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चंडीगढ़: राबर्ट वाड्रा की कंपनी और रियल्टी कंपनी डीएलएफ के बीच भूमि सौदे की दाखिल खारिज को रद्द करने के बाद 2012 में सुर्खियों में आए आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने शनिवार को कहा कि किसी भी घोटाले में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। हरियाणा सरकार में विज्ञान और तकनीक विभाग के प्रधान सचिव खेमका ने आज ट्वीट किया, किसी भी घोटाले में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.. चाहे जमीन घोटाला हो, लाइसेंस घोटाला या बीज घोटाला। नया ग्वाल पहाड़ी (एमसी गुड़गांव) भूमि घोटाला, प्रभावी कार्रवाई नजर नहीं आती। केवल दिखावा। हालांकि उन्होंने इस संबंध में विस्तार से और कुछ नहीं लिखा और बार बार प्रयास करने के बावजूद उनसे संपर्क नहीं हो पाया। 14 फरवरी को एक अन्य ट्वीट में खेमका ने लिखा था, सफल करियर बनाने की इच्छा कमजोर कार्रवाई के रूप में सामने आई। या तो आप लड़ें या गैंग में शामिल हो जाएं। मूक दर्शक बने रहने का क्या मतलब है। गुड़गांव नगर निगम ने हाल ही में ग्वाल पहाड़ी में अपनी 450 एकड़ से अधिक जमीन को खाली करने के लिए लोगों को नोटिस भेजे थे। इस जमीन पर इस समय विभिन्न लोगों, निजी डेवलपरों और फार्म हाउस मालिकों का कब्जा है। इस जमीन का मालिकाना सवाल और दाखिल खारिज का मामला तीन दशक से अधिक पुराना है। ग्वाल पहाड़ी गुड़गांव-फरीदाबाद रोड पर अरावली रेंज का हिस्सा है।

खेमका 2012 में उस समय सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा की कंपनी मैसर्स स्काईलाइट होस्पिटेलिटी और प्रमुख रियल्टी कंपनी डीएलएफ के बीच जमीन सौदे की दाखिल खारिज को रद्द कर दिया था। आईएएस अधिकारी को अपने अभी तक के करियर में 40 से अधिक बार तबादले का सामना करना पड़ा है।

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