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अंबिकापुर (छत्तीसगढ़): कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मंगलवार को कहा कि केंद्र ने किसानों के हितों के लिए आवाज उठाने वाले चौधरी चरण सिंह और कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया है, लेकिन वह ‘अन्नदाताओं’ (किसानों) के साथ ‘अन्याय’ कर रही है।

उनकी यह टिप्पणी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून की मांग कर रहे हजारों किसानों द्वारा किए गए ‘दिल्ली चलो’ मार्च के आह्वान की पृष्ठभूमि में आई है। किसानों के आंदोलन के कारण राष्ट्रीय राजधानी की घेराबंदी कर दी गई है, जहां अधिकारी उन्हें दिल्ली की सीमा में प्रवेश करने से रोक रहे हैं।

‘पलटी मारना’ उनके खून में है: जयराम

छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के मुख्यालय अंबिकापुर में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ हाथ मिलाने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री एवं जनता दल (यूनाइटेड) के नेता नीतीश कुमार पर भी निशाना साधा और कहा कि ‘पलटी मारना’ उनके खून में है।

रमेश ने कहा, ‘‘कुछ दिन पहले नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने वरिष्ठ किसान नेता चौधरी और ‘हरित क्रांति के जनक’ एमएस स्वामीनाथन को मरणोपरांत ‘भारत रत्न’ देने की घोषणा की थी और हम इस फैसले का स्वागत करते हैं। लेकिन जिस सरकार ने दो दिग्गजों के लिए प्रतिष्ठित सम्मान की घोषणा की है वही किसानों के साथ अन्याय कर रही है।’’

उन्होंने कहा कि किसान (दिल्ली में) तीन-चार मांगों के समर्थन में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जिन्हें मोदी सरकार ने तीन ‘काले’ कृषि कानूनों को वापस लेने के बाद पूरा करने का वादा किया था।

रमेश ने कहा, ‘‘किसान मांग कर रहे हैं कि एमएसपी को कानून का दर्जा दिया जाना चाहिए और स्वामीनाथन के फार्मूले के अनुसार फसलों की उत्पादन लागत का डेढ़ गुना एमएसपी तय किया जाना चाहिए। किसानों की तीसरी मांग है कर्ज माफी। मोदी सरकार ने चंदादाताओं का 14 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर दिया, लेकिन किसानों का एक लाख करोड़ रुपये का कर्ज नहीं माफ किया।’’

उन्होंने कहा कि केंद्र की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने 2008 में किसानों का 72000 करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया था।

कांग्रेस नेता ने कहा कि मोदी सरकार किसानों को दिया गया आश्वासन पूरा नहीं कर रही है, जो उसकी मंशा को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी किसानों के साथ खड़ी है और उनका समर्थन करती है।

विपक्षी दलों के ‘इंडिया’ गठबंधन से बाहर निकलने वाली पार्टियों के बारे में पूछे जाने पर रमेश ने कहा, ‘‘28 पार्टियां थीं और उनमें से केवल दो ही बाहर हुई हैं। दोनों में से एक हैं ‘पलटी कुमार’। पलटना उनके खून में है, वह बार-बार पलटते हैं। हम पलटी मारने के अलावा किसी और चीज की उम्मीद नहीं कर रहे थे। दूसरी राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) है जिसने चौधरी चरण सिंह को ‘भारत रत्न’ देने की घोषणा के बाद कुछ और ही फैसला लिया। सिर्फ दो पार्टियां ही निकली हैं। अभी 26 पार्टियां हैं और गठबंधन मजबूत है।’’

संवाददाता सम्मेलन के दौरान पार्टी के नेता कन्हैया कुमार भी मौजूद थे।

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