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नई दिल्ली: संसदीय समिति के कई सदस्यों ने सांसदों के वेतन और भत्ते को दोगुना करने के केंद्र के प्रस्ताव को तुरंत लागू करने की वकालत की और कहा कि इस मामले में सरकार की तरफ से गठित किसी भी समिति की रिपोर्ट को इसके माध्यम से गुजरना चाहिए। सूत्रों ने कहा कि संसद सदस्यों के वेतन और भत्ते पर संयुक्त समिति की बैठक में कई सांसदों ने सांसदों के वेतन भत्ते की समीक्षा के लिए गठित स्वतंत्र समिति की रिपोर्ट को इसके समक्ष रखे जाने की वकालत की। इस समिति को संसद से शक्ति हासिल है। उन्होंने कहा कि सरकार को रिपोर्ट सौंपे जाने से पहले समिति को इस पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सदस्यों ने इस बात पर जोर दिया कि उनका वेतन और भत्ता कैबिनेट सचिव के बराबर होना चाहिए।

केंद्र ने पिछले वर्ष सितम्बर में तीन सदस्यीय वेतन आयोग के गठन का प्रस्ताव दिया था ताकि संसद सदस्यों के वेतन और भत्ते तय किये जाएं और इसका 29 और 30 सितम्बर को दो दिवसीय अखिल भारतीय सचेतक सम्मेलन में अनुमोदन किया गया था। पिछले वर्ष जून में सांसदों के वेतन भत्ते को दोगुना करने की संसदीय समिति की अनुशंसाओं पर विवाद के परिप्रेक्ष्य में यह प्रस्ताव आया था। भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में संयुक्त समिति ने पिछले वर्ष मई और जुलाई में अपनी बैठक में कहा था कि सांसदों के वेतन भत्ते की समीक्षा के लिए स्वतंत्र प्रणाली..व्यवस्था की जरूरत है। समिति ने सुझाव दिया था कि वेतन, भत्ते में बढ़ोतरी का सुझाव देते समय महंगाई और सरकारी अधिकारियों के वेतन में बढ़ोतरी को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए।

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