- Details
नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (15 फरवरी 2024) को चुनावी बॉन्ड स्कीम पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने इस स्कीम को असंवैधानिक बताया। कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि लंबे समय से प्रतीक्षित यह फैसला स्वागत योग्य है। यह नोटों पर वोट की शक्ति मजबूत करेगा।
"यह नोटों पर वोट की शक्ति मजबूत करेगा": कांग्रेस
जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार की बहुप्रचारित चुनावी बॉन्ड योजना को संसद द्वारा पारित कानूनों के साथ.साथ भारत के संविधान दोनों का उल्लंघन माना है। लंबे समय से प्रतीक्षित फैसला बेहद स्वागत योग्य है और यह नोटों पर वोट की शक्ति को मजबूत करेगा। मोदी सरकार चंदा देने वाले को विशेषाधिकार देते हुए अन्नदाताओं पर अत्याचार कर रही है।
वीवीपैट के मुद्दे पर ध्यान देगा सुप्रीम कोर्टः जयराम रमेश
जयराम रमेश ने कहा, हमें यह भी उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट इस बात पर ध्यान देगा कि चुनाव आयोग लगातार वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) के मुद्दे पर राजनीतिक दलों से मिलने से भी इंकार कर रहा है। अगर मतदान प्रक्रिया में सब कुछ पारदर्शी है तो फिर इतनी जिद क्यों?
सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड स्कीम को किया रद्द
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड स्कीम को असंवैधानिक बताते हुए रद्द कर दिया। कोर्ट ने कहा कि सरकार ने इस योजना से काले धन पर रोक की दलील दी थी। लेकिन इस दलील से लोगों के जानने के अधिकार पर असर नहीं पड़ता। यह योजना आरटीआई का उल्लंघन है। कोर्ट ने कहा, सरकार ने दानदाताओं की गोपनीयता रखना जरूरी बताया। लेकिन हम इससे सहमत नहीं हैं।
सीजेआई की अध्यक्षता वाली बेंच ने अपने फैसले में कहा, चुनावी बॉन्ड योजना अनुच्छेद 19 1(ए) के तहत हासिल जानने के मौलिक अधिकार का हनन करती है। हालांकि, हर चंदा सरकारी नीतियों को प्रभावित करने के लिए नहीं होता। राजनीतिक लगाव के चलते भी लोग चंदा देते हैं। इसको सार्वजनिक करना सही नहीं होगा। इसलिए छोटे चंदे की जानकारी सार्वजनिक करना गलत होगा। किसी व्यक्ति का राजनीतिक झुकाव निजता के अधिकार के तहत आता है।
- Details
नई दिल्ली: चुनावी बॉन्ड योजना की वैधता के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज फैसला सुना दिया है। अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द कर दिया है । सुप्रीम कोर्ट ने इसे असंवैधानिक बताया और सरकार को किसी अन्य विकल्प पर विचार करने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड योजना की आलोचना करते हुए कहा कि राजनीतिक पार्टियों को हो रही फंडिंग की जानकारी मिलना बेहद जरूरी है। इलेक्टोरल बॉन्ड सूचना के अधिकार का उल्लंघन है।
सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई बैंक से मांगी पूरी जानकारी
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने मामले पर सर्वसम्मति से फैसला सुनाया। हालांकि पीठ में दो अलग विचार रहे, लेकिन पीठ ने सर्वसम्मति से चुनावी बॉन्ड पर रोक लगाने का फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में एसबीआई बैंक को 2019 से अब तक चुनावी बॉन्ड की पूरी जानकाकरी देने का आदेश दिया है।
- Details
नई दिल्ली: चुनावी बॉन्ड योजना की वैधता के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज फैसला सुनाएगा। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने पिछले साल दो नवंबर को मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसे आज सुनाया जाएगा।
योजना के अनुसार, चुनावी बॉन्ड भारत के किसी भी नागरिक या देश में स्थापित ईकाई द्वारा खरीदा जा सकता है। कोई भी व्यक्ति अकेले या अन्य व्यक्तियों के साथ मिलकर चुनावी बॉन्ड खरीद सकता है। जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29 (ए) के तहत पंजीकृत राजनीतिक दल और लोकसभा या विधानसभा के पिछले चुनावों में कम से कम एक प्रतिशत वोट पाने वाले दल चुनावी बॉन्ड प्राप्त कर सकते हैं। बॉन्ड को किसी पात्र राजनीतिक दल द्वारा अधिकृत बैंक के खाते के माध्यम से भुनाया जा सकता है।
कोर्ट ने मामले में 31 अक्तूबर से नियमित सुनवाई शुरू की थी। मामले की सुनवाई प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच-सदस्यीय संविधान पीठ ने की।
- Details
नई दिल्ली: किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च के बीच संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने 16 फरवरी को भारत बंद का आह्वान किया है। एसकेएम ने अन्य किसान संगठनों और किसानों से इस भारत बंद में शामिल होने का अनुरोध किया है। बता दें कि मंगलवार से किसानों का दिल्ली चलो मार्च शुरू हुआ है और प्रदर्शनकारी किसानों व सुरक्षा बलों के बीच हिंसक झड़प देखने को मिली। झड़प में कई जवानों के घायल होने की खबर है।
कितने बजे तक रहेगा भारत बंद?
