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नई दिल्लीः कांग्रेस पार्टी के पूर्व प्रमुख राहुल गांधी ने 14 फरवरी को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए हमले को याद किया। इस दौरान ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा, "पुलवामा हमले के 5 वर्ष! न कोई सुनवाई, न कोई उम्मीद और अनगिनत सवाल जिनका अभी तक नहीं मिला कोई जवाब।" दरअसल 2019 में हुए इस हमले में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के 40 जवानों की मौत हो गई थी। राहुल ने अपने ट्वीट के साथ एक वीडियो भी शेयर किया है जिसमें शहीद परिवारों का दर्द साझा किया है।

कश्मीर में 30 सालों का सबसे बड़ा आतंकी हमला

भारत के इतिहास में 14 फरवरी की तारीख एक गमगीन तारीख के तौर पर दर्ज है। 2019 में इस तारीख को पुलवामा में हुए आतंकी हमले में देश दहल गया था। सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स का काफिला श्रीनगर जम्मू हाइवे से गुजर रहा था। पूरे काफिले में 78 गाड़ियां थीं, जिनमें 2,547 जवान थे। जैसे ही काफिला पुलवामा पहुंचा जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने 350 किलोग्राम विस्फोटक से भरी एसयूवी की टक्कर काफिले की गाड़ी से करवा दी थी। विस्फोट की चपेट में आई दो बसों में से एक के परखच्चे उड़ गए थे।

इस हमले में 40 जवान शहीद हुए थे। कश्मीर में 30 साल में यह अब तक का सबसे बड़ा हमला था।

जैश के आतंकी को मिली थी ट्रेनिंग

हमले को जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी आदिल अहमद डार ने अंजाम दिया था। डार को ट्रेनिंग अब्दुल रशीद गाजी ने दी थी। पुलवामा हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। हमले से कुछ दिन पहले पांच फरवरी को कराची में जैश की एक रैली हुई थी। यहां आतंकवादी मसूद अजहर के छोटे भाई मौलाना अब्दुल रऊफ असगर ने भारत को दहलाने की धमकी दी थी।

भारत ने लिया था बदला

पुलवामा हमले के 13 दिन बाद भारत ने बदला लिया था। रात को भारतीय वायुसेना के मिराज विमानों ने पाकिस्तान में घुसकर जैश के सबसे बड़े आतंकी अड्डे पर बमबारी कर तबाही मचा दी थी। वायुसेना ने बालाकोट में बम गिराए थे। इसमें 350 आतंकियों के मारे जाने के दावे किए गए थे।

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