बगैर किसी ठोस योजना के आरक्षण दे दिया था। जिसके यह मामला आज भी विवादों में घिरा हुआ है। उन्होंने कहा कि केंद्र की वर्तमान सरकार सभी कानूनी पहलूओं को ध्यान में रखकर जाटों को आरक्षण की सुविधा देगी इस अवसर पर बोलते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने कहा कि प्रदेश सरकार सभी जायज मांगों को मानने के लिए तैयार है। खट्टर ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा मृतकों के आश्रितों और विकलांगों को स्थाई नौकरी प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि भविष्य में हरियाणा सरकार के वरिष्ठ अधिकारी तथा जाटों के बीच एक संयुक्त समीति काम करेगी, जो उन्हें आज स्वीकार की गई मांगों तथा उनके केसों की जानकारी देंगे। सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि केंद्र में जाट आरक्षण प्रक्रिया नैशनल कमिशन फॉर बैकवर्ड क्लासेस के चेयरमैन एवं सदस्यों की नियुक्ति के बाद शुरू होगी। खट्टर ने कहा कि दिल्ली में आंदोलनकारी नेतृत्व से हुई बातचीत में यह सहमति बनी है। उन्होंने कहा कि 2010 से जाट आंदोलन के दौरान प्रभावित हुए लोगों की समीक्षा की जाएगी एवं मृतक घायल तथा आश्रितों को नौकरी देने पर विचार किया जाएगा,सभी घायलों को घोषित मुआवजा तुरंत दिलवाया जाएगा,सभी आरोपित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। यह सभी घोषणा जल्दी अमल में लाई जाएंगी। इस बीच,जाट नेता यशपाल मलिक ने सरकार से बातचीत के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा,हमने सरकार को भरोसा दिया है कि सोमवार को दिल्ली कूच कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया है। अब जाट कल दिल्ली नहीं जाएंगे। मलिक ने कहा,26 मार्च तक सभी से बातकर आपसी सहमति बना ली जाएगी। हमें सरकार पर पूरा भरोसा है लेकिन तब तक सांकेतिक धरने जारी रहेंगे। यशपाल मलिक ने कहा,5 मांगों पर हमारी सहमति बन गई है।

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