संयुक्त किसान मोर्चा और अन्य ट्रेड यूनियनों द्वारा बुलाए गए भारत बंद 16 फरवरी को सुबह छह बजे से शाम चार बजे तक जारी रहेगा। इसके अलावा देशभर के किसान मुख्य सड़कों को दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक जाम करेंगे। इस दौरान, खासकर पंजाब में शुक्रवार को ज्यादातर राज्य और राष्ट्रीय राजमार्ग चार घंटे के लिए पूरी तरह से बंद रहेंगे।
- देश
- प्रदेश
- आलेख
- 'संविधान, हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों की आधारशिला': राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
- संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना
- संविधान की प्रस्तावना में भी संशोधन कर सकती है संसदः सुप्रीम कोर्ट
- केंद्रीय कैबिनेट ने एग्रीकल्चर, रेलवे समेत कई प्रोजेक्टों को दी मंजूरी
- आरएसएस के मुखपत्र 'ऑर्गेनाइजर' ने की थी संविधान की आलोचना
- अडानी और संभल के मुद्दे पर हंगामे के कारण दोनों ही सदन स्थागित
- संसद के शीतकालीन सत्र में अडानी रिश्वत कांड़ पर हंगामें के आसार
- फैसले प्रभावित करने को हो रहा सोशल मीडिया का इस्तेमाल: चंद्रचूड़
- 'संसद के शीतकालीन सत्र में हो अडानी-मणिपुर मुद्दे पर चर्चा': कांग्रेस
- महाराष्ट्र में सुशासन की जीत और विभाजनकारी ताकतों की हार हुई:मोदी
- हाईकोर्ट ने राहुल की नागरिकता पर गृह मंत्रालय से मांगी स्टेटस रिपोर्ट
- 'रोज सफाईकर्मियों के साथ चाय-नाश्ता करें आप विधायक': केजरीवाल
- संभल में सर्वे के दौरान बीजेपी नेता लगा रहे थे भड़काऊ नारे: अखिलेश
- एकनाथ शिंदे ने दिया इस्तीफा, अब कौन होगा महाराष्ट्र का अगला सीएम
- दिल्ली में आज फिर एक्यूआई 400 पहुंचा, हाइब्रिड मोड में स्कूल क्लास
- हिंसक हुआ उदयपुर के पूर्व राजघराने का विवाद, पैलेस के बाहर पथराव
- ग्रैप में ढील: दिल्ली-एनसीआर में हाइब्रिड मोड पर खुलेंगे स्कूल-कॉलेज
- असम: केंद्र ने उल्फा पर फिर बढ़ाया अगले पांच वर्षों के लिए प्रतिबंध
- मणिपुर में अफस्पा कानून का विरोध शुरू, छह इलाकों में हुआ है लागू
- फडणवीस या शिंदे? मुख्यमंत्री पद को लेकर अभी भी फंसा हुआ है पेंच
- अमेरिका में एक ऐसा राज्य जो दूसरे देशों के लोगों के लिए है धनकुबेर!
- महाराष्ट्र और झारखंड़ चुनाव नतीजे तय करेंगे पीएम मोदी का भविष्य
- इंडोनेशिया में नई वीजा पॉलिसी के बाद विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ी
- खूंखार इजरायली खुफिया एजेंसी "मोसाद" ऐसे देती है टारगेट को अंजाम
- झारखंड चुनाव में इस बार आदिवासी महिलाएं तय करेंगी सत्ता का ताज
- महाराष्ट्र:ओबीसी वोटरों की ताकत से किला फतह करना चाहती है बीजेपी
- धर्म निरपेक्ष दलों के समर्थन पर निर्भर होगी अब तीसरी मोदी सरकार
- अयोध्या, काशी और मथुरा वाले यूपी में मोदी को मिल रही है शिकस्त
- जाट लैंड पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी को नुकसान का संकेत
- लोकसभा सीटों का बंटवारा एनडीए के लिए भी कम सिरदर्द नहीं होगा