चंडीगढ़: नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण की मांग कर रहे जाट समुदाय की ओर से आज हरियाणा में मनाया गया ‘बलिदान दिवस’ शांतिपूर्ण रहा । इस बीच, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि प्रदर्शनकारी जाट नेताओं के साथ बातचीत का नया दौर कल आयोजित होगा । हरियाणा में पिछले जाट आरक्षण आंदोलन के हिंसक हो जाने पर उसमें जान गंवाने वालों की याद में अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति की ओर से आयोजित ‘बलिदान दिवस’ के मद्देनजर राज्य में हाई अलर्ट जारी किया गया था और अधिकतम सुरक्षा बलों को तैनात किया गया था ताकि किसी तरह की अप्रिय घटना न हो सके । एक अधिकारी ने बताया कि एहतियाती उपाय के तौर पर हरियाणा रोडवेज ने हिसार, रोहतक, कैथल और सोनीपत सहित संवेदनशील जिलों में कुछ मार्गों पर पूरे दिन के लिए अपनी बस सेवाएं निलंबित रखी । मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राप्त सूचना के मुताबिक, राज्य में शांति एवं सद्भाव कायम है और प्रदर्शनों के आयोजकों ने उन्हें आश्वस्त किया था कि वे शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करेंगे। खट्टर ने यहां पत्रकारों को बताया कि कल जाट नेताओं के साथ बातचीत होगी और कानून के दायरे में उनकी मांगें पूरी की जाएंगी ।
अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति पानीपत में कल सरकार के साथ दूसरे दौर की बातचीत में हिस्सा लेने पर सहमत हुई । मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि इस मुद्दे को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा । खट्टर की ओर से ‘‘कानून के दायरे में’’ जाटों की मांग पूरी किए जाने का बयान दिए जाने के बाद समिति ने प्रदर्शन तेज करने की धमकी दी और प्रस्ताव पारित कर समुदाय के लोगों से कहा कि वे मांगें पूरी होने तक पानी और बिजली के बिल नहीं जमा करें । इस बीच, समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा कि प्रदर्शनकारियों की ओर से आज आठ प्रस्ताव पारित किए गए जिनमें समुदाय के लोगों से कहा गया कि वे ‘‘अपनी मांगंे पूरी होने तक पानी और बिजली के बिल जमा करना बंद कर दें ।’’