चंडीगढ़: हरियाणा के संवेदनशील जिलों में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा आदेश लागू की गयी है और इंटरनेट सेवा निलंबित कर दी गई है। ऐसा 20 मार्च को जाट निकाय के संसद के घेराव के मद्देनजर किया गया है। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि रोहतक, झज्जर, भिवानी, चरखी दादरी और हिसार सहित हरियाणा के कई संवेदनशील जिलों में आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता प्रक्रिया (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत लोगों के अवैध तौर पर जमा होने पर रोक लगा दी। इन इलाकों की इंटरनेट सेवा अनिश्चितकाल के लिए निलंबित कर दी गई है। उन्होंने कहा कि ट्रैक्टर-ट्रोलियों के एक जिले से दूसरे जिले में आने-जाने पर भी रोक लगा दी गई है। स्थिति से निपटने के लिए सेना को बुलाया गया है। इस बीच, ऑल इंडिया जाट आरक्षण संघर्ष समिति (एआईजेएएसएस) 20 मार्च से राष्ट्रीय राजधानी की घेराबंदी करने पर अड़ी है। उनका आरोप है कि उनकी मांगे नहीं मानी गई हैं। यह संगठन आरक्षण के लिए आंदोलन की अगुवाई कर रहा है। एआईजेएएसएस अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा कि केंद्र को मुद्दा हल करने के लिए दखल देना चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछले साल फरवरी से हम हरियाणा सरकार से छह मौकों पर बातचीत कर चुके हैं लेकिन हमारी मांगे अब तक नहीं मानी गई हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मनोहर लाल नीत राज्य सरकार दुविधा में है और मुद्दे के समाधान के लिए गंभीरता नहीं दिखा रही है।
मनोहर लाल खट्टर ने बयान दिया है कि जाट निकाय लगातार अपनी बात बदल रहा है और मलिक ने पानीपत में एक तरफा तौर पर ऐलान किया था कि उनको (जाटों) शुक्रवार (17 मार्च) को दिल्ली में मुख्यमंत्री से मिलना था। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए एआईजेएएसएस के अध्यक्ष ने कहा कि हमारे आंदोलन को कमजोर करने की कोशिशें की जा रही हैं। यह सरकार उलझन में दिखती है। उनके बयान सिर्फ स्थिति को जटिल बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम चाहते थे कि मुख्यमंत्री हमारी मांगों पर अंतिम फैसला लें। यह फैसला हुआ था कि वह दिल्ली में हमसे मिलेंगे और हमारे साथ सभी मुद्दों पर चर्चा करेंगे, लेकिन दिल्ली में होने के बावजूद मुख्यमंत्री ने मुलाकात नहीं की। उन्होंने कहा कि हमने फैसला किया है कि हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे और अब हम 20 मार्च को दिल्ली कूच करेंगे। आधिकारिक प्रवक्ता ने यहां कहा कि इस बीच धारा 144 के तहत एहतियातन निषेधाज्ञा भी लगा दी गयी है। ऐसे में शराब की बिक्री, हथियार लेकर चलने के साथ ही रेलवे लाइन के पास पांच से ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर भी रोक लगा दी गयी है। उन्होंने कहा कि राज्य या राष्ट्रीय राजमार्गों पर पांच से ज्यादा लोगों के साथ ट्रैक्टर-ट्रॉली चलाने पर भी प्रतिबंध रहेगा। उन्होंने कहा कि ट्रैक्टरों में एक बार में दस लीटर से ज्यादा ईंधन नहीं डलवाया जा सकेगा और इसके साथ ही पेट्रोल पंप संचालकों को निर्देश दिया गया है कि ड्राइवर का नाम, गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर और उसमें सफर कर रहे यात्रियों की संख्या नोट करें। इसके साथ ही बोतलों या दूसरे पात्रों में पेट्रोल-डीजल की बिक्री पर रोक लगा दी गयी है। प्रवक्ता ने कहा कि प्रशासन ने खाद्य पदार्थों, खाना बनाने के सामान और लाठी और तलवार जैसे हथियारों से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के राजमार्ग पर चलने पर रोक लगा दी है। उन्होंने कहा कि राजमार्गों के किनारे तंबू लगाने पर रोक रहेगी। इसके साथ ही धर्मशालाओं, होटलों और रेस्तरां को निर्देश दिये गये हैं कि वो आने वाले मेहमानों का पूरा ब्योरा दर्ज करें।